प्रेम ही ईश्वर का रूप है और वही सृष्टि का आधार है - डॉ एमपी सिंह

देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि प्रेम बस मर्यादा पुरुषोत्तम राम भीलनी के घर चले गए थे और झूठे बेर खाकर भी आनंद की अनुभूति की थी प्रेम में मीरा गिरधर गोपाल की दीवानी हो गई थी प्रेम भाव में सावित्री सत्यवान के प्राणों को यमराज से भी वापस ले आई थी प्रेम में बहुत बड़ी ताकत होती है 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि प्रेम जन्मजात प्रवृत्ति होती है इसकी कहीं न्यूनतम तो कहीं अधिकतम मात्रा देखी जाती है विषैले से विषैले सर्प भी एक विशेष नस्ल से प्रेम करते हैं खूंखार शेर पिंजरे में बंद होने पर भी अपने रक्षक अथवा भोजन देने वाले से प्रेम करने लगते हैं उसके सामने बिल्ली जैसा बनकर प्रेम बस उसे चाटने लगते हैं  असीमित बलशाली हाथी अपने महावत से प्रेम बस उसके  दिए हुए भोजन को बड़े ही प्रेम से खाता है उसके हल्के से इशारे पर चलता है प्रेमबस  बंदर और बंदरिया मदारी के इशारे पर नाचते हैं कुत्ता अपने मालिक से प्रेम करता है और खतरनाक परिस्थितियों में अपनी जान की बाजी लगाकर भी अपने मालिक की रक्षा करता है बंदरिया अपने बच्चे से इतना प्रेम करती है कि उसके मर जाने पर उसे आश्चर्यजनक और प्रगतिशील दिखाइ देती है उसके अंदर प्रेम का झरना ही प्रवाहित होता रहता है लेकिन उसके कार्य व्यवहार और विचारों को देखकर संदेह होता है कि क्या वास्तव में मानव अन्य जीवो की अपेक्षा ज्ञानी और विवेकशील है
 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि हमें जीव जंतुओं से सीख लेनी चाहिए और आपसी प्रेम को बनाए रखना चाहिए आजकल इंसान का खून पतला हो चुका है खून का पानी बन चुका है आपसी रिश्ते बदतर हो चुके है आपस का प्रेम खत्म हो चुका है नफरत बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है जिसके कारण अनर्थ और अत्याचार तथा अनैतिक कार्य ज्यादा हो रहे हैं मात-पिता और भाई बहन सभी का प्यार अलग अलग होता है पिता पुत्र और गुरु शिष्य का प्रेम भी अद्भुत होता है जहां एक तरफ प्यार होता है तो दूसरी तरफ डांट होती है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आजकल के लोग भौतिकवाद की वस्तुओं से ज्यादा प्रेम कर रहे हैं जिसके कारण अधिकतम लोग शारीरिक कष्ट उठा रहे हैं आजकल के बच्चे दादा दादी के प्यार के लिए तरस रहे हैं प्यार के नाम पर मोबाइल पकड़ा दिया जाता है जिसकी वजह से वही उनकी दुनिया बन जाती है और सांसारिक मोह खत्म हो जाता है आजकल के बच्चों को प्रकृति के बारे में ज्ञान ना होने की वजह से प्रकृति के प्रति प्रेम भी नहीं है इसलिए पिज़्ज़ा बर्गर चाऊमीन  मोमोज समोसा कचोरी फास्ट फूड के प्रति रुझान बढ़  गया है और मानसिक शांति के लिए तथा तनाव मुक्त होने के लिए ड्रग्स का सहारा ले रहे हैं ड्रग्स ने वास्तविक प्यार को खत्म कर दिया है

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