चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह के द्वारा लिखित आपदा प्रबंधन की पुस्तक
प्रस्तावना
आजकल चारों तरफ अनेकों प्रकार की आपदाएं देखने और सुनने को मिल रही है जिसकी वजह से सभी सरकारें स्वयंसेवकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर मजबूत टीमों का गठन कर रही है ताकि भविष्य में जान माल के खतरे को कम किया जा सके उसी को मध्य नजर रखते हुए चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह ने इस पुस्तक को लिखकर जनहित में प्रकाशित किया है
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि यह पुस्तक आमजन के लिए बहुत ही उपयोगी लाभप्रद और शिक्षाप्रद रहेगी इस पुस्तक में विभिन्न आपदाओं की विस्तृत जानकारी प्रश्न और उत्तर के माध्यम से बहुत ही सरल भाषा में दी गई है इस पुस्तक में भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, सुनामी, वज्रपात, शीतलहर, लू ,पागल कुत्ते का काटना, सांप का काटना, खून का बहना, हड्डी का टूटना, हृदय आघात का हो जाना, पैरालायसिस का होना, अग्नि सुरक्षा, आग बुझाने के तरीके, जलने का इलाज, रोगियों को अस्पताल पहुंचाने के तरीके, सीपीआर की जानकारी, जीवन रक्षक विधियां ,रेडियोलॉजिकल और परमाणु आप आते स्थिति के बारे में तथा रासायनिक और जैविक आपात स्थितियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि इस पुस्तक में संग्रहित जानकारियों के आधार पर आगजनी घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है, डूबे हुए व्यक्ति को निकाल कर जीवनदान दिया जा सकता है, वाहन दुर्घटना में कमी लाई जा सकती है, भविष्य में घटित आपदाओं में कमी लाई जा सकती है ,स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निदान मिल सकता है, सामाजिक समस्याएं का निराकरण किया जा सकता है, बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है.
डॉ एमपी सिंह ने अपने 42 साल का अनुभव इस पुस्तक में संग्रहित किया है इस पुस्तक मैं संग्रहीत जानकारियां गागर में सागर के समान सिद्ध होंगी
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आपदाओं के कुप्रभावों को कम करने के लिए हमें अपनी पूर्व की तैयारी कर लेनी चाहिए अगर आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन का ज्ञान आम जनमानस सीख लेता है तो संभावित नुकसान से बचा जा सकता है लेकिन आपदाओं के जोखिम को कम करने के लिए इस पुस्तक को पढ़ना बेहद जरूरी है इसमें प्रबंधन के उचित कारगर सूत्र समाहित है
डॉ एमपी सिंह ने अब तक के कार्यकाल में लाखों विद्यार्थियों कर्मचारियों और अधिकारियों को आपदा प्रबंधन से निपटने का प्रशिक्षण दिया है तथा हजारों स्थानों पर मॉक ड्रिल कराई है और आपदा में पीड़ित चोटिल घायल की मदद करके अपने को गौरवान्वित किया है इसलिए भविष्य में भी मरते दम तक इस कार्य को जारी रखा जाएगा क्योंकि इस कार्य से लोगों को जीवन दान देकर आत्मीय खुशी मिली है तथा बेहतर इंसानों से संपर्क और रिश्ते बने हैं इस सेवा को करने से तनाव दूर हो जाता है क्रोध नहीं आता है मानसिक अवसाद नहीं होता है अहम अपने ऊपर भारी नहीं होता है
