अबोध बालिकाओं को न्याय दिलाने के लिए आगे आए डॉ एमपी सिंह

6 जनवरी 2023 कोरोना की लहर के बाद अधिकतर लोगों के व्यापार चौपट हो गए, अधिकतर लोगों की नौकरियां चली गई, अधिकतर विद्यार्थियों ने पढ़ाई छोड़ दी ,घरों का खर्चा चलाने वाले अधिकतर लोग स्वर्ग सिधार गए जिसका दुष्प्रभाव आज इस भौतिकवाद की दुनिया में देखने को मिल रहा है जिसके उन्मूलन के  लिए अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट ने बीड़ा उठाया है 
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने बहुत चिंतन और अध्ययन के बाद इस लेख को प्रकाशित किया है रिसर्च मेथाडोलॉजी के आधार पर कहा जा सकता है की अबोध बालिका  अपने घर का भरण पोषण करने के लिए अपने माता पिता की बीमारी का इलाज कराने के लिए तथा अपने भाई बहन को पढ़ाने के लिए कहीं ना कहीं पर 10 -5 हजार की नौकरी कर रही है
 जिसमें कुछ लोग नौकरी देने के नाम पर उनका शारीरिक शोषण कर रहे हैं तो कुछ प्रेम का इजहार करने के नाम पर शारीरिक संबंध बनाकर आनंद की अनुभूति कर रहे हैं
 कई महिलाएं इसका विरोध करती हैं तो कई महिलाएं किसी मजबूरी के कारण उनके चंगुल में आ जाती है 
जब पेट में बच्चा पलने लगता है और वह महिला अपना अधिकार मांगने लगती है तब समाज के दरिंदे गंदी सोच वाले लोग उसका गर्भपात करा देते हैं या प्रताड़ित करके सुसाइड करने पर मजबूर कर देते हैं जो कि न्याय की दृष्टि से उचित नहीं है 
कुछ महिलाएं सामाजिक निंदा और परिवार के सदस्यों के दबाव तथा प्रभाव को मध्य नजर रखते हुए गर्भपात करा देती हैं लेकिन कुछ पढ़ी लिखी समझदार महिलाएं गैर सरकारी संस्थानों से मिलकर उस अपराधी को सबक सिखाना चाहती है लेकिन शासन और प्रशासन मिलकर उसको बचा लेता हैं और शिकायतकर्ता को ही दोषी करार दे देता है जिसकी वजह से कुछ महिलाएं आवाज ही नहीं उठा पाती हैं क्योंकि उनको सभी के अंदर वही शैतान  दिखाई पड़ता है
उक्त बुराई को खत्म करने के लिए और उक्त बुराई के खिलाफ आवाज उठाने के लिए अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट आगे आया है और सभी ऐसी महिलाओं से अपील की है कि वह निर्भीक होकर अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट से9810566553 संपर्क करें और न्याय प्राप्त करें 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि यह एक सामाजिक बुराई है जो इस पृथ्वी पर बहुत लंबे समय से चली आ रही है जिसमें बाहुबली धनबली और रसूख वाले लोग मासूमियत का फायदा उठाते रहते हैं रंगरेलियां मनाते रहते हैं विरोध करने वालों के परिवारों को उजाड़ने की धमकी देते हैं उनके भाई और बहन को मरवाने की धमकी देते हैं या पैसा दे लेकर समझौता कर लेते हैं जिस वजह से यह बुराई दिन प्रतिदिन और पनपती जा रही है

 इसलिए इस बुराई को खत्म करने के लिए डॉ एमपी सिंह आगे आए हैं ताकि समाज के हर वर्ग को सम्मानित जिंदगी जीने का अधिकार हो मेहनत मजदूरी करना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन मेहनत मजदूरी का नाजायज फायदा उठाना बुरी बात है

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