वायरस के द्वारा उत्पन्न आपदा पर काबू पाने के लिए सुझाव -डॉ एमपी सिंह

चीफ वार्डन सिविल डिफेंस डॉ एमपी सिंह का मानना है . कि निम्नलिखित टिप्स को अपनाने से मेडिकल या केमिकल आपदा पर काबू पाया जा सकता है 
आपदा तो कभी भी घटित हो सकती है इसलिए हमें जिला स्तर राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनानी चाहिए क्योंकि वायरस से घटित आपदाएं तो समय समय पर आती रहती हैं  जैसे प्लेग बड़ीमाता टीवी कोरोना चिकनगुनिया डेंगू आदि
 यदि मेडिकल से संबंधित आपदा  है तो आरएमपी, बीएमएस ,बीएमएस, बीआईएमएस, एमबीबीएस, एमडी ,एमएस, डीएम आदि की संपूर्ण लिस्ट होनी चाहिए एएनएम, जीएनएम, बीएससी नर्सिंग, जीडीए, डीएमएलटी आदि की संपूर्ण लिस्ट होनी चाहिए शहर में मेडिकल स्टोर्स ,टेस्टिंग लैबोरेट्री, नर्सिंग होम्स, हॉस्पिटल ,पंचायत घर, धर्मशालाएं ,सामुदायिक केंद्र, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटीज आदि का संपूर्ण रिकॉर्ड होना चाहिए शहर की जनसंख्या के अनुसार पेपर प्लान तैयार करना चाहिए शहर में सही तरीके से काम करने वाले स्वयं सेवकों का डाटा होना चाहिए सिविल डिफेंस, रेड क्रॉस, एनवाईके, एनसीसी ,एनएसएस के वॉलिंटियर्स का संपूर्ण डाटा होना चाहिए विपदा मैं सहयोग करने वाले दानदाताओं की सूची होनी चाहिए शहर में उपलब्ध एंबुलेंस, टेंट ,क्रेन ,सामान वाहन, शव वाहन, श्मशान घाट, आटा चक्की ,हलवाई व कैटरर्स ,जरूरी सामान की दुकान तथा पानी के टैंकरों की संपूर्ण लिस्ट होनी चाहिए सभी को हर 3 महीने के बाद प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि सभी को अपनी जिम्मेदारी का पता चल सके और पूर्व अभ्यास भी कराया जाना चाहिए सरकारी तंत्र के साथ गैर सरकारी तंत्र के लोगों को कैसे मिल कर काम करना है यह पूर्ण जानकारी सभी को होनी चाहिए जनहित और राष्ट्रहित में समर्पण के साथ इमानदारी से काम करना चाहिए किसी को नीचा दिखाने के लिए या अपमानित और जलील करने के लिए काम नहीं करना चाहिए सरकारी तंत्र के लोगों को अधिकतर अस्पताल के लोग मैनेज कर लेते हैं और रेफरिंग का मोटा फायदा पहुंचाते हैं जिससे जनकल्याण नहीं हो पाता है बाहरी दिखावा बहुत होता है एक जान अमूल्य होती है लेकिन उसे बचाने का हम ढोंग तो करते हैं और फोटो भी खिंचवाते हैं अखबारों की सुर्खियां मैं भी आते हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग होती है ईमानदारी से काम करने वालों की कदर नहीं होती है और बरसाती मेंढक सब जगह दिखाई पड़ जाते हैं आकाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए जो निस्वार्थ रूप से अवैतनिक सेवाएं देते हैं उनकी कद्र करनी चाहिए तभी भविष्य में बेहतर कार्य हो सकता है आजकल डेंगू का प्रकोप चल रहा है जिसमें किसी भी अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहे हैं बेड दिलाने के नाम पर भी मोटी रकम ऐंठी जा रही है कुछ लोग तो सिफारिश के तहत जरा सी बीमारी में मेडिक्लेम के तहत लेट जाते हैं गरीब लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है और बैड ना होने पर भी नगद जमा करने  वालों को अस्पताल में ले लिया जाता है जोकि एथिक्स के खिलाफ है सभी अस्पताल मालिकों