दादी की सीख ने कैसे संभाली भटकती जवान लड़की की जिंदगी जाने - डॉ एमपी सिंह
लाइफ कोच व मोटिवेशनल स्पीकर डॉ एमपी सिंह ने सत्य पर आधारित घटना का उल्लेख सीख देने के लिए आर्टिकल के माध्यम से प्रकाशित किया है डॉ एमपी सिंह ने बताया कि बहुत गरीब घर में एक बच्ची का जन्म होता है वह जैसे-जैसे बड़ी होती है घर का सारा काम काज करती है और अपनी पढ़ाई लिखाई भी मन लगाकर करती है पढ़ने लिखने में बहुत काबिल होती है और सुशील तथा सुंदर होती है इसलिए अधिकतर अध्यापक और बच्चे उससे प्यार करते हैं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि बचपन में वह दादी की गोदी में बैठकर कहानी सुना करती थी लेकिन जैसे-जैसे बड़ी होती गई दादी से दूर होती गई और टीन एज में शरीर में कुछ परिवर्तन होने लगे जिसकी वजह से उसके आव भव बदलने लगे और व्यवहार तथा बोली भाषा में भी परिवर्तन आने लगा डॉ एमपी सिंह बताते हैं कि उसने दसवीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक लाकर विद्यालय का नाम रोशन किया और स्कॉलरशिप भी प्राप्त की वह डॉक्टर बनना चाहती थी इसलिए उसने 11वीं कक्षा में मेडिकल ले लिया लेकिन इतने अच्छे अंक नहीं आए और 12वीं कक्षा में 50 फ़ीसदी अंक लेकर पास हो गई सपने साकार होते हुए नजर नहीं आ रहे थे वह परेशान सी रहने लगी
डॉ एमपी सिंह बताते हैं कि एक रात को 1:00 बजे तक वह इधर से उधर करवटें बदल रही थी दादी जी बड़ी गौर से उसकी गतिविधि को देख रही थी दादी जी सब कुछ पहले से ही समझ चुकी थी लेकिन कुछ कह नहीं पा रही थी
लेकिन आज दादी जी ने उसे आवाज लगाकर बुलाया लेकिन वह नहीं आए तब दादी जी ने लाठी का सहारा लिया और उसकी चारपाई तक पहुंच गई
और कहने लगी बिटिया आप बहुत देर से परेशान हैं क्या बात है क्या परेशानी है मुझे बताओ तब उसने गुस्से में कहा कोई बात नहीं है मुझे परेशान मत करो
दादी ने कहा मैं एक बात कहने आई हूं तब उस बेटी ने कहा कि पूरी रामायण और महाभारत तो तुमने सुना रखी है अब क्या सुनाने आई हो
तब दादी ने कहा बेटी रामायण मैं लक्ष्मण रेखा तुम ने सुनी होगी यदि सीता लक्ष्मण रेखा को पार नहीं करती तो रावण उसको चुरा कर नहीं ले जाता रावण की हिम्मत लक्ष्मण रेखा को पार करने की नहीं थी
बिटिया ने कहा क्या कहना चाहते हैं आप
दादी ने कहा बेटा परेशान मत हो मैं भी इस उमर में थी मुझे भी पता है कि इस उम्र में क्या होता है
इसलिए तू परेशान मत हो जिसे तू चाहती है जिससे तू प्यार करती है वह क्या तुझसे प्यार करता है
यदि वह तुझसे प्यार करता है तो लक्ष्मण रेखा को पार करके तुझे ले जाएगा
दादी ने बहुत साधारण भाषा में समझाया कि लक्ष्मण रेखा घर की दहलीज होती है
उसको पार करके जो आता है वह दूल्हा होता है
और उस घर की बेटी को समाज के सामने पत्नी बनाकर ले जाता है
उसमें घर की इज्जत भी रहती है परिवार के लोग भी सिर उठाकर जी सकते हैं
अब बेटी को सब कुछ समझ में आ गया था और बेटी दादी के गले लग कर रोने लगी और दादी को आप बीती सब कुछ बताते बेटी ने उसी समय संकल्प ले लिया कि मैं अब कोई कदम ऐसा नहीं उठाऊंगी पहले अपने लक्ष्य की प्राप्ति करूंगी फिर माता-पिता के अनुसार ही अपने जीवन की शुरुआत करूंगी
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि यदि आपको यह सीख अच्छी लगती है तो अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करना ताकि टीनएज में भटकने वाली बेटियों का जीवन संभल जाए
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