उत्तराखंड में आसमानी आपदा -डॉ एमपी सिंह

विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन व चीफ वार्डन सिविल डिफेंस डॉ एमपी सिंह का कहना है कि उत्तराखंड में 17 से 19 अक्टूबर तक भारी बरसात होने की वजह से कुमाऊं और गढ़वाल के काफी लोगों की मौत हो चुकी है ऐसा इस वजह से हुआ क्योंकि या तो हम जागरूक नहीं थे या हमने सरकार के नियमों की अनदेखी की है
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि विगत साल फरवरी माह में ग्लेशियर फटने से ऋषि गंगा में बाढ़ आई थी और भूस्खलन होने से रैणी गांव बर्बाद हो गया था आज भी गंगा नदी के किनारे बसे हुए गांव के निवासी दिन-रात गंगा नदी के जल के स्तर को ही देखते रहते हैं और अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं और बरसात के दिनों में अपने निवास स्थान को छोड़कर सुरक्षित स्थान की तलाश में जंगलों में चले जाते हैं और वही दिन रात में बिताने पर मजबूर हो जाते हैं इस स्थिति से निबटने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार के दिनों की पुनरावृत्ति ना हो
 इस आपदा को मध्य नजर रखते हुए प्राथमिक सहायता व ग्रह परिचर्या के अधिकृत लेक्चरर डॉ एमपी सिंह ने अपने कुछ सुझाव साझा किए हैं जिन की पालना करने पर आम आदमी सुरक्षित रह सकता है और आपदा से प्रभावित लोगों की मदद की जा सकती है 
डॉ एमपी सिंह ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि आपदा से बचाव के लिए उपयुक्त कार्य किए जाने चाहिए तथा स्थानीय निवासियों के द्वारा सही जानकारी जनप्रतिनिधियों तक व मीडिया को सही समय पर देनी चाहिए ताकि सही दिशा में सही फैसले लिए जा सकें 
सही जानकारी के द्वारा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डीडीआरएफ आपदा प्रभावित लोगों की मदद कर सकती है 
स्थानीय लोगों को आपदा ग्रसित क्षेत्रों से दूर रहना चाहिए और बचाव कार्यों में बांधा भी नहीं डालनी चाहिए
 आपकी जरा सी चूक से काफी नुकसान हो सकता है
 अज्ञानता वह ना समझी के परिणाम हमेशा बदतर होते हैं इसलिए जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार के द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों की पालना करनी चाहिए
 जागरूकता शिविर लगाकर अन्य लोगों को भी जागरूक करना चाहिए 
जागरूकता तथा नियमों की पालना से संभावित नुकसान को रोका जा सकता है
 इस समय पूरे भारतवर्ष के लोग आपदा प्रभावित परिवारों की मदद के लिए खड़े हुए हैं 
हर प्रदेश से सूखा राशन, कपड़े ,दवाइयां, टेंट तथा आवश्यक सामग्री जिलाधीश के माध्यम से भिजवाई जा रही है 
डॉ सिंह ने बताया कि जलभराव की स्थिति में अनेकों प्रकार के मच्छर पैदा हो जाते हैं जिससे अनेकों बीमारियां फैल जाती हैं इसलिए बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए
 पूरे शरीर को ढक कर रखना चाहिए
 घर के आस-पास भरे हुए पानी में मिट्टी का तेल डालना चाहिए
 मच्छरों को मारने के लिए फागिंग करानी चाहिए
 मानवीय गुणों को अपनाना चाहिए
मानवतावादी सोच पर काम करना चाहिए
 जाति और धर्म को एक तरफ रख कर जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए 
किसी की मजबूरी का फायदा नहीं उठाना चाहिए
 आपदा मैं फसा हुआ राजा और रंक भी हो सकता है मेल फीमेल बूढ़ा जवान व बच्चा भी हो सकता है
 हमें अपने कार्य को पूरी ईमानदारी के साथ करना चाहिए
 प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति को ही रेस्क्यू ,प्राथमिक सहायता, ट्रांसपोर्टेशन के कार्यों के लिए आगे आना चाहिए
 मेडिकल प्रोफेशनल को ट्राएज पर काम करना चाहिए
बीमारियों को फैलने से रोकना चाहिए
 क्षतिग्रस्त बिजली की लाइनों को ठीक कराने में मदद करनी चाहिए
 गांव को सड़कों से जोड़ देना चाहिए
 राज्य की एजेंसियों के साथ मिलकर बेहतर तालमेल बैठाना चाहिए 
प्रभावित परिवार के बचे सदस्यों का मनोबल बढ़ाना
 चाहिए
 गलत रयूमर व अफवाह नहीं फैलानी चाहिए
 फंसे हुए तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सुरक्षित पहुंचाने में मदद करनी चाहिए 
नदियों के जलस्तर पर नजर रखनी चाहिए
 खोज एवं बचाव अभियान चलाना चाहिए
 प्राथमिक उपचार के लिए फर्स्ट एड पोस्ट लगानी चाहिए
 आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए निर्धारित 12 टीमों का गठन करना चाहिए
 प्रशासन और सरकार का साथ व सहयोग देना चाहिए
 संवेदनशील गांवों को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्वास कर देना चाहिए 
आम जनमानस की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करनी चाहिए 
समस्याओं का उचित हल निकालना चाहिए
 आपदा को अवसर नहीं बनाना चाहिए
 इस लेख को डॉ एमपी सिंह ने जनहित और राष्ट्रहित में इसलिए प्रसारित किया है ताकि इसको पढ़ने के बाद हम एक दूसरे के मददगार बन सके और विशेष जानकारी के लिए 98105 66553 पर संपर्क करें यदि उत्तराखंड में किसी भी प्रकार के प्रशिक्षण की जरूरत होती है तो मैं निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करूंगा और भविष्य में होने वाली आपदाओं पर काबू पाने के लिए विभिन्न प्रकार की टीमों का गठन करके पूर्व अभ्यास कराऊंगा
 मै मास्टर ट्रेनर हूं इसलिए अनेकों स्थानों पर अनेकों प्रकार की आपदाओं पर काबू पाने हेतु पूर्वाभ्यास कराया है 
इसलिए मैं अपना अनुभव का फायदा आम जनमानस को पहुंचाना चाहता हूं जिसको भी जरूरत हो मुझसे संपर्क कर लें
 मैंने प्राथमिक सहायता, ग्रह परिचर्या ,आपदा प्रबंधन, सड़क सुरक्षा, नागरिक सुरक्षा, कोरोना से जंग, होम आइसोलेशन, घर पर रोगी की देखभाल कैसे करें अनेकों पुस्तकें लिखी हैं जिन को पढ़कर देश और दुनिया के लोग काफी लाभान्वित हो रहे हैं मेरे कार्यों को गूगल पर डॉ एमपी सिंह नेशनल अवॉर्डी या डॉ एमपी सिंह फरीदाबाद लिखकर देख सकते हो

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