1. वह आफत जिसमें जानमाल की भारी क्षति हो उसे आपदा कहते हैं जैसे भूकंप बाढ़ वज्रपात आंधी तूफान 2. आपदा में हमेशा अवांछनीय परिणाम आते हैं इसमें मानव जीवन को खतरा होता है सामान्य जीवन में बड़े पैमाने पर बाधाएं आती हैं यह मानवीय क्रियाकलापों से उत्पन्न होने वाली आपात स्थिति है जैसे जैविक, रासायनिक, स्वास्थ्य, संकट, महामारी, आतंकवाद, उग्रवाद, युद्ध, घुसपैठ, हड़ताल, अनियंत्रित भीड़, न्यूक्लियर दुर्घटनाएं, पर्यावरण में गड़बड़ी, प्रकृति आदि
आपदा कितने प्रकार के होते हैं
आपदाएं दो प्रकार की होती हैं मानवीय और प्राकृतिक
आपदाओं को कैसे रोका जा सकता है
1. पहाड़ तथा पर्वतों पर अधिकतम पेड़ पौधे लगाकर भूस्खलन की घटना को रोका जा सकता है
2. भूकंप रोधी संरचनाओं का निर्माण करके भूकंप से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है
आपदा प्रबंधन चक्र से क्या समझते हो
1. आपदा जोखिम को कम करने के लिए आपदा प्रबंधन के प्रयास किए जाते हैं जिसमें प्रशासनिक निर्णय, संगठन, परिचालन, कौशल और क्षमताओं का उपयोग करने की व्यवस्था प्रक्रिया होती है
2. खतरों के प्रतिकूल प्रभाव से बचना व रोकथाम करना इसका मुख्य उद्देश्य होता है
3. इसमें रोकथाम, राहत और पुनर्वास शामिल होते हैं
आपदा प्रबंधन चक्र क्या सिखाता है
1. आपदाएं आती रहती हैं और कुछ ही पलों में सब कुछ नष्ट कर देती हैं
2. राजा महाराजाओं को रंग बना देती हैं
3. बेटे और बाप को अलग कर देती हैं
4. प्रकृति का खेल अजब निराला है जो किसी की समझ में नहीं आता है इसलिए नेक और पुनीत कार्य कर लेने चाहिए
5. प्रकृति में जो कुछ भी पैदा होता है वह किसी ना किसी के उपभोग की वस्तु है
6. एक दिन सभी को नष्ट होना है
7. लेकिन मनुष्य सबसे बुद्धिमान और समझदार है इसीलिए उसी के लिए सीख है
8. आपदा से संभावित जोखिम को कम करने के लिए कार्य करना चाहिए
9. आपदा से निपटने की पूर्व तैयारी कर लेनी चाहिए 10.आपदा का पूर्व अनुमान लगा लेना चाहिए
11. आपदा के दौरान पीड़ित लोगों को पानी दबाई भोजन आदि की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए
12. आपदा के समय शीघ्र और सही जानकारी देनी चाहिए
13. आपदा के समय सही प्राथमिक सहायता देकर जीवन को बचाने के लिए कार्य करना चाहिए
14. आपदा के बाद रिकवरी के लिए राहत कार्य करना चाहिए
15. बेहतर सहभागिता दर्ज करानी चाहिए
16. पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करना चाहिए
17. दुर्घटनाग्रस्त लोगों को तात्कालिक मदद पहुंचाने चाहिए
18. समुदाय और स्वैच्छिक संगठनों की मदद लेनी चाहिए
19. स्थानीय निकायों और सरकारी समन्वय की भूमिका का समन्वय करके बेहतर कार्य करना चाहिए
20. जोखिम प्रबंधन की तकनीकों को अपनाकर राहत कार्य करना चाहिए
आपातकालीन स्थितियों में काम करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
1. सबसे पहले स्थिति को भाप लेना चाहिए
2. अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए
