कार फ्री डे से प्रदूषण को कम किया जा सकता है -डॉ एमपी सिंह

चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा चलाई गई ऑड इवन की पॉलिसी पोलूशन को कम करने में सहायक रही यह पॉलिसी अनुकरणीय  व अपनाने योग्य है फरीदाबाद के उपायुक्त जितेंद्र यादव ने हर बुधवार को कार फ्री डे करके प्रदूषण कम करने हेतु फरीदाबाद वासियों को एक सुंदर संदेश दिया है और सभी कर्मचारी और अधिकारी पैदल या साइकिल से अपने कार्यालय पहुंच रहे हैं और स्वास्थ्य लाभ उठा रहे हैं यदि इसी प्रकार की सोच हर जिलाधीश की हो जाए तो 1 दिन में कंज्यूम होने वाला 12 अरब लीटर पेट्रोल और 27 अरब लीटर डीजल बचाया जा सकता है 
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि वाहनों से निकलने वाले धुएं में कैडमियम, क्रोमियम ,कॉपर, लेड ,मरकरी, नाइट्रोजन, सल्फर डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन के मिश्रण का काला  धुआं निकलता है जो वायु में मिल जाता है और वायु के माध्यम से मानव जाति के फेफड़ों में पहुंच जाता है जिससे दमा, ब्रोंकाइटिस, सिर दर्द ,खांसी ,आंखों में जलन ,गले का दर्द ,निमोनिया ,उल्टी, जुखाम फेफड़ों का कैंसर ,हृदय रोग आदि हो जाते हैं 
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि 42 लाख लोग इस प्रदूषण की वजह से मौत के मुंह में चले जाते हैं 29 फीसदी लोग फेफड़े के कैंसर से मर जाते हैं 17 फ़ीसदी लोग श्वसन संक्रमण से 24 फीसदी स्ट्रोक से 25 फीसदी दिल की बीमारियों से और 33 फीसदी सीओपीडी से मर जाते हैं डॉ एमपी सिंह ने कहा कि ट्रैफिक जाम की वजह से प्रदूषण ज्यादा फैल रहा है इसलिए हमें आपस में वाहन शेयरिंग पॉलिसी को अपनाना चाहिए इससे आपस का प्यार बढ़ता है और आपसी अंडरस्टैंडिंग बैठती है रिश्ते भी बेहतर हो जाते हैं और प्रदूषण भी काफी कम हो जाता है 
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि हमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना चाहिए आजकल घर में जितने सदस्य होते हैं उन सभी के पास वाहन अलग अलग होते है और हर इंसान अपने अपने वाहन को बिना रोक-टोक बेपरवाह व बेझिझक  सड़क पर दौड़ाते है जिससे जाम की स्थिति पैदा हो जाती है और लाल बत्ती पर अधिक देर तक वाहन खड़े रहने से फ्यूल जलता रहता है और प्रदूषण का जन्म होता रहता है
 डॉ एमपी सिंह ने कहा कि लाल बत्ती पर हमें अपने वाहन को स्टार्ट रखने की बजाय बंद कर लेना चाहिए इससे काफी फर्क पड़ता है भले ही आपको छोटी बात लग रही हो लेकिन बहुत महत्वपूर्ण बात है 
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि हमें इलेक्ट्रिक व्हीकल का उपयोग करना चाहिए या सीएनजी व बैटरी वाले वाहनों का प्रयोग करना चाहिए ऐसा करने से काफी प्रदूषण कम हो सकता है 
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि वायु प्रदूषण कम करना व सुरक्षित वातावरण देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है हमें कम दूरी जाने के लिए पैदल चलना चाहिए और 10- 5 किलोमीटर चलने के लिए साइकिल का प्रयोग करना चाहिए अधिकतर लोग अपने शरीर को फिट रखने के लिए जिम भी तो जाते हैं लेकिन यदि हम पैदल चलते हैं या साइकिल चलाते हैं तो जिम जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी आजकल पर्यावरण बहुत प्रदूषित हो चुका है जागरूकता से ही प्रदूषित पर्यावरण से बचा जा सकता है 
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने की वजह से ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिसकी वजह से सुनामी और बाढ़ आ रही हैं 
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि कीटनाशक पदार्थ, रासायनिक उर्वरक, खरपतवार , विषैली गैसें आदि मृदा प्रदूषक है  मिट्टी की उत्पादक क्षमता पर प्रभाव पड़ता है इससे हानिकारक तत्वों की सांद्रता बढ़ जाती है परिणाम स्वरूप जल स्रोतों का पानी पीने योग्य नहीं रहता है 
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि औद्योगिक कचरा, पॉलिथीन, प्लास्टिक के डिब्बे घरेलू कूड़ा करकट, कचरा अनियंत्रित पशु चारण मृदा प्रदूषण के मुख्य कारण है इनको रोकने के लिए कूड़े करकट का संग्रहण निष्पादन व निस्तारण करना होगा कल कारखानों से निकलने वाली सीवरेज जल को मृदा पर पहुंचने से पूर्व उपचारित करना होगा नगर निकाय द्वारा अपशिष्ट का उचित निस्तारण रासायनिक उर्वरकों पर रोक लगानी होगी कीटनाशक केमिकल पर प्रतिबंध करना होगा तथा आम जनता को मृदा प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में बताना होगा 
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि पत्थरों को काटने से निकलने वाले धूल कण, वाहनों से जीवाश्म ईंधन का दहन, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं ,रेफ्रिजरेटर, वातानुकूलित, कीटनाशक व जीव जीवाणु नाशक दवा, फर्नीचर पर की जाने वाली पॉलिश ,पेंट ,स्प्रे आदि से वायु प्रदूषण होता है 
डॉ  सिंह ने बताया कि प्रदूषण से बचने के लिए सभी मानकों का पालन मन से करना चाहिए तथा सौर ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए और नालियों व गलियों मैं कूड़ा करकट नहीं डालना चाहिए घर की सफाई के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों की भी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए 
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान वाहन ना चलने की वजह से प्रदूषण मुक्त भारत वर्ष हो गया था और शुद्ध ऑक्सीजन सभी को मिलने लगी थी लेकिन आजकल एयर क्वालिटी इंडेक्स लेबल बहुत ज्यादा बढ़ गया है जिसमें सांस लेना दूभर हो रहा है

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