पब्लिक स्पीकिंग को अधिकतर लोग दुनिया का सबसे बड़ा डर मानते हैं - डॉ एमपी सिंह

लाइफ कोच व मोटिवेशनल स्पीकर डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर लोग समाज के सामने मंच पर बोल नहीं पाते हैं उनके हाथ और पैर कांपने लग जाते हैं जो बोलना चाहते हैं वह शब्द नहीं निकल पाते हैं बोली में भटकाव   आ जाता है सीनियर अधिकारियों के सामने अपनी बात को नहीं रख पाते हैं इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि बोलना एक कला है जिसको किसी भी उम्र में सीखा जा सकता है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि प्रभावी बोलचाल के तरीके इंसान को कामयाब बनाते हैं प्रभावी भाषण जब होता है जब हजारों की संख्या में लोग सांस रोककर आपको सुनने लगे यदि आपके भाषण देने के दौरान लोग उठ कर चल देते हैं या आपस में बात करना शुरू कर देते हैं या आप पर पत्थर फेंकना शुरू कर देते हैं तो समझ लीजिए कि आप के भाषण में ताकत नहीं है

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर नेता  अपने भाषण के कारण ही समाज में अपना वर्चस्व बनाते हैं और जीत कर विधानसभा तथा संसद में पहुंच जाते हैं अभिनेता भी अपने डायलॉग व प्रभावी बोली भाषा के कारण ही अरबों खरबों पति बन जाते हैं और उनको सुनने के लिए टेलीविजन के सामने बैठे रहते हैं

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि बचपन से ही पब्लिक स्पीकिंग नहीं आती है और स्कूल लेवल पर भी पब्लिक स्पीकिंग नहीं सिखाई जाती है कॉलेज और विश्वविद्यालय में अधिकतर बच्चे प्रभावी बोलचाल के तरीके सीख लेते हैं क्योंकि उनके सामने अनेकों चैलेंज होते हैं और उनके सिलेबस में भी प्रभावी बोलचाल के तरीकों का चैप्टर होता है 

उक्त बातों को मध्य नजर रखते हुए डॉ एमपी सिंह ने 1991 में प्रभावी बोलचाल के तरीके नामक पुस्तक प्रकाशित की थी जिसको पढ़ कर अनेकों  लोग साक्षात्कार देकर नौकरी प्राप्त कर चुके हैं यदि उक्त विषय पर किसी को भी सेमिनार आयोजित कराना है या बोलचाल के तरीके सीखने हैं तो देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह से 98105 66553 पर संपर्क कर सकते हैं

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जन्म से मृत्यु तक सभी यही सीखने में लगे रहते हैं क्या बोलना है कब बोलना है कितना बोलना है कैसे बोलना है लेकिन फिर भी सीख नहीं पाते हैं जरा सी भाषा बोली व शब्द गलत हो जाए तो बहिष्कार और तिरस्कार को गले लगाना पड़ता है यदि आप पब्लिक स्पीकर बनना चाहते हैं तो उक्त मोबाइल नंबर पर अति शीघ्र संपर्क करें शत प्रतिशत महारत हासिल करने की गारंटी है आपकी हिचकिचाहट दूर हो जाएगी और कहीं पर भी किसी के सामने  अपनी बात को शालीनता सहजता और सरलता से रख पाओगे

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि मां के पेट से कोई नहीं सीख कर आता है सब कुछ भौतिकवाद की दुनिया मैं ही सीखा जाता है जिनकी बोली और भाषा ठीक और उचित होती है उनके घर में किसी प्रकार का कलह क्लेश नहीं होता है और ऑफिस में भी सभी सम्मान करते हैं

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