कैसे बढ़ेगा इंडिया का दूसरा एपिसोड- डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने यह दूसरा एपिसोड प्रकाशित किया है ताकि पता चल सके कि देश के बढ़ने में कहां कमी हो रही है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आज कल देशवासी एक दूसरे की टांग खींचने व नीचा दिखाने में लगे रहते हैं या कुछ लोग ताश खेलकर अपना समय पास करते रहते हैं कुछ लोग जुआ खेलकर मनोरंजन करते हैं कुछ अय्याशी में ही मस्त रहते हैं सोचते हैं कि यही जीवन है कुछ छीना झपटी करके अपना घर भर लेते हैं कुछ कब्जा करके ताकतवर घोषित करते हैं कुछ निर्दोषों को मौत के घाट उतार कर बदमाशी करते हैं कुछ अनायास किसी पर दबाव और प्रभाव डाल कर अपने अधीन करके अपना काम निकलबातें रहते हैं और अपने आप को बड़ा समझने लगते हैं कुछ लोग व्यर्थ में ही राजनेताओं की चर्चा करते रहते हैं जबकि उसका कोई अर्थ नहीं होता है और आपस में झगड़ा भी कर लेते हैं उपर्युक्त सभी गलत हैं
उपर्युक्त से देश का भला नहीं होता है अपना अपना भला करने में अधिकतर लोग लगे हुए हैं
देश मजबूत जब होगा जब सभी अपनी जिम्मेदारियों को समझें और अपने कार्य को पूर्ण ईमानदारी से करें शेष समय रहने पर अच्छे साहित्य को पढ़ें तथा सफल पुरुषों के बारे में सफलता के रहस्य को जाने उन महापुरुषों के बारे में इतिहास को जानने की कोशिश करें जिन्होंने भारत को आजाद कराने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी
पहले के समय और अब के समय की तुलना करें पहले कैसा जीवन हम लोग गुजारते थे और अब कैसा गुजार रहे हैं पहले आपस में कितना प्यार व सम्मान था अब कितना है पहले के लोग कितने ताकतवर व बलवान थे अब के लोग कितने ताकतवर और बलवान हैं जब तक तुलनात्मक अध्ययन नहीं किया जाएगा तब तक देश का भला नहीं हो सकता है तुलनात्मक अध्ययन से अपनी गलतियों का पता चल जाता है और गलतियों को सुधारने की योजना बनाई जा सकती है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब सभी नेता कर्मचारी अधिकारी अपने कार्यों को ईमानदारी से करने लगेंगे तब देश मजबूत व समृद्धसाली बनने लगेगा जब तक चापलूसी करके अपना काम निकलवाते रहेंगे दूसरों के प्रति षड्यंत्र रचते रहेंगे तो देश मजबूत नहीं बल्कि कमजोर व खोखला हो जाएगा
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि देश की उन्नति के लिए विपक्ष का होना बहुत जरूरी होता है क्योंकि हमारी निगरानी करने वाला हमें बेहतर करने पर मजबूर करता है और राष्ट्रहित में बेहतर फैसले लिए जा सकते हैं
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि कमी बताने वाले को कभी अपराधी नहीं समझना चाहिए और उसे दंडित भी नहीं करना चाहिए बल्कि उससे सीख लेनी चाहिए और उस कार्य को करके उसकी बोलती बंद कर देनी चाहिए लेकिन आज कमी बताने पर अपराधी समझ कर जेल भेज दिया जाता है और अपनी मनमानी करने लगते हैं क्योंकि कोई भी कहने सुनने व रोकने टोकने वाला नहीं होता है जो मन में आता है वही करके आनंदित हो जाते हैं और उसे ही विकास समझ लेते हैं जबकि वह विकास नहीं विनाश होता है
पैसे से पद खरीदने के प्रचलन को समाप्त करना चाहिए और योग्यता के आधार पर पदों पर चयन करना चाहिए जब तक नेताओं की खरीद-फरोख्त चलती रहेगी तब तक भ्रष्टाचार बढ़ता रहेगा
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि धन दौलत जमीन जायदाद से कभी किसी का पेट नहीं भरता है इसके लिए भी नियम व कानून होने चाहिए
राज्यसभा किस लिए बनी थी उसी आधार पर राज्यसभा में भेजना चाहिए यदि मंत्री मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पैसे के आधार पर राज्यसभा में लोगों को भेजते रहेंगे तो किसी प्रकार का भला होने वाला नहीं है
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि बुद्धिजीवी, विवेकी, ज्ञानी विज्ञानी, समझदार व्यक्ति, तजुर्बेकार, समाजसेवियों का फायदा लेने के लिए उनको उचित सम्मान और उचित पद देना चाहिए क्योंकि वह इलेक्शन नहीं लड़ सकते हैं उनके पास शराब पिलाने के लिए पैसे नहीं होते हैं होटल पर भोजन खिलाने के लिए और वस्त्र आदि बांटने के लिए पैसे नहीं होते हैं वह सामाजिक तौर पर सम्मानित शब्दों का प्रयोग करके काम कराने में सक्षम हो सकते हैं उनके पास संविधान तथा संसद का ज्ञान हो सकता है लेकिन छल कपट का नहीं वह गुंडागर्दी और बदमाशी नहीं कर सकते हैं इसलिए उनको गली मोहल्ले में लोग वोट नहीं देते हैं जो बाहुबली, भुजबली, धनबली, भू माफिया, रेत माफिया, जलमाफिया, खनन माफिया और शरारती तत्व होते हैं उन्हीं के कहने पर मतदान केंद्रों पर वोट डाली जाती हैं अन्यथा उनका जीना मुश्किल हो जाता है इसलिए अधिकतर लोग दबाव और प्रभाव में आकर ही बोट डालते हैं जो कि उचित नहीं है
डॉ एमपी सिंह बहुत चिंतित हैं कि ऐसा कौन सा अवतारी पुरुष पैदा होगा जो जाति के भेदभाव को दूर करके असमानता और अस्पृश्यता को दूर करके समानता लेकर आएगा और जनहित तथा राष्ट्रहित में कार्य करेगा
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि राष्ट्र का भला उत्तम शिक्षा से ही हो सकता है बम पटाखे और तमंचा से नहीं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि राजनेता की कोई विचारधारा होनी चाहिए कोई भी राजनेता किसी भी पार्टी में जाकर शामिल हो जाते हैं और एक दूसरे को गाली देना शुरू कर देते हैं यह जनहित में ठीक नहीं है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि राष्ट्र के सशक्तिकरण के लिए हर घर से एक व्यक्ति को रोजगार अवश्य मिलना चाहिए तथा सरकार के द्वारा दिया गया लाभ अंतिम अभ्यर्थी के पास तक पहुंचना चाहिए और उसकी उचित मॉनिटरिंग होनी चाहिए जो अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में लीन हो उसे तुरंत नौकरी से बर्खास्त कर देना चाहिए तथा अपनी खुफिया एजेंसी से जांच करानी चाहिए कि कौन अधिकारी रिश्वत के लालच में आम जनता को परेशान कर रहा है मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी बिना दल बल के भेष बदलकर अचानक जांच पड़ताल करनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर किसी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहिए
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि सही व्यक्तियों तक पहुंचने के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी होनी चाहिए जो सोशल मीडिया पर प्रकाशित होने वाली खबरें तथा कार्य हैं उनकी सत्यता की परख करें और सही काम करने वाले प्रतिभागी को उचित सम्मान दें सम्मान में चापलूसी व सिफारिश नहीं चलनी चाहिए
Appreciating blog 👏👏👏
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