जबरदस्ती मौत को गले लगाने वाला रावण है -डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि रावण अत्यधिक विद्वान बलवान और धनवान थे लेकिन फिर भी उन्होंने राम-लक्ष्मण की अनुपस्थिति में सीता माता का बलपूर्वक हरण किया जबकि उनको पता था कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की पत्नी का छल पूर्वक हरण करना कितना कष्टदाई और दुखदाई हो सकता है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आज भी सरकार ऐसे अनेकों क्रिमिनल और मोस्ट वांटेड लोगों पर इनाम रख देती है ताकि वह पकड़ में आ सके और अन्य लोग उनके शिकार होने से बच सकें
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि सरकार उनको 10 20 50 लाख देकर अपराधिक प्रवृत्ति को छोड़ने और घर बसाने के लिए कहती है लेकिन उनको तलवार चाकू बंदूक ड्रग्स सुरा सुंदरी के खेल में घरेलू जिम्मेदारी निभाना कहां अच्छा लगता है उन्होंने तो मौत को गले लगा रखा होता है और वह किसी से डरते भी नहीं है ना किसी की सुनते हैं ना किसी के समझाने पर समझते हैं
जैसे रावण को उसके सभी भाइयों पुत्रों और पत्नियों ने समझाया लेकिन किसी की भी समझ नहीं मानी और अपनी जिद पर अड़े रहे ठीक इसी प्रकार आज भी समाज में ऐसे अनेक रावण हैं जो ना किसी की मानते हैं और ना किसी की जानते हैं जबरजस्ती मौत को गले लगाते हैं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि समाज के लोगों को व्यस्त रखने के लिए और सही रास्ते पर लाने के लिए रावण का होना अति आवश्यक है यदि रावण नहीं होता तो राक्षसों का अंत भी नहीं होता रावण की वजह से भगवान राम ने अनेकों बुराइयों का अंत किया और अच्छे और भले इंसानों को राजपाट देकर एक अच्छा संदेश दिया
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