3. सावधान रहकर मदद करनी चाहिए और अन्य लोगों की मदद भी लेनी चाहिए
4. जरूरत के आधार पर प्राथमिक चिकित्सा देनी चाहिए
5. रोगी का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए
6. यदि कुछ समझ ना आ रहा हो तो अति शीघ्र अस्पताल भेज देना चाहिए
आपदा प्रबंधन योजना से क्या समझते हो
1. आपदाओं से पहले आपदाओं के दौरान और आपदाओं के बाद होने वाली गतिविधियों और स्थितियों का पूर्ण अध्ययन इसमें शामिल होता है
2. इन चरणों में सर्वोत्तम रिसर्च शामिल होती है ताकि आपदाओं से होने वाले संभावित नुकसान को कम किया जा सके
भूकंप से पहले क्या तैयारी करनी चाहिए
1. पारिवारिक भूकंप योजना बनानी चाहिए
2. बिछड़ जाने की स्थिति में एक दूसरे से कैसे मिलेंगे इस पर विचार विमर्श होना चाहिए
3. जहां जाना है उस मित्र या रिश्तेदार का नाम तथा पता सभी परिवारीजनों को होना चाहिए ताकि भूकंप के बाद एक दूसरे से संपर्क किया जा सके और राजी खुशी प्राप्त की जा सके
4. प्रत्येक कमरे में सुरक्षित स्थान पहले ही निर्धारित कर लेना चाहिए
5. आपातकालीन किट पहले ही तैयार कर लेनी चाहिए जिसमें भोजन पानी टॉर्च बैटरी दवाई कपड़े आदि शामिल हो
भूकंप के दौरान क्या करना चाहिए
1. अगर आप घर के अंदर हैं तो मेज ,बैंच या अन्य मजबूत फर्नीचर के नीचे अपने आप को छुपा ले
2. जहां हैं वही रहे जब तक कि पृथ्वी हिलना बंद ना हो जाए
3. इमारत के कोने में घुटने टेक कर बैठ जाएं
4. पेड़ पौधे शीशे वाली इमारत बिजली के खंभे और बिजली की लाइनों से दूर रहे
5. कांच की खिड़की और दरवाजों से दूर रहें दे
6. यदि सुरक्षित खुला स्थान आपको दिखाई दे रहा है और आसानी से आप वहां पहुंच सकते हैं तो अवश्य चले जाएं वह सर्वोत्तम आश्रय है
7. अगर आप गाड़ी चला रहे हैं तो उसे रोक लें गाड़ी में ही बैठे रहे जब तक कि कंपन बंद ना हो जाए लेकिन गाड़ी का वीडियो चालू रखें ताकि आपातकलीन सूचना मिलती रहे
8. संतुलन बनाए रखें हिम्मत ना हारे
9. अपने वाहन को पुल के नीचे व संवेदनशील क्षेत्र में खड़ा ना करें
10.अपने वाहन को गिरी हुई बिजली की लाइनों से दूर रखें
11. आपातकालीन निर्देशों की पालना करें
12. बहु मंजिला इमारत से उतरने के लिए हमेशा सीढ़ियों का प्रयोग करें
13. रसोई घर में अपने आप को ना छुपाएं
14. सीढ़ियों से उतरते समय दीवारों से टच ना हो
15. इमारत से बाहर निकलते समय सिर को कवर करें तथा चिल्ला चिल्ला कर बोले कि भूकंप आ गया है बचाओ बचाओ
भूकंप के बाद में क्या करना चाहिए
1. मकान में दरारें पड़ गई है तो जोखिम नहीं उठाना चाहिए
2. मकान यदि क्षतिग्रस्त हो गया है तो उसमें प्रवेश नहीं करना चाहिए
3. मकान में यदि किसी वजह से आग लग गई है तो अग्निशमन विभाग को सूचित करना चाहिए
4. चोटिल व घायलों का परीक्षण और निरीक्षण करना चाहिए
5. मलवे व कमरों फंसे हुए लोगों को निकालना चाहिए
खतरों की जांच करनी चाहिए
6. यदि खतरों पर नियंत्रण कर सकते हैं तो नियंत्रण करना चाहिए अन्यथा मदद के लिए संबंधित विभागों को सूचना देनी चाहिए
