मॉक ड्रिल आग लगने की बचाव में बहुत मददगार है- डॉ एमपी सिंह

चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन को बड़े दुख के साथ में यह कहना पड़ रहा है कि दीपावली के अवसर पर फरीदाबाद स्थित नहर पर सेक्टर 86 के पाल्म रेजिडेंसी के 18 मंजिल वाले फ्लोर पर किसी कारण से आग लग गई जबकि फ्लैट में रहने वाले मनोज भार्गव का कहना है कि हम 15-20 मिनट के लिए मंदिर में पूजा करने के लिए गए थे पीछे से ही शार्ट सर्किट की वजह से आग लग गई है 
जब हमने धुआ निकलता हुआ देखा तो आग को बुझाने के लिए फायर सिस्टम को चालू करना चाहा लेकिन फायर सिस्टम नहीं चल पाया जिन आग बुझाने वाले सिलेंडरो से आग बुझाना चाहा उनमें गैस नहीं थी हम ने फायर ब्रिगेड को फोन किया फायर ब्रिगेड की गाड़ी कुछ समय में पहुंच गई लेकिन आग बुझाने में असमर्थ रहे इसलिए हम अपने फ्लैट की आग को नहीं बुझा पाए और अपनी आंखों के सामने अपनी मेहनत की कमाई को  धुं धुं जलते हुए देखा 
श्रीमती भार्गव ने बताया कि पहले कभी टेलीविजन में ऐसा देखा था लेकिन ऐसा पता नहीं था कि हमारे साथ भी ऐसा ही हो जाएगा 
चीफ वार्डन सिविल डिफेंस का कहना है कि जब भी हम मकान दुकान लेते हैं तो सबसे पहले आपदा प्रबंधन अधिनियम के द्वारा जारी किए गए सेफ्टी नॉर्म्स को देख लेना चाहिए और बिजली की तारों को नंगा नहीं छोड़ना चाहिए पुरानी तारों को बदलवा देना चाहिए बिजली का कोई भी  बटन जल गया है तो उसे तुरंत बदलवा देना चाहिए घर का वर्क लोड इलेक्ट्रीशियन से चेक करा देना चाहिए ताकि भविष्य में घटित होने वाली आगजनी घटना से बच सकें बिजली के सामान में बिल्कुल भी कंजूसी नहीं करनी चाहिए और कोताही भी नहीं बरतनी चाहिए
 डॉ एमपी सिंह ने कहा कि बिजली के उपकरण चलाते समय विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए क्योंकि बिजली और आग किसी के सगे नहीं होते हैं दुर्घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है जागरूकता के लिए पूर्वाभ्यास यानी मॉकड्रिल बहुत जरूरी है आग क्यों लगती है आग कैसे  लगती है आग को कैसे बुझाया जाता है आग से जले व्यक्ति को कैसे बचाया जा सकता है उक्त सभी बातों पर प्रशिक्षण लेना भी बहुत जरूरी है  क्योंकि जीवन हमारा है 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से जो ठीक हो उसी को खरीदना चाहिए चाहे भले ही उसके लिए कुछ- अधिक धनराशि अदा करनी पड़े लेकिन हमेशा करते नहीं हैं 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि बच्चे को पढ़ाने भेजते हैं लेकिन  स्कूल कॉलेज कोचिंग सेंटर विश्वविद्यालय की इमारतों की जांच नहीं करते हैं हम बीमार होकर अस्पताल में लेट जाते हैं लेकिन फायर सेफ्टी की तरफ कोई ध्यान नहीं होता है हम कारखाने में काम करने जाते हैं लेकिन कहीं सेफ्टी नॉर्म्स का ध्यान नहीं देते हैं सड़कों पर चलते समय अनेकों ओवर ब्रिज से गुजरना पड़ता है लेकिन कहीं पर भी पुल के बारे में  कुछ नहीं लिखा होता है और ना  कुछ पढ़ने की वजह से हम हादसा का शिकार हो जाते हैं हम होटल और क्लब  में जाते हैं अंदर घुसने का तो पता होता है लेकिन बाहर निकलने का पता नहीं होता है जिसकी वजह से अनेकों लोग आगजनी घटना के शिकार हो चुके हैं 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि हमें सूझबूझ का परिचय देना चाहिए और सेफ्टी नॉर्म्स को अपनाना चाहिए  जहां सेफ्टी नॉर्मो की पालना नहीं होती है वहां पर हमें पछताना पड़ जाता है 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि हमें गलत तरीके से एनओसी नहीं लेनी चाहिए वैसे तो आजकल करप्शन सिर चढ़कर बोल रहा है किसी की जान की किसी को कोई परवाह नहीं है सिर्फ पैसे लेकर एनओसी जारी की जा रही है जो कि जनहित और राष्ट्रहित में नहीं है सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए अन्य लोगों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है इस पर भी चिंतन और मंथन करने की जरूरत है
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि अभी बहुमंजिला इमारतों की आग बुझाने के लिए सरकार के पास भी उपलब्ध सामान नहीं है फायर ब्रिगेड के द्वारा अधिकतम ऊंचाई पर आग को आज भी नहीं बचाया जा सकता है जिसके कारण हमें जान और माल का नुकसान उठाना पड़ता है इसलिए बहुमंजिला इमारतों की बजाए प्लॉट लेकर दो तीन मंजिल मकान बनाकर रहने में ही भलाई है क्योंकि जान है तो जहान है 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि  बहुमंजिला इमारत के ऊपर से जमीन की तरफ देखने पर चक्कर आ जाते हैं और कई बार घबराहट और बेचैनी बढ़ जाती है यदि किसी प्रकार का भूकंप या आंधी तूफान आ जाए तो भी घबराहट शुरू हो जाती है अचानक बिजली चली जाने पर लिफ्ट बंद हो जाए या लिफ्ट में आदमी फस जाए तो बीपी हाई हो जाता है और दम घुट कर आदमी मर भी जाता है सीधी उसे 18-20 मंजिल पर जाना आना संभव नहीं नीचे से फल और सब्जी वे जरूरत किस का सामान खरीदने के बार-बार नीचे ही आना होगा इसलिए हर बात को मध्य नजर रखते हुए एक फ्लैट खरीदने का मन बनाना चाहिए उसके नकारात्मक और सकारात्मक पहलुओं पर जरूर सोचना चाहिए फ्लैट लेने के बाद और नुकसान होने के बाद सोचने के कोई मायने नहीं रह जाते हैं भगवान ने बुद्धि और विवेक दिया है इसलिए नुकसान होने से पहले ही सोचना चाहिए क्या सही है क्या गलत है क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए जल्दबाजी और आवेश में लिए गए फैसले अक्सर गलत होते हैं
 किसी भी मॉकटेल कराने के लिए आप डॉ एमपी सिंह से 98105 66553 पर संपर्क कर सकते हैं
 मैंने आपदा प्रबंधन ,प्राथमिक सहायता, ग्रह परिचर्या, सड़क सुरक्षा, नागरिक सुरक्षा ,कोरोना से जंग, होम आइसोलेशन ,घर पर रोगी की देखभाल ,सफलता का रहस्य आदि पुस्तकों को लिखा है और पिछले 35 सालों से डिजास्टर मैनेजमेंट पर कार्य कर रहा हूं लाखों विद्यार्थियों और उद्यमियों को प्राथमिक सहायता का प्रशिक्षण दिया है अनेकों शहरों में डिजास्टर मैनेजमेंट पर मॉकड्रिल कराई है इसलिए आप प्रशिक्षण और मॉकड्रिल के लिए संपर्क कर सकते हैं

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