पाप का बाप लालच होता है - एमपी सिंह
17 जनवरी 2023 अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने यह लेख जागरूकता के लिए जनहित में प्रकाशित किया है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि एक बार एक महान व्यक्ति यात्रा करने के लिए घर से निकला रास्ते में शाम हो गई उसके मन में अनेकों प्रश्न पैदा होने लगे तभी वहां पर एक घर दिखाई पड़ा हॉट सोचा कि यहां पर सभी प्रश्नों का जवाब शायद मिल जाएगा
इस सोच के साथ वह उस घर में प्रवेश करने लगा तभी बराबर बालों ने बताया कि यह वैश्या का मकान है
यह सुनकर वह वापस लौटने लगा और पश्चाताप करने लगा कि यदि मुझे किसी ने यहां पर देख लिया तो मैं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगा क्योंकि मेरी तो समाज के लोग इज्जत करते हैं समाज के लोग मुझे आदर्श मानते हैं
लेकिन जैसे ही वह यह सोच रहा था तभी ऊपर कोठे से आवाज आई कि आप बिल्कुल परेशान ना हो बिल्कुल चिंता ना करें आप अंदर आ जाए आपको एक सोने का सिक्का दिया जाएगा
वह सोचने लगा कि आम के आम और गुठलियों के दाम कि मैं यहां पर कुछ समय गुजार भी लूंगा और उसके बदले मुझे अच्छी दक्षिणा भी मिल जाएगी लेकिन मन में असमंजस अभी भी बना हुआ था फिर भी वह अंदर चला गया
अंदर जाने के बाद वेश्या ने उससे बैठने के लिए कहा लेकिन उसने बैठने से इंकार कर दिया तब वेश्या ने कहा कि बैठने पर भी एक सोने की अशर्फी मिलेगी वह इस लालच में बैठ गया
अब उसने अपने प्रश्न को पूछा कि पाप का बाप कौन होता है उस वैश्या ने कहा कि वहां पर पानी रखा हुआ है उस पानी को पी लो फिर मैं इसका उत्तर देती हूं तब उसने कहा कि नहीं मैं वेश्या के घर का कुछ खाऊंगा पिऊंगा नहीं
तब उसने कहा कि इससे हम हाथ नहीं लगाते हैं यह जल आगंतुकों के लिए ही होता है और यह पवित्र है इसलिए आप पी लीजिए लेकिन उसने मना कर दिया तब उस वैश्या ने कहा कि जल पीने के लिए भी एक अशर्फी दी जाएगी तब उसने वह जल ग्रहण कर लिया
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