अहंकार में इंसान को इंसान नहीं दिखता है - डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि थोड़ी सी धन और दौलत या पद और प्रतिष्ठा किसी के पास आ जाती है या मिल जाती है तो वह इंसान को इंसान नहीं समझता है अहम और वहम में जीने लगता है कि मेरे से बड़ा आदमी इस संसार में कोई नहीं है या मेरे से धनवान और बलवान कोई नहीं है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि मनुष्य जिस रास्ते से आता है उसी रास्ते से जाता है यदि किसी को अहंकार हो गया है तो वह श्मशान घाट में जाकर देख ले कि आप से बड़ी हस्तियां भी वहां पर खाक और राख हो गई हैं आज उनका कोई नाम लेने वाला नहीं है इसलिए अहंकार में नहीं आना चाहिए
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अहंकारी लोगों को गुस्सा अधिक आता है और घमंडी हो जाते हैं इसलिए सच को जानने के लिए और सच पर चलने के लिए तैयार नहीं होते हैं वह समझते हैं कि जो मैं कह रहा हूं वही सत्य है और मेरे अनुसार ही सब कुछ होना चाहिए मेरे सामने किसी की हिम्मत बोलने और सलाह देने की नहीं होनी चाहिए वही उनके पतन और गरत का कारण होता है
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि रावण का उदाहरण किसी से छुपा हुआ नहीं है छोटे से छोटा बच्चा भी अनपढ़ से अनपढ़ महिला भी रावण का उदाहरण देते हैं कि स्वर्ग से नसेनी लगाने वाला अथाह बलशाली सोने की लंका में रहने वाला सभी वेदों का ज्ञाता जब अहम और वहम मैं आ गया था तो सर्व सत्यानाश हो गया था इसलिए अहम और वहम में नहीं रहना चाहिए यह तो मृत्युलोक है सिर्फ रात गुजारने के लिए आते हैं इतना ही समझना चाहिए
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