अमरोहा में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे आईएएस और पीसीएस के विद्यार्थियों को कोयला और हरित क्रांति के बारे में बताया -डॉ एमपी सिंह
लाइफ कोच व मोटिवेशनल स्पीकर डॉ एमपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि कोयला एक दहन सील काली अवसादी चट्टान है जो मुख्य रूप से कार्बन से बनी है जिसमें हाइड्रोजन सल्फर ऑक्सीजन और नाइट्रोजन होते हैं यह चीन अमेरिका रूस जापान भारत ईरान सऊदी अरब दक्षिणी कोरिया कनाडा मैं पाया जाता है
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि कोयला का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है बंद की गई गर्मी का उपयोग पानी को भाग में बदलता है और वह टरबाइन को चलाता है एक यूनिट बिजली के लिए एक किलो कोयला 5 किलो पानी की जरूरत होती है एक कोई किलो कोयला जलाने से 400 ग्राम राख 27 किलो कैलोरी उष्णता एक किलो ऑक्सीजन खर्च होती है जिससे डेढ़ किलो कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण को प्रदूषित करती है
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि पहले कोयले का बाजार बहुत व्यापक नहीं था लेकिन 1853 में स्वचालित रेलगाड़ी चलने से कोयले की मांग बढ़ गई 1940 तक यह है 30 मिलियन टन तक प्रतिवर्ष पहुंच गई 1950 में राष्ट्रीय कोयला विकास निगम की स्थापना की 1973 में कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण हो गया
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि विश्व में सबसे अधिक कोयला उपलब्धता कराने में भारत का पांचवा स्थान था वर्तमान में इसका उत्पादन लगभग 900 मिलियन टन है जबकि प्रतिवर्ष 200 मिलियन टन कोयले का आयात किया जाता है और 50% अधिक से अधिक कोयला विद्युत उत्पादन के रूप में काम आ रहा है कोल इंडिया लिमिटेड विश्व की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी है जोकि भारत में खपत होने वाली बिजली की पूर्ति नहीं कर पा रही है 2019 में भारत द्वारा विदेशों से लगभग 250 मिलियन टन कोयला आयात किया गया था कोयला खदानों से रेलवे लाइन तक कोयला को आसानी से पहुंचाने के लिए अट्ठारह हजार करोड़ के निवेश से कन्वेयर बेल्ट बनाई गई है
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण है और कोविड-19 के बाद इसके उत्पादन पर रोक लगा दी गई है थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिए गए हैं जिसकी वजह से बिजली उत्पादन में कमी आई है बारिश ना होने की वजह से तापमान में वृद्धि हो गई है जिसकी वजह से घरों में भी बिजली की खपत बढ़ गई है नदियों में जल का स्तर गिरता जा रहा है इसलिए बिजली उत्पादन में कमी आ रही है और जिसकी वजह से उद्योग धंधों की प्रोडक्शन में भी कमी आ गई है और ग्रामीण इलाकों में भी बिजली की कटौती से फसल सूख रही है बिजली संकट देश पर गहरा रहा है जिसके लिए हरित क्रांति लाई जा रही है ताकि इस समस्या पर काबू पा लिया जाए
इस अवसर पर अमरोहा के एसडीएम सुबोध कुमार आईएएस और आशीष कुमार आईएएस ने भी संबोधित किया
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