जाने कौन आपके काम आता है कौन नहीं -डॉ एमपी सिंह
लाइफ कोच व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि इंसान पूरी जिंदगी अधिकतम लोगों की मदद करने में लगे रहते हैं लेकिन समय पड़ने पर बहुत सारे लोग दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ते हैं कुछ चंद लोग ही विपदा की घड़ी में साथ खड़े हुए दिखाई देते हैं
डॉ एमपी सिंह ने एक उदाहरण देते हुए समझाया है की जब कोई व्यापारी अपने माल को बेचने के लिए पब्लिसिटी कराता है होल्डिंग्स लगवाता है पंपलेट बटवा ता है टेलीविजन और अखबार में एडवर्टाइजमेंट कराता है तो देखा गया है कि सिर्फ 4% लोग ही उस एडवर्टाइजमेंट के माध्यम से उस सामान को खरीदते हैं ऐसा ही जीवन के साथ होता है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब आप नेटवर्किंग के माध्यम से अपना प्रोडक्ट या इंश्योरेंस पॉलिसी बेचना चाहते हो तब भी यही रेट निकल कर आता है जब आप 100 लोगों को प्लान दिखाते हो तब 4 लोग ही आपके साथ जुड़ पाते हैं लेकिन आपको पता नहीं है कि वह कौन से चार लोग हैं इसलिए आप बार-बार लोगों को प्लान दिखाते रहते हो यदि हमें पता चल जाए कि यही वे 4 लोग हैं तो हम अनायास अन्य लोगों पर अपना समय क्यों खर्च करेंगे
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि भौतिकवाद की दुनिया में भी 90 फ़ीसदी लोग थैंकलेस होते हैं 5 या 6 फीसदी लोग ही ऐसे होते हैं जो धन्यवाद करते हैं लेकिन चार लोग ऐसे होते हैं जो आपके सुख और दुख में काम आते हैं वह सिर्फ अपनी कामयाबी के लिए ही नहीं बल्कि आपकी कामयाबी में उनका बहुत बड़ा योगदान रहता है आपकी सफलता के लिए भी तन मन धन से जुट जाते हैं इसीलिए हम उन 4 फ़ीसदी लोगों की तलाश में भटकते रहते हैं
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