समस्या राजनीति है तो समाधान भी राजनीति है -डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि यदि राजनीति समस्या है तो समाधान भी राजनीति ही है
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि अनेकों लोग सरकार को कोसते रहते हैं और राजनेताओं पर उंगली उठाते रहते हैं लेकिन यह भूल जाते हैं कि सदन में भेजने वाले आप ही लोग होते हैं आप लोग लालच में ऐसे लोगों को देश का संरक्षक बना देते हैं जो देश की संपदा को लूटने का कार्य करते हैं और अपने जैसे लोगों को फायदा पहुंचाते हैं इसमें उन राजनेताओं का दोष नहीं है जिनकी सरकार में भागीदारी है इसमें आम पब्लिक दोषी है जब वोट डालने का समय होता है तब अधिकतर लोग शराब के नशे में चूर हो जाते हैं कुछ महिलाएं धोती साड़ी लेकर अपनी वक्त की जरूरत पूरी कर लेती है कुछ महीने 2 महीने का राशन अपने घर में भर लेते हैं कुछ स्वर और सुंदरियों के अधीन होकर अपना धर्म और ईमान बेच देते हैं फिर दुख का कारण क्या है क्यों दुखी होते हो
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब तक आप अपनी गलतियों मैं सुधार नहीं लेकर आएंगे तब तक आपको पछताना ही पड़ेगा इस देश में एक से एक गुणवान और विद्वान लोग हैं बेहतर से बेहतर डॉक्टर हैं जो स्वास्थ्य मंत्री बनकर देशवासियों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर सकते हैं बेहतर से बेहतर लेक्चरर प्रोफ़ेसर है जो शिक्षा मंत्री बन कर गुणवत्तापूर्ण रोजगार परक निशुल्क शिक्षा देकर देशवासियों का भला कर सकते हैं बेहतर से बेहतर वकील और जज है जो कानून मंत्री बन कर देशवासियों को न्याय दिला सकते हैं बेहतर से बेहतर इंजीनियर है जो देश को अच्छे पुल और सड़क दे सकते हैं अच्छे से अच्छे कर्नल जनरल और ब्रिगेडियर है जो रक्षा मंत्री बन कर देशवासियों को रक्षा सुरक्षा मुहैया करा सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि अच्छे लोग राजनीति में आना ही नहीं चाहते हैं राजनीति को गंदा समझते हैं राजनीति को कीचड़ कहते हैं लेकिन साथियों यदि कीचड़ समझकर आप दूर रहेंगे तो राजनीति और खराब हो जाएगी और इस के जिम्मेदार आप सब पढ़े लिखे गुणवान और विद्वान लोग ही होंगे
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि समाज के बुरे लोग बुराई के लिए इतने जिम्मेदार नहीं है जितना कि अच्छे लोग लोगों की चुप्पी ठीक नहीं होती है अच्छे लोगों की चुप्पी बुरे लोगों की सफलता होती है इसलिए बुराई का विरोध करना चाहिए यदि आप मूर्ख बनकर देखते रहेंगे तो राजनीति में सुधार नहीं आ पाएगा एक दिन आपको बोलना ही पड़ेगा और राजनीति का हिस्सा बनना पड़ेगा यदि आपने ऐसा नहीं किया तो इतिहास आपको माफ नहीं करेगा और आप भी अपने आप को माफ नहीं कर पाएंगे
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसा काफी लंबे समय से चला आ रहा है जो समाज को बांटने का काम कर रहे हैं जाति धर्म के नाम पर भेदभाव किया जा रहा है सरकारी खजाने खाली हो रहे हैं सरकारी खजाने लूट रहे हैं आज रक्षक ही भक्षक बन चुके हैं क्या ऐसी स्थिति में भी भारतवर्ष के उन महापुरुषों को नहीं आना चाहिए मेरे अनुसार उनको राजनीति में भागीदारी करनी चाहिए लेकिन मुझे पता है कि राजनीति में अच्छे लोगो को प्रवेश नहीं होने दिया जाता है जिनके पास था धन है जो टिकट के लिए 10-20 करोड़ खर्च कर सकते हैं जिनके पास गुंडे और बदमाश हैं जो भुजबल के आधार पर वोट डलवा सकते हैं दबाव और प्रभाव से आम आदमी की बोट हासिल कर सकते है ऐसे ही लोग राजनीति में लाए जा रहे हैं डॉॉक्टर एमपी सिंह का निवेदन है कि सभी पार्टियां इस बुराई को खत्म करो और हर क्षेत्र में महारत हासिल करने वाले भारतीय लोगों को मौका दें कुछ लोग बहुत ईमानदारी से अपने कार्यों को करते हैं इसलिए कई बार घर मकान दुकान भी नहीं बना पाते हैं लेकिन विद्वता से भरपूर होते हैं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जिनके पास कार्य करने का जज्बा है समाज की सेवा करने में निपुण है दूरदर्शिता के आधार पर कार्य करते हैं अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र का ज्ञान है संविधान को मानते और जानते हैं जिनके पास देश और प्रदेश चलाने की अच्छी सोच है उनको राजनीति में हिस्सेदारी देनी चाहिए यदि उत्तम कैटेगरी के लेक्चरर डॉ प्रोफेसर इंजीनियर वैज्ञानिक साहित्यकार संगीतकार लेखक खिलाड़ी स्वयं सेवकों सेनानियों आदि को राजनीति से दूर रखा गया तो देश का भला नहीं हो सकता
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