अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हर नारी पूजनीय वंदनीय प्रार्थनीय है -डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्त्री जाति का इतिहास पहले से ही सर्वोपरि रहा है 1947 में कैप्टन प्रेमा माथुर ने अपना वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस प्राप्त किया था और 1949 में नेशनल एयर रेस जीतकर इतिहास बनाया था 1963 में पुनीत अरोड़ा लेफ्टिनेंट जनरल बन गई थी और भारत को 15 पदक जीत कर दिए थे 1979 में किरण बेदी ने आईपीएस ऑफिसर बन कर भारत का इतिहास बनाया 1989 में एम फातिमा बीबी सुप्रीम कोर्ट की जज बनी स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी भारत की सशक्त प्रधानमंत्री बनी और आयरन लेडी के नाम से विश्व विख्यात रही श्रीमती प्रतिभा पाटिल भारत कि राष्ट्रपति कर सर्वोच्च पद को सुशोभित किया भारत की आजादी से पहले और आजादी के दौरान भी अनेकों मात्र शक्तियों का योगदान रहा जैसे मां सावित्री बाई फूले अहिल्याबाई होलकर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई कैप्टन लक्ष्मी सहगल सरोजिनी नायडू भीकाजी कामा सुचेत कृपलानी रानी दुर्गावती कस्तूरबा गांधी मदर टेरेसा कल्पना चावला पीटी उषा वर्तमान में वित्त मंत्री श्रीमती सीता रमन आदि
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि इस पृथ्वी पर जितने भी महापुरुष पैदा हुए हैं वह सभी मातृशक्ति के गर्भ से ही पैदा हुए हैं इसलिए मातृशक्ति हमेशा पूजनीय वंदनीय और प्रार्थनीय है राम रहीम कबीर तुलसी संत रविदास महात्मा गांधी जवाहरलाल नेहरू महर्षि दयानंद स्वामी विवेकानंद बाबा भीमराव अंबेडकर भक्त प्रहलाद ध्रुव सरदार पटेल भगत सिंह सुखदेव राजगुरु सुभाष चंद्र बोस आदि सभी की परवरिश माताओं के द्वारा लिखी गई है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि माताओं में पृथ्वी माता गौ माता का नाम सर्वोपरि है गंगा यमुना कावेरी सतलुज गोदावरी नर्मदा के पानी के बिना कुछ भी संभव नहीं है लक्ष्मी माता धन देने वाले हैं सरस्वती माता विद्या दात्री है और दुर्गा माता शक्ति प्रदान करने वाले थे जहां भी नजर दौड़ आते हैं वहां मात्र शक्तियों की कृपा ही नजर आती है नवरात्रि में कन्याओं का पूजन किया जाता है और चरण धोकर दिए जाते हैं लेकिन बाद में क्या हो जाता है मानसिकता कैसे दूषित हो जाती है जो हम गंदे कार्यों को जन्म दे देते हैं इसमें अभी सुधार की जरूरत है हमें बहन बेटियों का मन से सम्मान करना चाहिए तथा उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए उनका साथ और सहयोग देना चाहिए उनकी निंदा नहीं करनी चाहिए उनको अपमानित नहीं करना चाहिए नशे की हालत में मार पिटाई नहीं करनी चाहिए बच्चा पैदा करने की इंडस्ट्री भी नहीं समझना चाहिए तालमेल बनाकर ने सभी संबंधों को बरकरार रखना चाहिए जरूरतमंद महिला का शोषण नहीं करना चाहिए
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि घर के चूल्हे चौके से बाहर व्यापार खेल प्रशासनिक सेवा विदेश सेवा पुलिस विभाग खेल जगत नेता अभिनेता वैज्ञानिक डॉक्टर प्रोफ़ेसर इंजीनियर पत्रकार साहित्यकार संगीतकार आदि सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने हर जगह अपनी सफलता का परचम खैर आया है यह शुदृढ़ समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है कि हम एक दूसरे का सम्मान करें और अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी से निभाए दोषारोपण ना करें
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि सम्मान व सहयोग की भावना से सामाजिक ढांचा व राष्ट्र मजबूत होगा महिलाओं को समान अधिकार समान अवसर मिलना चाहिए हम सभी को उनकी प्रतिभा दक्षता क्षमता रुझान को पहचानना चाहिए और उसी क्षेत्र में प्रोत्साहित कर देना चाहिए अपनी प्रसन्नता के लिए बहन बेटियों को प्रसन्न रखना बेहद जरूरी है
Comments
Post a Comment