अग्निपथ और अग्निवीर की संपूर्ण जानकारी बना सकती है बेहतर भारत -डॉ एमपी सिंह

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि हमारा जन्म भारत वर्ष में हुआ है इसलिए भारतवर्ष की एकता अखंडता और समृद्धि के लिए कार्य करना हमारा नैतिक दायित्व बनता है सबसे पहले भारत वर्ष का ही हमारे ऊपर अधिकार है इसलिए भारतवर्ष में लागू संविधान तथा भारतवर्ष में बनने वाली नीतियो का सम्मान करना चाहिए 

डॉ एमपी सिंह ने कहा कि गांव में जन्म होने के बाद यदि गांव पर किसी प्रकार की विपत्ति आती है तो गली मोहल्ले के रहने वाले सभी लोगों की रात को ड्यूटी लगाई जाती है और सभी बारी बारी से पहरा देकर अपनी ड्यूटी को निभाते हैं और चोर डकैत तथा उपद्रवियों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं जबकि उसके बदले उनको कुछ नहीं मिलता है और कई बार अपनी जान को भी जोखिम में डालना पड़ता है लेकिन फिर भी अपना नैतिक धर्म निभाते हैं

  डॉ एमपी सिंह ने कहा कि इस समय भारतवर्ष के हालात नाजुक चल रहे हैं इसलिए भारतवर्ष की रक्षा सुरक्षा के साथ अपनी भी रक्षा सुरक्षा करने के लिए हथियार रखने और चलाने का ज्ञान होना चाहिए जब हमें आर्म्स लाइसेंस बनवाना पड़ता है तब भी तो हम 10 दिन की ट्रेनिंग लेने के लिए जाते हैं और फीस भी अदा करते हैं 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि यदि यह पॉलिसी इतनी बेकार होती तो अन्य देशों में क्यों लागू होती जब वहां पर सफलतम रूप से इसका सम्मान हो रहा है तो भारतवर्ष में भी भारत वासियों को इसका सम्मान करना चाहिए
 डॉ एमपी सिंह ने बताया कि यह अल्प समय वाली पॉलिसी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लाई गई थी जब सेना में सैनिकों की कमी हो गई थी तब घर घर से लोगों को निकाला गया था और देश को बचाया गया था
 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि  पढ़ने वाले विद्यार्थी कहीं पर भी पढ़ाई कर लेते हैं और सफल होने वाले लोग किसी भी क्षेत्र में कहीं पर भी किसी भी स्थिति में सफलता हासिल कर लेते हैं लेकिन जिनके बस की मेहनत करना नहीं होता है वह सफलता प्राप्ति के लिए सिफारिश करवाते हैं या कीमत चुका कर महान बनने की कोशिश करते हैं
 जिनके पास अल्प ज्ञान होता है वह हमेशा समाज को भ्रमित करते हैं तथा सुनी हुई बातों को ही अपने शब्दों में बोलकर वाह-वाह लूटने की कोशिश करते हैं 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि हर बात और हर वस्तु तथा हर काम के नकारात्मक और सकारात्मक पहलू होते हैं लेकिन सकारात्मक पहलू पर चलकर कामयाबी को प्राप्त किया जा सकता है और नकारात्मक पहलू पर चलकर इंसान दूसरों में कमी ढूंढता है और कमी निकालते निकालते ही अपमानित व निर्लज्ज होकर मृत्यु को प्राप्त हो जाता है जो लोग नकारात्मक को सकारात्मक बना देते हैं वह इतिहास के पन्नों में अमर हो जाते हैं इसलिए मेरा सभी भारत वासियों से अनुरोध है कि भारतवर्ष की संपदा को नुकसान ना पहुंचाएं यह आपकी ही संपदा है और भविष्य में आपको ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सफर करना होगा 
डॉ एमपी सिंह का कहना है किं घर की फूट के कारण अपने ही परिवार  का नुकसान होता है रामायण और महाभारत इसके साक्षात उदाहरण है देश की आपसी फूट का बाहरी देश फायदा उठाते हैं इसलिए हमें एक मत और एकजुट होकर कार्य करना चाहिए अपने देश की कमजोरी को जाहिर नहीं होने देना चाहिए जो आगजनी घटनाएं भारतवर्ष में हो रही है वह समाचार के माध्यम से विदेशों में जा रही हैं और अनेकों विदेशी उसका मजाक भी उड़ा रहे हैं 
डॉ एमपी सिंह का एक निवेदन है कि सरकार को यदि कोई फैसला लेना होता है तो उसमें पक्ष और विपक्ष को बैठाकर सहमति बनानी चाहिए ताकि इस प्रकार की घटना दुर्घटनाएं देखने को ना मिले क्योंकि हिंसा में भारतवर्ष और भारतवासियों का ही नुकसान होता है और भारतवर्ष की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है पहले भी भारत वासियों ने सत्य और अहिंसा के आधार पर अनेकों लड़ाइयां जीती हैं यदि किसी के  किसी से मतभेद है और सहमति नहीं है तो आंदोलन के माध्यम से अपनी बात को शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचा कर न्याय प्राप्त किया जा सकता है 
 उक्त विचार डॉ एमपी सिंह के अपने स्वतंत्र विचार हैं अपने अनुभव और चिंतन के आधार पर अपनी बात को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश की है इसलिए कट पेस्ट से बचें और अच्छा लगे तो लाइक और शेयर करें 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि  देश की शांति व्यवस्था को कायम रखने के लिए तथा भारत की एकता अखंडता और समृद्धि के लिए अंतिम सांस तक लेख लिखकर प्रकाशित करता रहूंगा 

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