अज्ञानी होना गलत नहीं लेकिन अज्ञानी बने रहना गलत है- डॉ एमपी सिंह

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है जिसमें हर घर तिरंगा फहराया जा रहा है यह सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है 

डॉ एमपी सिंह ने बताया कि जब हम अंग्रेजों के गुलाम थे तब अंग्रेजों को आभास था कि  भारत की संस्कृति और सभ्यता की जड़ जब तक मजबूत हैं तब तक भारत को नहीं जीता जा सकता है और लॉर्ड मैकाले ने कहा था कि यदि भारत पर राज करना है तो भारतीयों में हीन भावना भर दो और उनके विश्वास को दिला दो उनकी संस्कृति को नष्ट कर दो उनकी परंपराओं और मान्यताओं को खोखला कर दो उनके पहनावे व खानपान तथा बोली भाषा मैं परिवर्तन कर दो वह भारतीय तो हो लेकिन अंदर से अंग्रेजीपन कूट-कूट कर भरा हो अंग्रेजों के पद चिन्हों पर चलने के लिए मजबूर कर दो तभी इन पर सैकड़ों वर्षों तक राज किया जा सकता है

 डॉ एमपी सिंह क्या कहना है कि लार्ड मैकाले की सोच को आज भारतीय लोग सार्थक कर रहे हैं अंग्रेजी बोलने और पढ़ने में अपना बड़प्पन समझते हैं चाय की चुस्की ले कर गौरवान्वित महसूस करते हैं अंग्रेजों की तरह कपड़े पहन कर इठलाते नजर आ रहे हैं इसमें देश की भलाई है या बुराई यह तो आप सभी बेहतर समझ पा रहे होंगे

 डॉ एमपी सिंह ने बताया कि  अंग्रेजों की मान्यताओं को धूमिल करने के लिए महात्मा गांधी बाबा भीमराव अंबेडकर सुभाष चंद्र बोस चंद्रशेखर आजाद शहीद भगत सिंह अशफाक उल्ला खान वीर सावरकर सरदार पटेल बाल गंगाधर तिलक स्वामी दयानंद सरस्वती आदि ने बीड़ा उठाया और अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों पर काबू पाकर भारत को स्वतंत्र कराया

 डॉ एमपी सिंह ने बताया कि यह आजादी ऐसे ही नहीं मिल गई है इसको प्राप्त करने के लिए असंख्य देशभक्तों को अपनी आहुति देनी पड़ी है आज हम इसके लिए अनभिज्ञ बने हुए हैं और अपनी भारतीय सभ्यता और संस्कृति को खत्म करने में लगे हुए हैं जिस भारतीय सभ्यता और संस्कृति को कायम रखने के लिए अनेकों महापुरुषों ने अपनी कुर्बानी दे दी पहले भारत विश्व गुरु था लेकिन आज हमारी मातृभाषा हिंदी का बहिष्कार हो रहा है और विदेशी भाषाओं का प्रचलन ज्यादा चल रहा है विदेशी सभ्यता के आधार पर अपने माता पिता को वृद्ध आश्रम में भेजा जा रहा है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अज्ञानी होना गलत नहीं है लेकिन अज्ञानी बने रहना गलत है इसलिए सभी भारतीय देशभक्तों से अनुरोध है कि जागो और अपने धर्म शिक्षा सभ्यता संस्कृति को पहचानो उन आदर्शों के बारे में चर्चा करो जिन्होंने आप को आजादी दिलाई थी

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