निर्माण और सृजन के देवता, शिल्पी देव, जगतपिता, भगवान श्री विश्वकर्मा पूजनीय वंदनीय और प्रार्थनीय है- डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने विश्वकर्मा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम जब रावण के अहंकार को खत्म करके अयोध्या वापस आए थे तब लोगों ने दीपोत्सव मनाया था और दीपावली के अगले दिन शिल्प देव यंत्रों के अधिष्ठाता भगवान श्री विश्वकर्मा जी का पूजन किया था तभी से आज तक गोवर्धन पूजा वाले दिन विश्वकर्मा भगवान की पूजा की जाती है
डॉ एमपी सिंह बताया कि वास्तु श्रजन के देवता, महान ऋषि ,ब्रह्म ज्ञानी, विश्वकर्मा भगवान ने सुई से लेकर हवाई जहाज तक सभी यंत्रों का निर्माण किया जैसे कृषियंत्र, वायुयान, जलयान, मूर्तियां, आभूषण ,भोजन के पात्र, रथ आदि
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि इन्होंने लंकापुरी, पांडवपुरी, सुदामापुरी, यमपुरी, इंद्रपुरी, द्वारका, हस्तिनापुर आदि का निर्माण किया इन्होंने परशुराम का फरसा, राम लक्ष्मण के धनुष बाण ,कर्ण का कुंडल, कृष्ण का सुदर्शन, भगवान शंकर का डमरू कमंडल और त्रिशूल, यमराज का कालखंड तथा रावण के पुष्पक विमान का निर्माण किया
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि विश्वकर्मा जाति के लोगों को अपने आप पर गर्व होना चाहिए कि उनके पूर्वज विश्वकर्मा भगवान के सामने सभी ऋषि मुनि नतमस्तक हुए हैं विश्वकर्मा वंशजों को अपने कार्य को महान समझना चाहिए और हीन भावना नहीं रखनी चाहिए अपने बच्चों को अपने पूर्वजों के बारे में बताना चाहिए और उनके बताए रास्ते पर चलकर मार्ग प्रशस्त करना चाहिए
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