गुरु नानक देव जी की तरह प्रेरक बनना चाहिए - एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने प्रकाश पर्व और गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्मोत्सव प्रकाश पर्व के रूप में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ में सभी जगह मनाया जा रहा है
इस दिन सभी गुरुद्वारों को सजाया जाता है प्रबंधन कमेटी के द्वारा सुबह के समय प्रभात फेरी निकाली जाती है बाद में गुरु ग्रंथ साहब को पालकी में रखकर भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है नगर कीर्तन के दौरान गुरुवाणी का पाठ किया जाता है सभी श्रद्धालु अपनी श्रद्धानुसार लंगर व जल सेवा प्रदान करते हैं और गुरुद्वारों में गुरु नानक देव जी की वाणी का गायन वादन चलता रहता है
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव जी का दुनिया के महापुरुषों और संतों में उच्च स्थान है वह महान विचारक थे जिनके लिए कई सदियों से उनकी शिक्षाओं को याद किया जा रहा है और अमल में भी लाया जा रहा है
गुरु नानक देव जी ने कहा था कि ईश्वर एक है वह हर जगह विद्यमान है उनका मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं था उन्होंने अहंकार क्रोध लोभ मोह वासना नामक बुराइयों को सूचीबद्ध किया और कहा कि इनसे दूर रहने वाला हर व्यक्ति भगवान के करीब हो जाता है
गुरु नानक देव जी ने कभी जाति धर्म नस्ल रंग और आर्थिक स्थिति के आधार पर भेद नहीं किया उन्होंने अपना भोजन व सामान भी जरूरतमंद लोगों के साथ साझा किया
डॉ एमपी सिंह ने अपील करते हुए कहां कि हमें प्रकाश पर्व से सीख लेनी चाहिए और अपने अंदर के अंधकार को प्रकाश में बदलना चाहिए ऐसा करके से हमारा जीवन धन्य हो जाएगा और आने वाली पीढ़ी का भविष्य भी संभल जाएगा चोरी ,डकैती ,मर्डर, गैंगरेप ,बलात्कार, लूटपाट, डोमेस्टिक वायलेंस ,मानसिक पीड़ा ,सामाजिक उत्पीड़न, आत्महत्या आदि घटनाओं से छुटकारा मिल जाएगा बुजुर्ग वृद्ध आश्रम में नहीं जाएंगे प्रॉपर्टी विवाद से छुटकारा मिल जाएगा
- हमें ऐसी वाणी बोलनी चाहिए जो सम्मान दिला सके
- समाज में फैले अंधविश्वास को दूर करना चाहिए
- हमें आपस में नफरत व घृणा नहीं करनी चाहिए
- हमें एक दूसरे की मदद के लिए आगे आना चाहिए
- हमें अपने सांसारिक जीवन को सही तरीके से जीना चाहिए
- हमें समय का प्रबंधन सही तरीके से करना चाहिए
- हमें समाज सुधारक नहीं बनना चाहिए बल्कि स्वयं के सुधार के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए
- हमें लोगों को जागरूक करना चाहिए
- हमें कर्म शिक्षा के महत्व को बताना चाहिए
- हमें सत्य पर चलना चाहिए
- हमें धर्म के रास्ते को अपनाना चाहिए
- हमें अधर्मी ,वहशी ,नशेड़ी, शराबी ,चरित्रहीन, अपराधी का बहिष्कार और तिरस्कार करना चाहिए
- हमें किसी की आलोचना, निंदा, चुगली नहीं करनी चाहिए
- हमें आपस के भेदभाव को दूर करना चाहिए
- हमें अपने कार्य को पूर्ण निष्ठा और लगन के साथ करना चाहिए
- हमें अपने कार्यों में पारदर्शिता रखनी चाहिए
- हमें अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी के साथ निभाना चाहिए
- हमें दूसरे के हक को नहीं मारना चाहिए
- हमें दूसरों के साथ धोखाधड़ी - फरेब नहीं करना चाहिए
- हमें किसी को भी नीचा नहीं दिखाना चाहिए
- हमें सभी का यथायोग्य सम्मान करना चाहिए
- हमें जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए
- हमें सफलता प्राप्ति के लिए शॉर्टकट को नहीं अपनाना चाहिए
- हमें बहन बेटियों का सम्मान करना चाहिए
- हमें माता-पिता गुरुओं का सम्मान करना चाहिए
- हमें उत्तम व्यक्तित्व का धनी बनना चाहिए
- हमें दूरदर्शिता पर कार्य करना चाहिए
- हमें न्याय प्रिय नियमित और संयमित होना चाहिए
- हमें व्यक्तिगत लाभ व लालच के लिए सेवा नहीं करनी चाहिए
- हमें महापुरुषों के व्यक्तित्व और कार्यशैली से सीख लेनी चाहिए
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