पार्थिव शरीर /चिता के सामने 50 हजार लोगों ने बौद्ध धर्म की शिक्षा ली - डॉ एमपी सिंह
फरीदाबाद 6 दिसंबर 2022 अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने नेहरू कॉलोनी में दलित शोषित पीड़ित के मसीहा, विधि वेता, अर्थशास्त्री, कुशल राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक, आजाद भारत के प्रथम कानून मंत्री, भारतवर्ष के संविधान निर्माता, भारत रत्न, बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर याद करके श्रद्धा सुमन अर्पित किए
डॉ एमपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहब की लोकप्रियता के कारण के अंतिम दर्शन पाने के लिए मुंबई की सड़कें जाम हो गई थी और उनके पुत्र यशवंत ने मुखाग्नि दी और बौद्ध रीति के अनुसार दाह संस्कार किया गया था
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि उनकी विचारधाराओं से देश और समाज को नई दिशा मिली उन्होंने सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध आंदोलन चलाया उन्होंने श्रमिकों किसानों मजदूरों और महिलाओं के अधिकार दिलवाए उन्होंने अपने ज्ञान की महक से पूरे संसार को मोह लिया इसीलिए उनको सिंबल ऑफ नॉलेज कहा जाता है वह करुणा दया और धैर्य के महासागर थे
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि बचपन से ही उनको अनेकों प्रकार के कष्ट और यातनाएं दी गई थी लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और आसानी से उन्हें पी लिया क्योंकि वह जानते थे कि शिक्षा ही शेरनी का ऐसा दूध है जिसको पीकर ताकतवर शक्तियों से लड़ा जा सकता है और अपने अधिकार को प्राप्त किया जा सकता है इसीलिए उन्होंने अपने अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक / सचेत किया और शिक्षित बनने, संगठित रहने और संघर्ष करने के लिए आगाह किया
डॉ एमपी सिंह ने अपनी संस्था के माध्यम से हजारों गरीब, असहाय, दिव्यांग, बेसहारा, दलितों को शिक्षा देकर उत्थान किया है और दलित, शोषित, वंचित, पीड़ित, असहाय महिलाओं को स्वाबलंबी और आत्मनिर्भर बनाया है
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