के संबंध विधायक, सांसद और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अच्छे होने की वजह से उनका भरपूर फायदा उठाते हैं और वैल्यूज एंड एथिक्स को भूल जाते हैं ऐसा करने से आपदाओं पर काबू नहीं पाया जाता बल्कि आपदाएं और बढ़ जाती हैं तथा समाज में बुराइयां भी फैल जाती हैं प्रशासन को मॉनिटरिंग कमेटी गठित करनी चाहिए जिसमें सरकारी और गैर सरकारी लोगों की भूमिका होनी चाहिए लेकिन राजनीतिक लोग नहीं होने चाहिए 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आपदा अधिनियम के तहत आपदा के समय यदि कहीं रेल की पटरी  या सड़क टूट जाती है और उसके आसपास घर बने हुए होते हैं उन घरों को तोड़कर राहत सामग्री के लिए रास्ता तैयार किया जाता है ठीक उसी प्रकार से मेडिकल से संबंधित आपदा पर काबू पाने हेतु सभी प्राइवेट अस्पतालों को सरकार को अपने हाथों में ले लेना चाहिए और सुपर विजन सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों की लगा देनी चाहिए ताकि सही समय पर सही इलाज सही व्यक्ति के द्वारा मिल सके और पीड़ित की जान बच सकें क्योंकि शहर में एक ही सिविल अस्पताल होता है और 2-4 ईएसआई हॉस्पिटल, यूपीएससी ,सीएससी ,पीएचसी होते हैं जो की महामारी के समय सफिशिएंट नहीं होते हैं यदि ऐसे समय पर सभी अस्पतालों की इमारतों और उनके इंस्ट्रूमेंट का प्रयोग किया जाए उन्हीं डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएं तो आपदाओं पर काबू पाया जा सकता है कोविड-19 के दौरान भी अनेकों स्कूलों में कोविड-19 के सेंटर बनाए गए लेकिन पूरी मशीनरी के साथ संचालित अस्पतालों को साथ मे नहीं लिया गया बल्कि उनको डरा धमका दिया यदि आपने अपना अस्पताल खोला और किसी पेशेंट को भर्ती किया या दवाई गोली दी  तो जेल जाना पड़ेगा इसलिए जेल के डर की वजह से उन्होंने किसी भी पेशेंट को नहीं देखा जबकि शासन प्रशासन के साथ मिलकर अनेकों लोगों की जान बचाने में अपना सहयोग प्रदान कर सकते थे
 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि हमें पॉलिसी ऐसी बनानी चाहिए जिससे आम जनता का फायदा हो उसका कोई नाजायज फायदा ना उठा सके चाहे कोई अमीर हो या गरीब हो प्रशासनिक अधिकारी हो या कर्मचारी को राजनेता हो या अभिनेता हो दिखावा बिल्कुल नहीं होना चाहिए ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करना चाहिए हर व्यक्ति किसी ना किसी के लिए उतना ही महत्वपूर्ण होता है जितना हमारा व्यक्ति हमारे लिए उक्त सुझाव डॉ एमपी सिंह के व्यक्तिगत सुझाव है जिनको फॉलो करने से फायदा हो सकता है 
डॉ एमपी सिंह ने अनेकों आपदाओं में बहुत लंबे समय से कार्य किया है और आपदा प्रबंधन, कोरोना से जंग, होम आइसोलेशन, घर पर रोगी की देखभाल ,सिविल डिफेंस, नागरिक सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, प्राथमिक सहायता, ग्रह परिचर्या आदि पुस्तकों को भी लिखा है लाखों लोगों को प्राथमिक सहायता और ग्रह परिचर्या का प्रशिक्षण दिया है देश के विभिन्न स्थानों पर बाढ़ और भूकंप से बचने के टिप्स दिए हैं तथा मॉकड्रिल कराई है इसलिए इस लेख के माध्यम से अपने अनुभव को शेयर किया है

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