भ्रष्टाचार मुक्त भारत के बाद ही विकसित भारत का निर्माण हो सकता है -डॉ एमपी सिंह

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि किसी भी कार्य को व्यक्ति कम से कम समय में बिना कष्ट उठाए करना चाहता है इसलिए वह लेनदेन की प्रक्रिया को अपनाता है और नियमों के विरुद्ध जाकर कार्य करवाता है

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि भ्रष्ट आचरण और अवैध तरीकों से धन अर्जित करना, देश की प्रजा का शोषण करना, चुनाव में धांधली करना, पैसे देकर वोट लेना, वोट के लिए पैसा और शराब का बांटना, पैसे देकर अखबार को गलत समाचार प्रकाशित करवाना ,झूठी गवाही देना, झूठा मुकदमा दायर करवाना, परीक्षा में नकल करवाना, टैक्स चोरी करना, किसी को ब्लैकमेल करना, कालाबाजारी करना, हफ्ता वसूली करना, कठिन कार्य के बदले कम वेतन देना, कार्यों को कर पाने के लिए आने से कौन से साधनों का प्रयोग करना, सस्ता सामान लाकर महंगा भेजना आदि भ्रष्टाचार है 

डॉ एमपी सिंह ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि 30% से अधिक विधायकों के अपराधिक मामले कोर्ट में लंबित हैं और वही कानून तोड़ने वाले कानून का निर्माण कर रहे हैं राजनीतिक सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं राजनीति का अपराधीकरण और नौकरशाही हो चुका है सत्ता में बैठे लोग सीआईडी, सीबीआई, ईडी का दुरुपयोग स्वार्थ हित के लिए कर रहे हैं जिससे देश का विकास संभव नहीं है नागरिक चार्टर, आरटीआई, ई गवर्नेंस का भी आजकल दुरुपयोग हो रहा है आरटीआई के माध्यम से अधिकतर लोग ब्लैकमेल कर रहे हैं

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर लोग अधिक पैसा कमाने के लिए दूसरों के जीवन की परवाह किए बिना अनुचित और अनैतिक कदम उठा रहे हैं तथा भोग विलास की जीवन शैली जी रहे हैं समाज के साथ भेदभाव की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है नैतिकता को ताक पर रख दिया गया है जबकि भारत देश नैतिकता और परंपराओं का देश है हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार ही नजर आ रहा है

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर लोगों के जीवन में भ्रष्ट आचरण आ चुका है और भ्रष्टाचार सभी समस्याओं का मूल कारण है जिसकी वजह से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार भी प्रभावित हो रहा है इससे देश की प्रकृति भी बाधित हो रही है इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि प्राइवेट स्कूल अब शिक्षा का मंदिर नहीं मॉल बन चुके हैं जहां पर किताब कॉपी कपड़े  टाई बेल्ट जूते मोजे  बेचे जा रहे हैं और अधिकतर अध्यापकों ने ट्यूशन का प्रोफेशन अपना लिया है स्कूल में पढ़ाने की वजह है ट्यूशन में बुलाने के लिए विद्यार्थियों को बाध्य करते हैं परीक्षा में सफल कराने तेरे नाम पर पैसे लेते हैं, स्कूल में दाखिला के नाम पर भारी-भरकम रकम ली जा रही है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत तो सभी चाहते हैं लेकिन अपने अंदर परिवर्तन करना कोई नहीं चाहता है सभी एक दूसरे पर दोषारोपण करते रहते हैं नेता, अधिकारी, कर्मचारी सभी इसकी चपेट में आ चुके हैं बिजली, पानी ,सीवर ,सड़क आदि सभी मैं भ्रष्टाचार व्याप्त हो चुका है पैसे दे- लेकर कार्य कराना और करना मनुष्य के खून में व्याप्त हो चुका है जब तक इस स्वभाव में परिवर्तन नहीं आएगा तब तक विकसित भारत की कल्पना करना व्यर्थ है

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