भारत की एकता, अखंडता और समृद्धि के बारे में सोचना और समझना ही सच्ची देशभक्ति है -डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है की हम हम सभी को मिलकर देश की एकता अखंडता और समृद्धि के लिए काम करना चाहिए
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जाति और धर्म मैं बांटने से देश का भला नहीं हो सकता है देश में शिक्षा और स्वास्थ्य निशुल्क होना चाहिए तथा रोजगार परक शिक्षा देकर आत्मनिर्भर बनाना चाहिए
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि आज भारतवर्ष पर 70 हजार करोड़ का कर्जा है जिससे उभरकर आना बहुत मुश्किल है लेकिन सही सोच पर सही दिशा में यदि काम किया जाए तो इससे बड़े ऋण को भी आसानी से उतारा जा सकता है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि सरकार को सोचना चाहिए किस पर अधिक बजट खर्च करना चाहिए और किस पर कम से काम चल सकता है किस काम को करना जरूरी है और किस काम को बिना किए गुजर हो सकती हैं बेकार के खर्चों पर अंकुश लगाने से बेहतर राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि रोटी कपड़ा और मकान आम आदमी की बेसिक जरूरत है और उसे पूरा करना राजा का धर्म होता है
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि पहले लोग कम कमाते थे फिर भी गुजर बसर ठीक हो जाती थी लेकिन आज अधिक कमा आ रहे हैं लेकिन फिर भी भूख प्यास बेरोजगारी घरेलू हिंसा कोर्ट कचहरी से पीड़ित होकर सुसाइड कर रहे हैं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि सरकार को ऐसी पॉलिसी बनाने चाहिए जिसमें गरीब मिडल लेवल का आदमी और अमीर अपनी गुजर-बसर ठीक से कर सके आज अधिकतर पॉलिसी सिर्फ गरीब के लिए है जोकि सही मायने में उसके पास भी नहीं पहुंच पा रहे हैं जिसकी वजह से हर वर्ग दुखी है मध्यम वर्ग के लोग ज्यादा दुखी है
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