भ्रष्टाचार से असमानता और बेरोजगारी बढ़ती है तथा देश कमजोर होता है- डॉ एमपी सिंह
देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह का मानना है कि किसी नेता या नौकर द्वारा व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पद का दुरुपयोग करना ही भ्रष्टाचार कहलाता है यह भ्रष्टाचार हर विभाग में व्याप्त है कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां पर भ्रष्टाचारी नहीं है आम तौर पर देखा जा रहा है की गरीब असहाय मजबूर बेसहारा दिव्यांग मूक बधिर बेजुबान विधवा अनाथ अप्रशिक्षित अकुशल किसी काम के लिए जनप्रतिनिधि के पास जाते है तो उनको बहिष्कार और तिरस्कार किया जाता है जातिगत भेदभाव देखने को मिलता है
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि राजनीतिक सामाजिक आर्थिक मानसिक पारिवारिक समस्याओं के समाधान के लिए जब जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों के पास आते हैं तो कई दिनों तक चक्कर काटने के बाद वह मन मसोसकर अपने घर बैठ जाते है
ऐसा ही सरकारी दफ्तरों में देखा जाता है जब कोई व्यक्ति राशन कार्ड आधार कार्ड परिवार पहचान पत्र जन्म प्रमाण पत्र मृत्यु प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र ड्राइविंग लाइसेंस वोटर आईडी कार्ड आदि बनवाने जाते है तो दलाल उसे अपने शिकंजे में ले लेते हैं और एक के चार मांगते हैं जो समृद्ध साली होते हैं वह अदा कर देते हैं लेकिन जिनके पास पैसे का अभाव होता है वह उसका फायदा नहीं ले पाते हैं और घुट घुट कर जिंदगी जीने के लिए मजबूर हो जाते हैं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि कुछ लोग समय बचाने के लिए शॉर्टकट को अपनाते हैं और दलालों को पैसे देकर अपना काम निकलवा लेते हैं जिससे सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों की आदत खराब हो जाती है इसलिए वह सही व्यक्ति का काम ही नहीं करते हैं और हर सिग्नेचर पर अपने से नीचे वालों से पैसे की डिमांड करते हैं
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि अधिकतम उच्च अधिकारी अपने निम्न स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों पर अधिकतम धन बटोरने के लिए दबाव और प्रभाव बनाते हैं उसी वजह से दिन प्रतिदिन भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है जिसमें विधायक सांसद और मंत्रिमंडल भी शामिल होता है इस भ्रष्टाचार का असर हर जगह देखने को मिल रहा है
दूधिया पानी मिलाकर दूध बेच रहा है
सुनार सोने में अन्य तत्व मिलाकर बेच रहा है
बाजार में खाद्य सामग्री मिलावट के साथ बेची जा रही है ठेकेदार सड़क निर्माण में सही मात्रा मे सीमेंट बजरी रोड़ी सरिया नहीं डाल रहा है जिसकी वजह से प्रतिवर्ष सड़क टूटती नजर आ रही है और सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है
अधिकतम पहुंच वाले लोग बिजली की चोरी कर रहे हैं जिसकी वजह से आम आदमी तक बिजली नहीं मिल पा रही है
अधिकतम सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉ बाहर की दवाई लिख रहे हैं ताकि मोटा कमीशन आ सके अधिकतर दवाई कंपनियां मिलावट की दवाई बेच रही है मेडिकल स्टोर पर भी जेनेरिक मेडिसिन बेची जा रही है और डॉक्टरों को फायदा पहुंचाया जा रहा है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि शिक्षा स्वास्थ्य और चिकित्सा पर सही से काम नहीं हुआ तो देश का विकास संभव नहीं है हर घर से एक व्यक्ति को रोजगार मिलना चाहिए सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों को ईमानदारी से अपना कार्य करना चाहिए जो अधिकारी और कर्मचारी अपना ईमानदारी से कार्य नहीं करते हैं उनके खिलाफ उच्च अधिकारियों को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए
