विशिष्ट बच्चा अपनी असमर्थता से जूझता हुआ अपनी जिंदगी से हार जाता है डॉ एमपी सिंह

 ग्रेटर फरीदाबाद स्थित नामी-गिरामी स्कूल का विद्यार्थी 15 वी  मंजिल से कूदकर जान दे देता है आखिर क्यों कौन दोषी है और भविष्य में क्या होना चाहिए समय रहते यदि समस्या का समाधान हो जाता तो बच्चा बच सकता था उक्त समस्या पर विचार करते हुए देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने इस आर्टिकल को जनहित और राष्ट्रहित में प्रकाशित किया है डॉ एमपी सिंह का कहना है कि कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थी विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं कुछ की श्रवण शक्ति कम हो सकती है कुछ दृश्य हीन हो सकते हैं या आंखों पर चश्मा कम उम्र में ही लग जाता है कुछ की बोली और भाषा भिन्न भिन्न हो सकती है कुछ अधिक बुद्धिमान हो सकते हैं कुछ की लिखने की गति बहुत धीमी हो सकती है कुछ की समझने की शक्ति कम होती है कुछ कुशाग्र बुद्धि के होते हैं कुछ शांत स्वभाव के तो कुछ शरारती होते हैं कुछ खेलकूद में तो कुछ संगीत में रुचि रखते हैं अनेकों विद्यार्थी आर्थिक व सामाजिक रुप से कमजोर होते हैं कुछ कुशाग्र बुद्धि के तो कुछ मंदबुद्धि के होते हैं कुछ बच्चों का उच्चारण ठीक नहीं होता है कुछ बच्चों का सामान रवैया नहीं होता है उक्त बच्चे विशेष जरूरत वाले बच्चे होते हैं उनकी विशेष आवश्यकताएं हो सकती हैं हमें इन बच्चों के साथ संवेदनशील व अनुकूल रहना चाहिए कुछ बच्चे अंधे बहरे गूंगे लूले लंगड़े अपंग दृष्टिहीन काले कमजोर शर्मीले हो सकते हैं ऐसे विद्यार्थियों को अलग तरीके से पढ़ाया या समझाया जाता है ऐसे बच्चों को साधारण बच्चों के साथ नहीं पढ़ाना चाहिए उनके साथ उपेक्षा का शिकार हो सकते हैं और परिणाम बेहतर की जगह बदतर हो सकते हैं ऐसे विद्यार्थियों को प्यार व समय चाहिए ऐसे बच्चों की कुछ असमर्थताएं होती हैं जो परिवार समाज व विद्यालय मैं ठीक प्रकार से कार्य करने के रास्ते में बाधक होती हैं इन्हीं कठिनाइयों के कारण उन्हें पूर्ण रूप से समर्थ होने में अनेकों समस्याएं आती हैं यह समस्याएं शारीरिक मानसिक सामाजिक आर्थिक राजनीतिक भावात्मक भाषाई मनोवैज्ञानिक हो सकती है इन समस्याओं का निदान करने हेतु इन विद्यार्थियों पर विशेष व अतिरिक्त ध्यान देना होगा अन्यथा अनेकों बच्चे हीन भावना का शिकार होते रहेंगे व सुसाइड रेट बढ़ता रहेगा उक्त विद्यार्थियों के विकास व उत्थान में शिक्षकों का सबसे बड़ा योगदान होता है उक्त समस्याओं के समाधान के लिए हमें मानवीय गुणों को अपनाना होगा और भेदभाव की नीति को छोड़ना होगा अधिक जानकारी व काउंसलिंग के लिए मुझसे फ्री ऑफ कॉस्ट 9810566553 पर संपर्क कर सकते हो

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