पुलिस की सफलता और असफलता उसकी बुद्धि और विवेक पर निर्भर करती है - डॉ एमपी सिंह

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष वे देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर लोग पुलिस को गुमराह करने में और ध्यान भटकाने में लगे रहते हैं जिन शरारती तत्वों की अच्छे भले मानस के साथ में अनबन हो जाती है वह गलत हथकंडो को अपनाकर उस सम्मानित व्यक्ति को अपमानित व निर्लज्ज करना चाहता है जिसके लिए वह  पुलिस कर्मचारियों और  अधिकारियों का सहारा लेता है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जल माफिया भू माफिया खनन माफिया शराब माफिया ड्रग्स माफिया रेत माफिया शिक्षा माफिया स्वास्थ्य माफिया मिलावट खोर सूदखोर रेपिस्ट सट्टा का काम करने वाले जुआ खिलाने वाले चोर डकैत लुटेरे जेब काटने वाले सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले अपने कारोबार को चलाने के लिए पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों से सांठगांठ रखते हैं ताकि उनका काला धंधा चलता रहे यदि कहीं पर किसी परेशानी का सामना करना पड़ता है तो जनप्रतिनिधियों का सहारा लेकर अपना काम आसानी से निकाल लेते हैं तथा मित्रता बनाने में कामयाब हो जाते हैं फिर वही समाज के ठेकेदार भी बन जाते हैं पुलिस भी उन लोगों पर ही विश्वास करने लगती है और उनकी बात मान कर निर्दोष लोगों को डराने धमकाने लग जाती है जोकि उचित नहीं है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि ऐसे षड्यंत्रकारी लोग अपना एक ग्रुप रखते हैं जो विशेष वर्ग के लिए काम करते हैं यदि उस ग्रुप में कोई फिट नहीं होता है तो पुलिस के द्वारा झूठे केस बनवा देते हैं और दबाव प्रभाव में लेकर अपने ग्रुप में कर लेते हैं इससे समाज में क्राइम और बढ़ता है क्राइम कम करने के लिए पुलिस कर्मचारियों को उसकी मानसिकता को समझना चाहिए और उसके पीछे के हाथ को जानने की कोशिश करनी चाहिए यदि ऐसा करने में पुलिस कामयाब हो जाती है तो अपराध को कम किया जा सकता है और अपराधी के हौसले भी टूट सकते हैं

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि यदि पुलिस हर शिकायतकर्ता की शिकायत को लेकर सही तरीके से जांच पड़ताल करने लगे और गलत आदमी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने लगे तो कुछ ही दिनों में क्राइम घटकर शून्य हो जाएगा 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि ईमानदारी से कार्य  करने के अलग ही आनंद है सही कार्य करने के बाद अपनी आत्मा को शगुन और शांति मिलती है बेईमानी से धन तो कमाया जा सकता है लेकिन सुख और शांति प्राप्त नहीं की जा सकती है क्योंकि निर्दोष व्यक्ति की बद दुआ किसी भी व्यक्ति को धरा शाही करने के लिए काफी है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि पुलिस को अपने स्लोगन पर कार्य करना चाहिए क्योंकि पुलिस की खाकी वर्दी का बहुत सम्मान है इस सम्मान को बनाए रखना चाहिए दबाव और प्रभाव में आकर किसी का बुरा कभी भी नहीं करना चाहिए क्योंकि कर्मों का फल तो यही भुगतना पड़ता है

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