मॉडर्न पब्लिक स्कूल नगला एनक्लेव में विश्व आत्महत्या दिवस मनाया गया - डॉ एमपी सिंह

फरीदाबाद स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल नगला एनक्लेव में आत्महत्या दिवस मनाया गया जिसमें मुख्य वक्ता बतौर डॉ एमपी सिंह ने कहा कि आत्महत्या कि मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में 1.64 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की थी आज औसतन 400 लोग आत्महत्या  कर रहे हैं जोकि यह आंकड़ा अत्यंत डरावना है लेकिन इस आंकड़े पर काबू पाया जा सकता है यदि हम जागरूक हो जाएं और अन्य लोगों को जागरूक करने लगे 

डॉ एमपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भौतिकवाद की दुनिया में अनेकों प्रकार की परेशानी है कोई अपने बच्चे के दाखिला को लेकर परेशान है तो कोई उसकी फीस को लेकर परेशान है कोई अपने बॉस से परेशान हैं तो कोई अपने आप से परेशान है किसी की नौकरी नहीं है तो किसी का व्यापार चौपट हो गया है कोई अपनी बीमारी से परेशान हैं तो कोई अपनी आर्थिक स्थिति से परेशान हैं कोई सोशल मीडिया की वजह से परेशान है तो कोई राजनीति से परेशान हैं कुछ लोग साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं तो  कुछ लोग ब्लैक मेलिंग के शिकार हो रहे हैं अधिकतर लोग किसी न किसी वजह से परेशान है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह आत्महत्या कर ले 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि यदि हम लोगों की खुशी का ध्यान रखें और उनके तनाव को कम करने में मदद करें तथा किसी भी हाल में उन्हें कमजोर न पड़ने दें तो कोई भी आत्महत्या नहीं करेगा कोई भी आत्महत्या मजबूरी या दबाव मैं करता है जब उसके पास जीने का कोई रास्ता नजर नहीं आता है और आप बीती वह किसी को नहीं सुना पाता है यदि कोई भी उसकी आपबीती को सुन ले तो वह आत्महत्या नहीं करेगा

 डॉ एमपी सिंह ने बताया कि इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रीवेंशन के द्वारा जागरूकता दिवस 2003 से प्रतिवर्ष 10 सितंबर को मनाया जा रहा है ताकि आत्महत्या से बचाव के लिए सजग किया जा सके 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आत्महत्या को रोका जा सकता है यदि हम इंसानियत के गुणों को अपना लें और लोगों को मरने के लिए मजबूर ना करें घरेलू हिंसा ना करें चरित्र पर शक ना करें लिव इन रिलेशनशिप के नाम पर धोखा ना दे मित्रता में छल कपट ना करें कई लड़कियां इंस्टाग्राम पर लड़कों के साथ दोस्ती कर लेती हैं और शादी थी कर लेती कुछ समय के बाद यह सब कुछ समझ कर ले जाती हैं या उसका मर्डर करा देती हूं पता चलता है कि वह छठा सातवां शिकार था कुछ लड़कियां मोबाइल पर हाय एंड हेलो लिख कर भेजते हैं फिर वतन से कपड़े उतर जाते हैं और फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर लाइव करने की धमकी दे देते हैं जिसस सामाजिक प्रतिष्ठित इज्जतदार व्यक्ति उनके झांसे में आ जाता है और दो चार लाख से लूट पिट जाता है यदि नहीं देता है तो समाज के डर से आत्महत्या कर लेता है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अनेकों विद्यार्थी भी आत्महत्या का शिकार हो रहे हैं कक्षा में फेल होने पर अधिक अंक ना आने पर अच्छे स्कूल और कॉलेज में दाखिला ना मिलने पर प्रतियोगी परीक्षा में अच्छी रैंक ना आने पर अधिकतर विद्यार्थी हिम्मत हार जाते हैं उनको प्यार और सम्मान की जरूरत है यदि माता पिता और गुरु थोड़ा सा सहारा दे दे  तो इसमें कमी लाई जा सकती है विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थियों की मुलाकात मोटिवेशनल स्पीकर या कैरियर काउंसलर से अवश्य कराने चाहिए

डॉ एमपी सिंह ने कहा कि आत्महत्या की रोकथाम के लिए सोशल मीडिया पर भी सजगता दिखानी चाहिए आत्महत्या के तरीके और तस्वीरों को शेयर करते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए कहीं जाने अनजाने में किसी अन्य व्यक्ति को तो राह नहीं दिखा रहे हैं पाठकों को भी भावनात्मक प्रतिक्रिया देने से भी बचना चाहिए सामाजिक तौर पर संवेदनशीलता अति आवश्यक है क्योंकि अवसाद की स्थिति में आत्महत्या के मामले अधिक आ रहे हैं जबकि काउंसलर और मोटीवेटर की सलाह लेकर सुखी जीवन गुजारा जा सकता है यदि किसी पीड़ित व्यक्ति को काउंसलिंग की जरूरत है तो निशुल्क को परामर्श  M. 9810566553 पर ले सकते हैं

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