सफाई कर्मचारियों का सम्मान करना चाहिए - एमपी सिंह
. निगमायुक्त यशपाल यादव तथा एडीशनल कमिश्नर एमसीएफ फरीदाबाद इंद्रजीत कुलहाडिया के कुशल नेतृत्व में मास्टर ट्रेनर डॉ एमपी सिंह ने वार्ड नंबर 30 के राजा गार्डन में स्वच्छता अभियान से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम चलाया जिसमें इको ग्रीन के कर्मचारी व अधिकारी साथ रहे डॉ एमपी सिंह ने कहा कि हमें सफाई कर्मचारियों का सम्मान करना चाहिए यह आप सभी के घर की गंदगी को उठाकर डंपिंग यार्ड पर डालते हैं आपके घर का गंदा सड़ा बुशा खाद्य व पेय पदार्थ उठाकर अपनी इको ग्रीन गाड़ी में रखते हैं और आपको इंफेक्शन व मक्खी मच्छर से बचाते हैं यदि सफाई करमचारी समय पर आपका कूड़ा ना उठाएं तो घर में रहना मुश्किल हो जाता है आपकी गली की सफाई समय पर ना हो तो निकलना दूभर हो जाता है आपके सीवर की सफाई समय पर ना हो तो बीमारी फैल जाती है फिर समझिए कि आप सभी के लिए सफाई कर्मचारी कितने महत्वपूर्ण है फिर भी हमें इनको ₹50 देने में तकलीफ होती है साथ ही उनका कार्य बहुत मुश्किल और जोखिम से भरा होता है लेकिन फिर भी पेट के कारण उनको करना पड़ता है हम लोग इस कार्य को नहीं कर पाते हैं यहां तक की घर की टॉयलेट और बाथरूम भी साफ नहीं कर पाते हैं घर की झाड़ू पोछा के लिए भी आया रखते हैं बिना आया के काम नहीं चलता है लेकिन हम इनका सम्मान नहीं करते हैं
डॉ एमपी सिंह ने शहर वासियों से निवेदन करते हुए कहा की सफाई की मुहिम में नगर निगम का साथ दें ताकि फरीदाबाद साफ सुथरा रह सके निगमायुक्त ज़ी सार्थक पहल का धन्यवाद करें और गीला तथा सूखा कूड़ अलग-अलग करके इकोग्रीन के अधिकृत अधिकारियों को ही दें
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि इकोग्रीन की गाड़ियों पर काम करने वाले साथियों की वेशभूषा को भली-भांति देखा होगा आपके घर की गंदगी उठाने में उनके हाथ तथा कपड़े किस प्रकार गंदे हो जाते हैं गंदगी के बीच में रहकर भी वह प्रसन्न रहते हैं लेकिन उनकी मजबूरी उनसे यह कार्य कराती है क्योंकि वह अनपढ़ है उनके पास अन्य कोई हुनर नहीं है उनके साथ परिवार है उनके साथ जिम्मेदारियां हैं उन जिम्मेदारियों को निभाने के लिए उन्हें सिर पर भी गंध उठाने पड़ जाती है उन्हें शिविर में भी घोषणा पड़ता है उन्हें आपकी मल मूत्र भी साफ करने पड़ते हैं आपकी हारी बीमारी व मरने गिरने का सामान भी उठाकर फेंक ना होता है मरे हुए जीव-जंतुओं को भी उठाना पड़ता है लेकिन वह नफरत नहीं करते हैं और अपना कर्तव्य समझकर लगन और समर्पण के साथ उस कार्य को मन से करते हैं वास्तव में उनका कार्य जोखिम भरा होता है उनके हाथ कांच व ब्लेड से कर सकते हैं नुकीले सामान से हाथ और पैरों में छेद हो सकते हैं लेकिन आप उनकी बिल्कुल परवाह नहीं करते हैं आप तो अपने घर का सामान सब पॉलिथीन में रखकर इको ग्रीन गाड़ी में फेंक देते हैं
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