अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट ने एकलव्य इंस्टिट्यूट में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया -डॉ एमपी सिंह

देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने कहा कि 1 मई को दुनिया भर में मजदूर दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है लेकिन फिर भी सार्थक परिणाम नहीं आ रहे हैं सार्थक परिणाम लाने के लिए डॉ एमपी सिंह ने कुछ टिप्स दिए 
उन्होंने कहा कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों को चाय की दुकान,ढाबा, कारखाने, घरेलू कार्य मैं नौकरी के लिए नहीं बुलाना चाहिए बल्कि उनको पढ़ाई लिखाई करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, 
अट्ठारह 20 साल के बच्चों से कोई भारी भरकम या जोखिम भरा कार्य नहीं कराना चाहिए, गलत कार्य हो जाने पर उन्हें प्रताड़ित नहीं करना चाहिए और डांटना फटकारना भी नहीं चाहिए अन्यथा इस उम्र के बच्चे क्राइम की तरफ बढ़ जाते हैं
 बेरोजगार, दुखी और परेशान ही चाकू, तलवार, फरसा, बंदूक उठाते हैं क्योंकि अभी उन्हें जिंदगी का अनुभव नहीं है इसलिए प्यार से समझाकर पटरीपर लाना चाहिए और मोटिवेट करना चाहिए 
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि अधिकतम बहन बेटियां किसी ना किसी मजबूरी में नौकरी पेशा करती हैं हमें उनकी मजबूरी  का फायदा नहीं उठाना चाहिए
 कुछ महिलाएं बचपन मैं ही विधवा हो जाती हैं जैसे तैसे अपने बच्चों को पालने की कोशिश करती हैं धन के अभाव में वह अपने बच्चों को पढ़ा लिखा नहीं सकती हैं गरीबी का आलम उनके सामने होता है हर इंसान उनका मजाक उड़ा रहा होता है लेकिन फिर भी विषम परिस्थितियों मैं सड़क किनारे रहकर छोटा- मोटा काम करके ,भीख मांग कर ,कोठियों में झाड़ू- पोछा करके, भट्टा पर ईट पाथकर, अपने बच्चों को पालने की कोशिश करती हैं 
कुछ लोग उन्हीं के बच्चों की मानव तस्करी करते हैं क्योंकि उनके पास कोई मजबूत हाथ नहीं होता है उन्हें कानून का ज्ञान नहीं होता है उनसे ड्रग्स का व्यापार भी कराते हैं उनसे अश्लील और अभद्र काम भी कराते हैं जो कि उचित नहीं है 
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने का तभी फायदा है जब हम इन बुराइयों को दूर कर सकें 
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि पहले के समय सामंतवादी युग था जिसमें काम के घंटे निर्धारित नहीं थे  अधिकतर लोग काम करवाते थे लेकिन मजदूरी के नाम पर सिर्फ खाना देते थे 
आज वर्तमान युग में यह बुराई खत्म हो गई है आज 8 घंटे की नौकरी का निर्धारित वेतन सभी मजदूरों को मिलता है यदि कोई पार्ट टाइम करना चाहता है तो उसको पार्ट टाइम के पैसे अलग से मिलते हैं
 डॉ एमपी सिंह ने कहा कि मजदूर के बिना कोई भी अमीर ,नेता, अभिनेता, विधायक ,मंत्री ,मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है 
अपने आपको उन लोगों के बीच रखो जिन से आपको खुशी मिलती है और उनका सम्मान करो
 वैसे तो हम सभी मजदूर हैं कोई ना कोई किसी ना किसी की नौकरी ही करता है फिर भेद भाव कैसा 
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि कुछ लोग फावड़ा ,कसी, कश्ती चलाते हैं तो कुछ घास- फूस से झोपड़ी बनाते हैं कुछ मकान -दुकान बनाते हैं कुछ पत्थर लगाते हैं कुछ लेंटर डालते हैं कुछ वेल्डिंग का काम करते हैं कुछ सीएनसी मशीन चलाते हैं कुछ बही खाते तैयार करते हैं कुछ उपयोगी सामान बनाते हैं कुछ सामान को बेचने में मदद करते हैं सभी के साथ  सहयोग से सभी कार्य होते हैं इसलिए हम सब एक दूसरे के पूरक हैं 
हम सभी को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए किसी के वेतन को नहीं रखना चाहिए 
जुल्म करना और जुल्मों सहना दोनों ही अपराध होते हैं इसलिए ऐसी स्थिति पैदा नहीं करनी चाहिए हम सभी को आपसी प्यार को बनाए रखना चाहिए तथा देश की एकता अखंडता और समृद्धि के लिए लगातार कार्य करना चाहिए
 किसी की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए सभी की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता है उसके कर्मों के आधार पर छोटा बड़ा होता है 
सभी के मददगार बनो सभी की समस्याओं को समझने की कोशिश करो और निदान करो
 समय और धन का सदुपयोग करो
 राक्षस प्रवृत्ति को छोड़ो 
बहन बेटियों का सम्मान करो
 फैक्ट्री में कार्यरत मजदूरों का सम्मान करो 
जातिवाद में मत उलझो
 सभी इंसान हैं और इंसानियत ही धर्म है 
इसी से समानता, संपन्नता और आपसी प्रेम बढ़ेगा आपसी समस्याओं का समाधान होगा विकसित समाज का निर्माण होगा
 ईमानदारी से अच्छा काम करने वालों का सम्मान करो मजदूरों में ही विश्वकर्मा भगवान के दर्शन करो क्योंकि इन्होंने ही लंका की रचना की थी इन्होंने ही संसद लाल किला ताजमहल तथा बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण किया है  इसलिए सभी शिल्पकार को बेहतर स्थान दो और उनके हुनर की कद्र करो 

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