राष्ट्रीय प्रेस दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए प्रेस को बेहद महत्वपूर्ण बताया -डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और यह स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की उपस्थिति का प्रतीक है पत्रकारिता की नैतिकता तथा प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रेस की आजादी बेहद जरूरी है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि समाचार पत्र एक उत्तर पुस्तिका के समान हैं जिसमें लाखों परीक्षक निरीक्षक और समीक्षक होते हैं परंतु पत्रकारों की कमी की वजह से पत्रकारिता के क्षेत्र में काफी त्रासदी और गिरावट तथा मिलावट आ चुकी है समाचारों में विचारों को मिश्रित किया जा रहा है समाचारों का संपादकीय करण होने लगा है विचारों पर आधारित समाचारों की संख्या बढ़ गई है इससे पत्रकारिता में अस्वास्थ्यकर प्रवृत्ति विकसित होने लगी है विचारों पर आधारित समाचार अभिशाप बन चुका है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आजादी से पहले पत्रकारिता मिशन थी लेकिन आज प्रोडक्शन बन चुकी है पहले पत्रकार सच्चाई से अवगत कराया करते थे और खोजी पत्रकारिता का नाम दिया जाता था लेकिन आज खोजी के स्थान पर नीली और पीली पत्रकारिता हो चुकी है आज तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर तथा बढ़ा चढ़ाकर या घटाकर पेश किया जा रहा है आज सनसनी खबर बनाने की प्रवृत्ति बढ़ने लगी है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि मीडिया समाज को नई दिशा देता है और समाज को प्रभावित करता है लेकिन आज मीडिया समाज से प्रभावित होने लगा है
डॉ एमपी सिंह ने मीडिया को समाज का समतल दर्पण बताया है समतल दर्पण का काम है कि वह समाज की तस्वीर को हुबहू दिखा दे लेकिन स्वार्थ हित में मीडिया कर्मियों ने समतल दर्पण की जगह अवतल और उत्तल दर्पण बना दिया है जिससे वास्तविक काल्पनिक और विकृत तस्वीरें सामने आने लगी हैं और लोगों का भरोसा मीडिया से उठने लगा है
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