यदि गरीबों के बच्चे स्कूल ही छोड़ते रहे तो बाबा साहब का स्वप्न साकार नहीं हो पाएगा -डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि यदि इसी प्रकार से गरीबों के बच्चे स्कूल छोड़ते रहे तो बाबा साहब का स्वप्न पूरा नहीं हो पाएगा
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि गरीबी चाहे कितनी भी हो लेकिन अपने बच्चों को स्कूल से छुट्टी नहीं करानी चाहिए या स्कूल से नाम नहीं कटवाना चाहिए हमें बाबा साहब के जीवन से सीख लेनी चाहिए उन्होंने अनेकों विषम परिस्थितियां के बाद भी अपनी पढ़ाई को नहीं छोड़ा और एक दिन देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे विद्वानों में गिनती कराई तथा भारत को संविधान दिया
डॉ एमपी सिंह ने विभिन्न स्कूलों से डाटा इकट्ठा किया और स्कूल छोड़ने के कारण जाने जिसमें पाया गया कि अधिकतर दलित पिछड़े असहाय दिव्यांग बेरोजगार गरीबों के बच्चे स्कूल छोड़ गए क्योंकि उनके पास कॉपीकिताब ड्रेस इत्यादि नहीं थी अनेकों बच्चों के पास एक जोड़ी कपड़े होते हैं इसलिए वह जब उसकी धुलाई करते थे तो उनके पास इस स्कूल जाने के लिए दूसरी जोड़ी कपड़े नहीं सोते थे इसलिए कई बार स्कूल टीचर विद्यार्थी को डांट फटकार देते थे और स्कूल से भगा देते थे
अनेकों बच्चों के पास पैसा देने के लिए नहीं होता था स्कूल में किसी न किसी माध्यम से कुछ पैसा मंगवाया जाता था जिसकी वजह से कई विद्यार्थी स्कूल छोड़ जाते थे अनेकों विद्यार्थियों के माता पिता का स्वर्गवास हो जाता था जिसकी वजह से उनकी परवरिश करने वाला कोई नहीं होता था अतः उन्हें अपना भरण-पोषण स्वयं करना होता था और उसके लिए अलग अलग हथकंडे अपनाने होते थे इसलिए वह स्कूल छोड़ जाते थे
अनेकों विद्यार्थियों के माता पिता उन्हें स्कूल जाने से इसलिए रोक लेते थे कि घर में कोई काम करने वाला नहीं था या हारी बीमारी दुख दर्द में कोई सेवा करने वाला नहीं था अनेकों माता पता अपने बच्चे को स्कूल थे इसलिए रोक लेते थे क्योंकि स्कूल में अमीर लोगों के बच्चे उनको मारते पीटते और दुर्व्यवहार करते थे इसलिए डर की वजह से वह स्कूल छोड़ जाते थे
अनेकों बच्चे अध्यापकों की प्रताड़ना से परेशान होकर स्कूल छोड़ जाते थे अध्यापकों के द्वारा शारीरिक मानसिक सामाजिक सजा देना अभद्रता और अश्लीलता पूर्ण व्यवहार करना जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करना स्कूल की साफ सफाई करवाना फर्नीचर को साफ करवाना गंदे कपड़े होने की वजह से बाहर खड़ा कर देना उनकी गरीबी का मजाक उड़ाना उनके माता-पिता के बारे में गलत बोलना
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि उक्त परेशानियां जीवन में आती और जाती रहती हैं कोई भी परेशानी टिकाऊ नहीं रहती है इसलिए हमें किसी भी स्थिति में पढ़ाई को नहीं छोड़ना है और पढ़ लिख कर आगे बढ़ना है हर माता-पिता को यह संकल्प कर लेना चाहिए कि हर हाल में हमने अपने बच्चे को पढ़ाना है और बाबा साहब के सपनों को साकार करना है
Comments
Post a Comment