Know Success Secrets By Life Coach Dr MP Singh and Renound Educationist
लाइफ कोच और बिजनेस कंसलटेंट डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर लोग सफलता के रहस्य को नहीं जानते हैं कुछ लोग अपनी नौकरी में इंक्रीमेंट और प्रमोशन तो चाहते हैं लेकिन उसके लिए क्या करना होता है उसका पता नहीं है कुछ लोग बड़े आर्टिस्ट बहुत बड़े संगीतकार बहुत बड़े खिलाड़ी बहुत बड़े नेता और अभिनेता तो बनना चाहते हैं लेकिन कैसे बनेंगे यह पता नहीं है उक्त सभी का रहस्य बताने के लिए यह लेख प्रकाशित किया गया है
डॉ एमपी सिंह ने उक्त सभी प्रश्नों के जवाब देने के लिए 1987 में ही सफलता का रहस्य नामक एक पुस्तक लिखकर प्रकाशित कर दी थी लेकिन फिर भी समय-समय पर लेखों के माध्यम से कामयाबी के सूत्रों को बताते रहते हैं उनका कहना है कि जब तक जुनून नहीं होता है तब तक कामयाबी नहीं मिलती है आमतौर पर तो सभी काम करते ही हैं और रात को स्वप्न लेते हैं सुबह सब कुछ भूल जाते हैं
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि मैं जब अपना गांव छोड़कर फरीदाबाद आया था तब एक छोटे से स्कूल से अपना कैरियर 40 साल पहले शुरू किया था और एक छोटा सा मकान किराए पर लिया था लेकिन आज सेक्टरों में कोठियां हैं और सम्मानित जिंदगी जी रहे हैं क्योंकि मन में चाहत थी कि बड़ा मकान होना चाहिए बड़ी गाड़ी होनी चाहिए और फर्स्ट बेंच पर बैठने चाहिए तो उसी के लिए काम किया और आज वह सब कुछ हासिल है
डॉ एमपी सिंह का कहना है जब तक किसी व्यक्ति के पास कारण नहीं होता है तब तक वह उसके लिए बेजोड़ कार्य नहीं करता है जब किसी की मां हॉस्पिटल मैं पैसे के अभाव में बीमारी से दम तोड़ रही होती है तब पता चलता है कि पैसा कितना महत्वपूर्ण है और पैसा क्यों कमाना चाहिए लेकिन जब तक किसी पर कुछ गुजर नहीं रही है तब तक उसे पैसे का महत्व नहीं पता होता है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि कुछ लोगों के शौक मौज बहुत होते हैं प्रतिदिन बड़े होटलों पर खाना खाते हैं प्रतिदिन बड़े मॉलों से खरीदारी करते हैं और प्रतिदिन के लाखों रुपए के खर्च होते हैं इसलिए वह अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए व्यापार को बढ़ाने के लिए कुछ ना कुछ उपाय सोचते रहते हैं और कामयाबी के रास्ते तलाशते रहते हैं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जिसका कोई शौक नहीं है जिसका मन मरा हुआ है वह फुटपाथ पर रह कर के भी अपनी जिंदगी को गुजार सकता है जिसकी न खाने की इच्छा है ना पहनने की इच्छा है और जिसको आत्मज्ञान हो चुका है उसके लिए भौतिकवाद की चमक धमक की जिंदगी बेकार है और वह इस मृत्युलोक से ऊपर की बात सोचता है
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