खुशी इधर-उधर नहीं खुशी मात पिता के चरणो में है -डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि आजकल के बच्चे भटकाव की वजह से दुखी बदनाम बेरोजगार अपराधी बन रहे हैं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जो माता पिता बच्चे को उंगली पकड़कर चलाना सिखाते हैं भोजन करना कपड़े पहनना बोलना चालना सब कुछ सिखाते हैं क्या वह जीना नहीं सिखा सकते हैं क्या वह जीवन में भटकाव आने देंगे
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि भटकाव तो जब आता है जब हम माता पिता की मानते नहीं है और उनसे उल्टा सीधा बोलते हैं उनकी बेइज्जती करते हैं उनका मुंह बंद कर देते हैं उन पर आरोप प्रत्यारोप करते हैं और वह अपनी औलाद से जब डरने लगते हैं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जो बच्चे सुबह उठकर अपने माता पिता की चरण वंदना करते हैं और कार्य करने से पहले सलाह मशवरा करते हैं उनकी अनुमति लेते हैं उनके जीवन में कभी भटकाव नहीं आता है ना ही वह बेरोजगार रहते हैं और दिन प्रतिदिन उन्नति के रास्ते पर अग्रसर होते रहते हैं जब बच्चा अपनी मेहनत की कमाई को अपनी मां के हाथ पर रखता है तो मां का हृदय उधार होता है वह बहुत प्रफुल्लित हो जाती है और आशीर्वाद फलीभूत होता है जबकि वह उस पैसे को अपने पास नहीं रखती है लेकिन उस पैसे को देखकर और बच्चे की भावना से प्रभावित होकर वह बहुत प्रफुल्लित हो जाती है उसी से सारे ग्रह और नक्षत्र का जो दोष होता है वह दूर हो जाता है बच्चे पर किसी प्रकार की आपदा नहीं आती है और वह हमेशा सुखी व स्वस्थ रहते हैं इसलिए हमें खुशी को इधर-उधर तलाश नहीं करना चाहिए बल्कि माता पिता के चरणो में समर्पित रह कर खुशी का इजहार करना चाहिए
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