बीसवीं सदी में एटमी बमबारी से होगा भयंकर विनाश -डॉ एमपी सिंह
देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने आज के वर्तमान दृश्य को देखते हुए संभावना जताई है कि बीसवीं सदी के आखिर तक चारों तरफ जंग छिड़ सकती है है जिसके भीषण परिणाम हो सकते हैं
चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब जंग के दौरान बम गिराए जाते हैं तो उससे भीषण आग लग जाती है जिससे घर मकान दुकान तथा उसमें रहने वाले सभी लोग जल जाते हैं बमबारी से पृथ्वी पर विचरण करने वाले जीव जंतु कुत्ता बिल्ली आदि सब नष्ट हो जाते हैं कोई उठाने वाला भी नहीं होता है चारों तरफ बदबू मारने लग जाती है प्रकृति तहस-नहस हो जाती है सांस लेने मात्र के लिए ऑक्सीजन भी नहीं मिल पाती है प्राण वायु के अभाव में बचे हुए लोग मरने लग जाते हैं रोजगार खत्म हो जाते हैं उद्योग धंधे खत्म हो जाते हैं कुछ चंद लोग ही बच पाते हैं जो धर्म कर्म में विश्वास रखते हैं या जो पुण्य आत्मा होती हैं
डॉ एमपी सिंह का मानना है जो आज अपने आप को शक्तिशाली शक्तियां मान रही है और जो अन्य देशों को कमजोर समझ कर अपने अधीन करने की साजिश रच रही है वह बीसवीं सदी में धरा शाही हो जाएंगी
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि अनायास किसी को नहीं सताना चाहिए किसी की मजबूरी का फायदा नहीं उठाना चाहिए सभी को इस पृथ्वी पर जीने का अधिकार है जियो और जीने दो की पॉलिसी को अपनाना चाहिए यदि हम किसी की आत्मा को सता कर बद दुआ लेते हैं तो उसके दुष्परिणाम भविष्य में अवश्य भुगतने पड़ते हैं इसलिए किसी भी लड़ाई को नाक की लड़ाई नहीं बनानी चाहिए
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि सभी लोग कहते हैं कि देश है तो हम हैं और जब किसी भी देश पर आक्रमण होता है तो वह देश की रक्षा करने में लग जाते हैं और जो आक्रमण करने वाला देश होता है वह भी यही कहते हैं कि देश है तो हम हैं और वह दूसरे पर आक्रमण करने लग जाते हैं समझ नहीं आता है कि क्या उचित है और क्या अनुचित है इस विषय पर क्यों नहीं कार्य किया जा रहा है
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं होते हैं बल्कि विनाश का प्रतीक होते हैं इसलिए वार्तालाप से हर समस्या का समाधान कर लेना चाहिए और सामर्थ्यवान देश को कमजोर देश की मदद के लिए आगे आना चाहिए उसमें बड़प्पन होता है अनैतिक कार्य करने तथा दबाव व प्रभाव से अपने अधीन करने और शोषण करने में बड़प्पन नहीं होता है
डॉ एमपी सिंह ने काफी दूर की सोच कर यह आर्टिकल लिखा है और अनुमान के आधार पर ऐसा समझा जा रहा है कि चीन रूस और अमेरिका बीसवीं सदी में धरा शाही हो जाएंगे क्योंकि लंकापति रावण जिसके सब कुछ अधीन था उसकी लंका में भी एक बंदर ने लंका जलाकर राख कर दी है और बची हुई आसुरी शक्तियों को मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने मृत्युलोक पहुंचा दिया इसलिए पाप का घड़ा एक दिन अवश्य फूटता है
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि सत्य और असत्य के फर्क को जानना चाहिए और सत्य के मार्ग को अपनाना चाहिए उसी में हम सभी का भला है अनर्थ और अन्याय करने वालों का आज नहीं तो कल अंत अवश्य है इसलिए वर्तमान को जानो और पहचानो उसी के आधार पर भविष्य की प्लानिंग करो लेकिन प्लानिंग में सभी का भला होना चाहिए अंत भले का भला
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि 20 वीं सदी में एटमी युद्ध में सब कुछ मिट्टी में मिल जाएगा आबादी खत्म हो जाएगी उस समय बच्चे नर नारी अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे होंगे लेकिन कहीं कोई बचाने वाला नहीं मिलेगा चारों तरफ जहरीली गैस ही गैस होगी सांस लेना भी दुर्लभ हो जाएगा चारों तरफ इमारतों मैं लाशें ही लाशें दिखाई पड़ेगी सबका अहम बहम निकल जाएगा सब का नशा उतर जाएगा सब की जमा पूंजी रखी की रखी रह जाएगी किसी के कुछ काम नहीं आएगा इसलिए नेक और पुनीत कार्य कर लीजिए इंसानियत को अपना लीजिए भेदभाव की नीति को छोड़ दीजिए प्रकृति के नियम को समझने की कोशिश कीजिए प्रकृति हमेशा संतुलन बना कर चलती है और जो नादानी में अपने आप को बलवान धनवान शक्तिमान समझते हैं उनका पल भर में अहम और वहम निकाल देती है पिछला इतिहास आंख खोलने तथा सीख लेने के लिए बहुत है
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