डॉ एमपी सिंह का कहना है जब तक देश से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा तब तक देश का विकास नहीं होगा अधिकतर लोग ब्लैक को वाइट करने में लगे हुए हैं इसलिए ईमानदार पढ़े-लिखे समझदार लोगों को राजनीति में लाना चाहिए
पैसे से टिकट नहीं बेचनी चाहिए और मतदाताओं को भी मतदान करने के लिए पैसे नहीं लेने चाहिए
कोई भी नौकरी सिफारिश के आधार पर नहीं मिलनी चाहिए योग्यता के आधार पर रोजगार मिलना चाहिए
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब तक असीमित उपभोग की भूख रहेगी तब तक लूट की प्रवृत्ति रहेगी इसलिए असीमित उपभोग पर अंकुश लगाना चाहिए और आर्थिक विषमता तथा आसमानता को दूर करना चाहिए
ईमानदारी को जीवन मूल्य में प्रतिष्ठित करना चाहिए
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि कुछ लोग चालान से बचने के लिए तथा अन्य लोगों को झूठे जाल में फंसाने के लिए पुलिस कर्मचारियों को पैसे देते हैं
रेल में यात्रा करते समय सीट न मिलने पर टीटी को पैसे देते हैं
कमजोर विद्यार्थियों को पास कराने के लिए भारी भरकम रकम दी जाती है
कमजोर विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में दाखिला कराने के लिए अनफेयर तरीके को अपनाया जाता है
चापलूस जालसाज रिश्वतखोर कामचोर लोग जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के इर्द-गिर्द घूमते रहते हैं और मिस गाइड करते रहते हैं जिससे सही लोग परेशान होते रहते हैं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि भ्रष्टाचार गंभीर चिंता का विषय है जब हम अपनी बेटी या बहन के लिए रिश्ता देखने जाते हैं तो ऊपरी कमाई के बारे में अवश्य पूछते हैं इससे क्या लगता है कि क्या हम करप्शन को खत्म कर पाएंगे भ्रष्टाचार सर्वव्यापी और सर्वगामी बनता जा रहा है डॉ एमपी सिंह का कहना है कि सबसे ज्यादा भूखे नंगे कुपोषित और अनपढ़ लोग हमारे देश में रहते हैं क्या कभी इसके बारे में किसी ने सोचा है क्या गरीबी की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है क्या दिल्ली एनसीआर को देख कर के ही भारतवर्ष की तस्वीर का अनुमान लगा लिया जाता है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए कोई मुकम्मल तरीका नजर नहीं आ रहा है लेकिन फिर भी कुछ कदम उठाए जा सकते हैं पहले अपनी मानसिकता मैं परिवर्तन करना होगा और मानवीय गुणों को अपनाना होगा
रिश्वत लेना और देना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आते हैं लेकिन फिर भी सरेआम रिश्वत दी और ली जा रही है पुलिस प्रशासन कोर्ट कचहरी हर जगह भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार नजर आ रहा है कानून का किसी को कोई डर नहीं है न्यायालय में न्याय भी बिक रहा है
सत्ता भ्रष्ट बनाती है और संपूर्ण सत्ता पूर्णरूपेण से भ्रष्ट बनाती है
सरकारी कामकाज में ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता करनी चाहिए
भ्रष्ट कम कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए
भ्रष्टाचार का प्रभाव ऊपर से नीचे की तरफ होता है यह बहते हुए झरने की तरह होता है झरने के तल को साफ करने से कुछ नहीं होता है साफ पानी प्राप्त करने के लिए तो झरने के निकास की सफाई करनी होती है
अगर राजनीतिक शीर्ष नेतृत्व भ्रष्टाचार मुक्त हो जाए तो नौकरशाही भी भ्रष्टाचार मुक्त हो जाएगा
उक्त समस्या समाधान के लिए हर भारतीय नागरिक को जागरूक होना होगा और जागरूकता का परिचय देना होगा उक्त विचार लेखक डॉ एमपी सिंह के अपने स्वतंत्र विचार हैं लेखक देश के चिंतनशील देशभक्त है इसलिए जनहित और राष्ट्रहित में यह लेख प्रकाशित किया जा रहा है यदि अच्छा लगे तो अधिकतम लोगों तक इस लेख को पहुंचाने में मेरी मदद करें आपका थोड़ा थोड़ा योगदान भी बड़ा परिणाम ला सकता अपनी कमेंट देकर लेखक की हौसला अफजाई करें
Excellent in interest of society 💐
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