नशे के लिए माता-पिता की निर्मम हत्या करना अनैतिक कार्य को दर्शाता है -डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि ऐसे कलयगी बच्चे इस पृथ्वी पर कलंग हैं जो कमाकर नहीं खा सकते हैं और जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ हैं तथा शराब पीने के लिए भी माता पिता पर दबाव और प्रभाव बनाते हैं ऐसी औलाद से तो बेऔलाद के अच्छे हैं
ऐसा ही एक वाकया फरीदाबाद के हनुमान नगर का देखने को मिला है 12 मई 2022 को 35 वर्षीय युवक ने अपने माता-पिता से शराब के लिए कुछ धनराशि की मांग की माता-पिता ने समझाने की कोशिश की लेकिन उसने समझने के बजाय कैंची घोंपकर ही माता पिता की मृत्यु कर दी
मृतक ट्यूबवेल ऑपरेटर के पद से 10 साल पहले गुड़गांव से सेवानिवृत्त हुए थे उनकी पत्नी का नाम चंपा है इनकी तीन बेटियां हैं इन्होंने तीनों बेटियों की शादी कर रखी है
कलयुगी बेटे का नाम जितेंद्र उर्फ जीतू उर्फ हितेंद्र है इसकी भी शादी कर दी थी लेकिन नशा की वजह से तलाक हो चुका है
मृतक की उम्र 68 वर्ष है और उनकी पत्नी की उम्र 65 वर्ष है मृतक के पास अपना हनुमान नगर में मकान है तथा पलवल और करीमपुर में एक कीला जमीन है लेकिन फिर भी अपने इकलौते बेटे के हाथ मारे गए जबकि माता पिता यह सोच कर औलाद पैदा करते है की बुजुर्ग अवस्था में हमारी देखभाल करेंगे जब हमारे शरीर के अंग काम नहीं देंगे तब नाती और पोते खाना पीना देंगे बहू और बेटे सेवा करेंगे और मरने की स्थिति में बेटा क्रिया कर्म करेगा लेकिन हुआ क्या यह सोचनीय प्रश्न है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि इस प्रकार के हादसों को देखकर आने वाली पीढ़ी क्या सीख लेगी दिन प्रतिदिन नशेडिओ की संख्या बढ़ती जा रही है वैल्यू एंड एथिक्स खत्म होते जा रहे हैं माता पिता और गुरुओं के सम्मान में गिरावट आ रही है कैसा कलयुग आ गया है कैसा होगा भविष्य
डॉ एमपी सिंह एक मनोचिकित्सक है इसलिए उनका कहना है कि शराब का सेवन करने वाले व्यक्ति को उत्तेजना ज्यादा हो जाती है ऐसे में कई बार वह अपने विचारों पर काबू नहीं कर पाता है और सोचने समझने की शक्ति क्षीण हो जाती है जिसकी वजह से वह किसी की जान ले लेता है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति के मानसिक तनाव को पहचान कर दूर करना ही रोग का उपचार है अधिकांश मामलों में परिवारिक सामाजिक आर्थिक नौकरी पेशा ही मुख्य कारक होते हैं
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि अधिकतर लोग चिंतित हैं चिंता उनके कामकाज पर अपना प्रभाव डालती है जिससे अनेक विकार उत्पन्न हो जाते हैं यदि समय रहते उनको दूर न किया गया तो परिणाम हानिकारक हो सकते हैं
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि शिक्षा और आमदनी मानसिक रूप के मुख्य कारण है अवसाद ग्रस्त लोगों को दुनिया नकारात्मक नजर आती है मानसिक विकृति से पीड़ित शराब पीने लगता है नकारात्मक ढंग से चीजों को देखने लगता है निराशावादी दृष्टिकोण हावी हो जाता है गलतफहमी पाल नेता है ऐसी स्थिति में मानसिक पहुंचने करनी चाहिए अन्यथा मैं खुद मर सकता है या किसी को भी मार सकता है
ऐसे लोगों के साथ बैठकर उनको चुपचाप सुनना चाहिए ताकि खुलकर वह अपनी बात कह सकें उनके साथ आत्मीयता से बात करनी चाहिए उनकी भावना को समझना चाहिए और उनकी समस्याओं समाधान तुरंत करना चाहिए
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