घोर कलयुग के कारण पृथ्वी का अंत होने वाला है - डॉ एमपी सिंह

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि अब घोर कलयुग आ गया है जिसकी वजह से पुत्र अपने पुत्र धर्म को नहीं निभा रहा है अपने माता-पिता पर अत्याचार कर रहा है तथा उल्टे सीधे तरीके से प्रॉपर्टी को हड़प रहा है और अपने माता-पिता को वृद्ध आश्रम में भेज रहा है शिष्य अपने शिष्य धर्म को नहीं निभा रहा है वह गुरुओं पर आक्रमण कर रहा है और उल्टे सीधे आरोप लगाकर जलील कर रहा है और गुरुओं को अपने अधीन रख रहा है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अब अधिकतर स्त्रियां अपने वैवाहिक धर्म को नहीं निभा रही हैं वह कार और बंगला तथा पैसे के पीछे भाग रही है तथा अनैतिक सेक्स व 376 जैसे संगीन आरोप लगाकर जेल भेज रही है दहेज के केस में पूरे परिवार को जेल की सलाखों के पीछे भेज कर अपना आनंदित जीवन गुजार रही है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आज बाप और बेटी तथा मां और बेटा के संबंध दूषित हो चुके हैं आज 1112 साल की बच्ची बच्चे को जन्म दे रही है आज किसी में दया तथा क्षमा भाव नहीं रहा है आज अधिकतर लोग शॉर्टकट अपनाकर धन कमा रहे हैं अन्याय और अनर्थ कर रहे हैं परस्पर एक दूसरे का उत्पीड़न कर रहे हैं आज खून के रिश्ते पतले हो चुके हैं आज प्रॉपर्टी विवाद में बहन भाई की दुश्मन हो रही है बहन बहन की दुश्मन तथा भाई भाई का दुश्मन हो रहा है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आज योगी भोगी बन चुके हैं जादू टोना का प्रचलन अधिक बढ़ चुका है सामाजिक लोग टर्म और कंडीशन पर मदद कर रहे हैं इज्जत की बोली भाषा में कमी आ चुकी है अधिकतर लोग गाली देकर बोलते हैं मीट मांस शराब अंडा का सेवन बढ़ चुका है ड्रग्स के नशे में अनैतिक कार्य किए जा रहे हैं बलवान ही सबका स्वामी बना हुआ है फटी जींस को पहन कर बड़े होने का ड्रामा किया जा रहा है आधे अधूरे कपड़े पहन कर फैशन दर्शाई जा रही है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अब अधिकतर लोग अपने धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म को अपना रहे हैं अंधाधुंध वृक्षों की तथा पहाड़ों की कटाई करने में लगे हुए हैं जिसकी वजह से पर्यावरण प्रदूषित हो चुका है शुद्ध ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है जिसकी वजह से अधिकतर लोग अनेकों बीमारियों से ग्रसित होकर अपनी जमा पूंजी को डॉक्टरों को दे रहे हैं

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि लोगों को देखकर परमात्मा ने भी अपना रुक/ विचार बदल लिया है जिसकी वजह से समय पर बरसात नहीं हो रही है और कहीं बादल फट रहे हैं तो कहीं पहाड़ टूट रहे हैं कहीं सुनामी आ रही है तो कहीं बाढ़ आ रही है चारों तरफ प्रकृति का कहर देखने को मिल रहा है कोविड-19 जैसी भयंकर महामारी आ रही है जिस ने सिद्ध कर दिया है कि कभी भी कोई भी आपदा पृथ्वी का अंत कर सकती है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि कोई भी कार्य बिना रिश्वत के और बिना शोषण के नहीं हो पा रहा है आजकल ऐसे लोगों का बोलबाला है जो दोनों तरफ से शोषण कर रहे हैं जो बोलते कुछ और हैं और करते कुछ और है जिनके मन में कुछ और है और कर्म में कुछ और है ऐसी फिल्मों का बोलबाला है और ऐसे ही लोग राज कर रहे हैं अधिकतर राजनेता और अधिकारियों ने अपने दलाल छोड़े हुए हैं जिनके बिना आम आदमी का कार्य नहीं हो सकता

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर युवक और युवतियां अपनी इच्छा के अनुसार ही भोग विलास का आचरण कर रहे हैं अपनी मर्जी से विवाह कर रहे हैं और अपनी मर्जी से छोड़ रहे हैं सोशल मीडिया पर अपराध इतना बढ़ चुका है की अधिकतर लोग आत्मदाह करने को मजबूर हो चुके हैं चारों तरफ ब्लैक मेलिंग ही ब्लैकमेलिंग हो रही है कोई किसी की श्रद्धा भाव से मदद कर के राजी नहीं है केवल धन प्रभुत्व के कारण ही अधिकतर लोग संबंध बना रहे हैं

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आजकल पानी भी लीटर के हिसाब से बिक रहा है और ऑक्सीजन भी लाखों रुपए में खरीदी जा रही है हर चीज में मिलावट ही मिलावट है पवित्रता खत्म हो चुकी है आजकल ज्ञान की कदर नहीं है धर्म प्रतिदिन खत्म होता जा रहा है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आज धनवान लोग ही स्त्रियों के स्वामी बन चुके हैं गुंडे बदमाश बाहुबली, धन बली, चरित्रहीन, रेपिस्ट ,बलात्कारी ,जुआरी लोगों का ही बोलबाला है इंसानियत खत्म हो चुकी है गुणधर्म  का महत्व दिन प्रतिदिन घटता जा रहा है थोड़े से धन के आ जाने पर ही इंसान में घमंड की भावना आ रही है और अपने सामने आस-पड़ोस के लोगों को वह मक्खी मच्छर की तरह समझ कर व्यवहार कर रहा है दान दक्षिणा की भावना खत्म होती जा रही है अधिकतर लोग सिर्फ धन कमाने में ही बुद्धि लगा रहे हैं

उक्त विचार डॉ एमपी सिंह के अपने स्वतंत्र विचार हैं जो वर्तमान में देखा जा रहा है उसी का बखान किया गया है और घोर कलयुग होने की बजह से प्रलय होने की आशंका है और अनेकों प्रकार की परेशानियां सामने आने वाली है जिनको सुनकर और देखकर दिल दहल जाएगा जिनका बखान नहीं किया गया है परेशानियों का सामना ना करने की वजह से कुछ लोग रेल के नीचे आकर कटकर मर जाएंगे कुछ जहर खाएंगे कुछ फांसी के फंदे पर चढ़ जाएंगे  कुछ मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह कर लेंगे कुछ एक दूसरे की जान चाकू छुरी तलवार या गोली से ले लेंगे

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