श्रद्धा के 35 टुकड़े करके दर्दनाक मौत को अंजाम देना शर्मनाक है- डॉ एमपी सिंह

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने श्रद्धा की दर्दनाक मौत को लेकर इस आर्टिकल को जनहित और राष्ट्रहित में प्रकाशित करने का संकल्प लिया है ताकि आने वाली पीढ़ी इससे सबक ले सकें और अपने जीवन को सार्थक और कामयाब बना सकें 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि श्रद्धा की तरह अनेकों हमारी बहन बेटियां मौत की बलि चढ़  रही हैं और दरिंदे अमानवीय कृत्य करके समाज को शर्मसार कर रहे हैं इस प्रकार की घटनाओं से समाज के लोग सदमे में आ चुके हैं कि अपनी बहन बेटियों को पढ़ने लिखने के लिए स्कूल कॉलेज में भेजें या नहीं सरकारी और प्राइवेट नौकरियां करने के लिए नारी जाति को भेजा जाए या नहीं यह प्रश्न अब सभी के जेहन में आने लगा है 
हर जगह बहन बेटियां अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है आजकल तो मोबाइल और लैपटॉप के जरिए साइबर क्राइम के एक्सपर्ट झांसा देकर दोस्ती का नाटक कर रहे हैं जिसमें अबोध बालिकाएं फंसती जा रही है

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि 12 वर्ष से 20 -22 वर्ष की लड़कियां इस झांसे में आ रही हैं और मां-बाप की नाक काट कर घर से भाग रही हैं जिनको बाजार में बेचा जा रहा है या कुछ समय तक उसके  साथ सामूहिक सेक्स करके मारा जा रहा है इस प्रकार की घटनाएं ज्यादा देखने को मिल रही है ऐसी स्थिति में भागने वाली लड़की कुछ नहीं कर पाती है उसको ऐसे स्थान पर रखा जाता है जहां पर उसकी कोई सुनने वाला नहीं होता है

 डॉ एमपी सिंह ने सभी बहन बेटियों और अभिभावकों को सचेत करते हुए यह आर्टिकल लिखा है कि अभिभावकों को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए तथा मित्रवत व्यवहार करना चाहिए अच्छी बुरी बात हमेशा उनके साथ शेयर करनी चाहिए और बच्चों को भी अपने माता-पिता से कोई बात छुपानी नहीं चाहिए क्योंकि माता-पिता से बड़ा इस संसार में कोई भी मित्र नहीं होता है और उनसे अच्छा अपने बच्चे का कोई भला भी नहीं चाहता है इसलिए फोन पर फ्रेंडशिप करना खतरे से खाली नहीं है

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जिस प्रकार से श्रद्धा के विश्वास के टुकड़े हुए हैं ऐसे ही अन्य बेटियों के भी हो सकते हैं यदि समय पर नहीं संभले तो ऐसे फर्जी लोगों के साथ प्रेम विवाह कभी नहीं करना चाहिए ऐसे प्रेम विवाह सफल नहीं हुआ करते हैं जब किसी बहन बेटी की ऐसी दर्दनाक मौत होती है तो मां-बाप का ह्रदय विदीर्ण  हो जाता है और कई बार तो मां-बाप ही दम तोड़ जाते हैं इसलिए आधुनिकता की दौड़ में ज्यादा आधुनिक होना और अमर्यादित आचरण करना तथा मां-बाप से छुपकर किसी अन्य से मिलना उचित नहीं है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जिसके बारे में आप कुछ भी नहीं जानते हैं वह झूठ बोल रहा है या सच बोल रहा है जिसके घर और परिवार का पता नहीं है जिसके आचरण का पता नहीं है उसके साथ आप दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हो फिजिकल रिश्ते बना रहे हो छिपकर किसी होटल में मिल रहे हो ऐसा करने से कुल की इज्जत चली जाती है और घर परिवार के लोग मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहते हैं भविष्य में आपके साथ जो होना है वह तो आपको पता ही नहीं है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जो बच्चे अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करते हैं वह कभी ऐसा कार्य नहीं करते हैं आपका जीवन स्वतंत्र है आप कोई भी फैसला ले सकते हैं लेकिन ऐसा कोई गलत फैसला ना लें जिसकी वजह से आपको मुंह छुपाने की जगह भी ना मिल पाए और आपकी वजह से आपके परिवार को शर्मसार होना पड़े तथा अपमानित जिंदगी जीने के लिए मजबूर होना पड़े 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि हमें सभी पर विश्वास और भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि स्वर्ण मृग के भेष में कोई भी मारीच हो सकता है रामायण सभी ने देखी है सभी को इस से सीख लेनी चाहिए फैसला आपके हाथ में हैं कि जालसाज के मकड़जाल में फसना है या उन्हें सबक सिखाना है और अपने माता-पिता के नाम को रोशन करना है अपना जीवन कामयाब बनाना है छोटी सी गलती बहुत बड़ी दुखदायक बन जाती है जिसके जीवन में भरपाई नहीं हो पाती है इसलिए सूझबूझ का परिचय दें और किसी के झांसे में ना आए

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि कार्य ऐसा करना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ी आपका सम्मान के साथ नाम ले यदि आपने जाने अनजाने में कोई कुकृत्य किया तो आने वाली पीढ़ी आपको धिक्कारेगी नफरत करेगी माफ नहीं कर पाएगी

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