जलवायु आपदा रोकने के लिए बड़े कदम उठाने चाहिए -डॉ एमपी सिंह
चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व कोविड-19 के कोऑर्डिनेटर डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आजकल कड़ाके की ठंड पड़ रही है जिस से बचाव करना अति आवश्यक है यह अत्यंत नुकसानदायक है चारों तरफ कोहरा देखने को मिल रहा है जिससे सड़क दुर्घटना अधिक हो रही है डॉ एमपी सिंह ने बताया कि उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध में जलवायु परिवर्तन का असर दिखाई पड़ने लगा है जिसके तहत समृद्ध साली लोग सड़क किनारे रहने वाले लोगों को कंबल वितरित कर रहे हैं ताकि ठंड से बचाव हो सके और सरकार के द्वारा रेन बसेरा भी खोले जा रहे हैं तथा हीटर आदि की व्यवस्था भी की जा रही है 2021 के दौरान हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र गोवा भूस्खलन होने और बादल फटने जैसी घटनाओं से 164 लोगों की मौत हो गई थी और चक्रवात के कारण भारी तबाही हुई तथा 50 से अधिक लोग मारे गए झारखंड में इस दवाई से 14 लोगों की मौत हो गई डॉ एमपी सिंह ने बताया कि 2021 में जापान स्थित रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन टीचर ने एक अध्ययन में बताया कि देश के सबसे अमीर 20 फ़ीसदी लोगों का कार्बन फुट प्रिंट गरीबों की तुलना में 7 गुना अधिक होता है जिससे गरीब किसी भी आपदा को झेल सकते हैं और मौसम के अनुसार अपने आप को डाल सकते हैं लेकिन अमीरों के लिए कोई भी मौसम तकलीफ बन जाता है डॉ एमपी सिंह ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है जंगलों की संख्या कम होती जा रही है पेड़ पौधों की कटाई अधिकतम की जा रही है तालाबों की संख्या घटती जा रही है पृथ्वी को खोखला किया जा रहा है उपजाऊ भूमि पर बहुमंजिला इमारतें बनाई जा रही है कच्चे पहाड़ों को काटा जा रहा है जिसकी वजह से अनेकों प्रकार की आपदाएं आ रही है कभी सुनामी आती है तो कभी बाढ़ आते हैं कभी भूस्खलन होता है तो कभी आगजनी घटना होती है यदि इन सब से छुटकारा चाहते हो तो आपको जागरूकता का परिचय देना होग और हर दिन अपना कार्बन फुटप्रिंट कम करना जरूरी है तभी 2022 में जी पाएंगे और यदि आप आने वाले आपदाओं से निजात हासिल करना चाहते हैं तो आप सभी को कार्बन उत्सर्जन की राह अपनानी होगी
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