सिर्फ बातें ही बातें वास्तविकता कुछ नहीं डॉ एमपी सिंह

देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर लोग सिर्फ बातों का ही खाते हैं उनका कोई काम धंधा नहीं होता है सिर्फ दूसरों को गुमराह करते हैं या इधर की उधर बातों को करने में लगे रहते हैं बड़े ही चापलूस होते हैं बड़े ही मीठे ठग होते हैं इज्जत करने का बहाना करते हैं बड़े सपने दिखाते हैं और अंदर घर तक पहुंच  जाते हैं मासूमियत का फायदा उठाते हैं और बड़ा झटका देकर चले जाते हैं ऐसे लोग बहुत कम लोगों की पहचान में आते हैं कैसे पहचाना जाए इन लोगों को
 डॉ एमपी सिंह का कहना है की थोथा चना बाजे घना यह कहावत सत्य है घर में रोटी खाने के लिए नहीं होती हैं लेकिन इधर की टोपी उधर कर के बड़े-बड़े होटलों पर खाना खाते हैं और महंगे वस्त्र पहनते हैं पुलिस के साथ सांठगांठ रखते हैं 
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि ऐसे लोग बनावटी दुनिया में जीते हैं गलत हथकंडे अपनाकर बैंकों से लोन लेते हैं गलत वार्तालाप करके दिवास्वप्न दिखाकर अपने मित्र रिश्तेदार सगे संबंधियों से पैसा लूट लेते हैं ऐसे लोग बड़े स्थानों पर बड़ी कोठियों में रहते हैं घर में जासूसी कैमरे रखते हैं बड़े-बड़े कुत्ते रखते हैं बड़ी-बड़ी गाड़ियां रखते हैं बाहर से देखने पर ऐसा लगता है कि यह बहुत अमीर आदमी है यह बहुत पहुंच वाले आदमी है यह बहुत रसूख वाले आदमी है लेकिन होता कुछ नहीं है सिर्फ अपने पास गुंडे और बदमाशों को रखते हैं उन्हीं के बलबूते पर लूट खसोट करके पुलिस और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते रहते हैं पुलिस और प्रशासन भी ऐसे लोगों के साथ खड़ा रहता है और ऐसे लोगों को अपने पास बैठा कर चाय पानी पिलाता है
 डॉ एमपी सिंह का मानना है कि इस भौतिकवादी दुनिया में सच्चे और अच्छे इंसान की कहीं कोई कदर नहीं है गलत इंसानों का चारों तरफ बोलबाला है ऐसे लोगों को बहुत अच्छा ड्रामा करना आता है जिसको सीधा साधा आदमी समझने में असमर्थ होता है ऐसे लोग घड़ी  मोबाइल या पैन में जासूसी कैमरे रखते हैं और उनमें वार्तालाप को कैद कर लेते हैं और भविष्य में ब्लैकमेल करके भारी-भरकम राशि हड़प लेते हैं ऐसे लोगों के ऑफिस कुछ अलग तरीके के होते हैं जिससे कोई काम होता है उसको अंदर बुलाते हैं और खूब बढ़िया सेवा पानी करते हैं ताकि वह उनके प्रभाव में आ सके और उनका शिकार बन सके लेकिन उनके लिए दरवाजे नहीं खुलते हैं जिन की देनदारी होती है या जिन से काम कराने के नाम पर रिश्वत ली होती है  उन पर तो कुत्ते छोड़ दिए जाते हैं डरा धमका कर उनको अपने दबाव में ले लेते हैं और वह बाहर भी अपने मन की बात किसी को नहीं कह पाते हैं 
डॉ एमपी सिंह का कहना है की ऐसी जिंदगी का क्या फायदा परमात्मा के यहां पर सबको जाना है आज शिव बाबा की जयंती सभी मना रहे है लेकिन उनकी शिक्षाओं को नहीं अपना रहे हैं उनके जीवन से सीख नहीं ले रहे हैं जयंती मनाने का क्या फायदा है 
डॉ एमपी सिंह ने शिव जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें वास्तविकता में जीना चाहिए क्योंकि अपने कर्म ही अपने साथ जाते हैं और कर्मों का भुगतान करना पड़ता है इसलिए लूट खसोट नहीं करनी चाहिए  और ना ही ऐसा कोई कर्म करना चाहिए जिससे दूसरे की आत्मा को दुख पहुंचे और उसके दिल से बद दुआ निकले नेक नियत पर चलकर इंसानियत के मार्ग को अपनाना चाहिए डरा धमका कर या प्रभाव बनाकर लूट खसोट नहीं करनी चाहिए दूसरों के दुख में हमेशा साथ देना चाहिए बुरा समय कभी भी किसी का भी हो सकता है इसलिए पूरे समय पर उसका साथ दो और यदि मदद करने लायक हो तो उसकी मदद करो कर भला हो भला नेकी कर दरिया में डाल को आत्मसात करो

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