7. उपयोग में आने वाले गैस बिजली पानी की जांच करनी चाहिए
8. घर में प्रवेश करते समय माचिस लाइटर में मोमबत्ती का प्रयोग नहीं करना चाहिए
9. लगातार समाचार पत्रों को पढ़ना चाहिए और रेडियो पर समाचार सुनने चाहिए
बाढ़ से क्या समझते हो
बर्फ पिघलने से व भारी बरसात की वजह से जब नदियों में उफान आने लगे और पानी चारों तरफ फैलने लगे तो समझ लो कि बाढ़ आ गई है
बाढ़ से सुरक्षा हेतु बाढ़ आने से पहले क्या-क्या करना चाहिए
1. बाढ़ जोखिम वाले क्षेत्रों में मकान दुकान नहीं बनाना चाहिए
2. बाढ़ से बचाव के लिए आपातकालीन किट पहले से ही तैयार रखनी चाहिए जिसमें दवाई दाल, चावल, चना, टॉर्च, सीटी, प्लास्टिक की रस्सी, पानी की छोटी बोतल व कपड़ा होना चाहिए
3.आपातकालीन संकट के दौरान निकासी क्षेत्रों और जल मार्गों के बारे में विशेष जानकारी रखनी चाहिए
4. इंप्रोवाइज राफ्ट बनाकर रखना चाहिए जैसे चारपाई राफ्ट, ट्यूब राफ्ट, ड्रम राफ्ट, बंबू राफ्ट ,मटका राफ्ट, वाटर बोतल राफ्ट, केला राफ्ट, थर्मोकोल राफ्ट, नारियल राफ्ट, जरीकेन राफ्ट आदि
5. गैस और बिजली के स्विच को बंद कर देना चाहिए
6. विकलांग बच्चे बुजुर्गों को छोड़कर नहीं जाना चाहिए 7. घर के कीमती सामान को पहले ही पैक करके किसी नजदीकी इंसान के पास पहुंचा देना चाहिए
बाढ़ के दौरान क्या-क्या करना चाहिए
1. घर मकान दुकानों को छोड़ देना चाहिए
2. घर का अधिक सामान बांधकर अपने साथ नहीं रखना चाहिए
3. सरकारी आदेशों की पालना करनी चाहिए
4. बंधे हुए पशुओं को खोल देना चाहिए
5. आपातकालीन किट और प्राथमिक सहायता किट अपने पास रखनी चाहिए
6. धैर्य रखना चाहिए
7. इंप्रोवाइज राफ्ट के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाना चाहिए
8. उबालकर पानी पीना चाहिए
9. बिजली के खंभों और तारों से दूर रहना चाहिए
10. बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में पैदल नहीं चलना चाहिए
11. बच्चों को बाढ़ के पानी में खेलने कूदने नहीं देना चाहिए
12. अफवाह नहीं चलानी चाहिए
बाढ़ के बाद क्या करना चाहिए
1. जो मकान दुकान बाढ़ के पानी की चपेट में आ जाते हैं उनमें तुरंत प्रवेश नहीं करना चाहिए सरकारी आदेशों को आने का इंतजार करना चाहिए
2. बाढ़ का पानी पूर्णतया सूखने देना चाहिए
3. सूखने के बाद पेंट पॉलिश व सफेदी करनी चाहिए
4. टूटे फर्श प्लास्टर टूटी खिड़कियां और दीवारों की सावधानीपूर्वक मरम्मत करनी चाहिए
5. दूषित पानी नहीं पीना चाहिए
6. बाढ़ के संपर्क में आए खाद्य पदार्थ को नष्ट कर देना चाहिए
पानी में डूब रहे व्यक्ति को कैसे निकाला जा सकता है
1. पानी में डूब रहे व्यक्ति के ज्यादा नजदीक नहीं जाना चाहिए
2. उसे निकालने के लिए पीछे से जाना चाहिए
3. डूबे हुए व्यक्ति को निकालने के लिए रस्सी लकड़ी धोती साड़ी या बांस को उपयोग में लाना चाहिए
4. यदि आपको तैरना नहीं आता है तो लाइफ जैकेट पहनकर डूबते हुए व्यक्ति को बचाया जा सकता है
5. लाइफ ब्वॉय उसके नजदीक फेंक कर भी डूबते हुए व्यक्ति को बचाया जा सकता है
पानी में डूबे व्यक्ति को निकालकर जीवन बचाने के लिए क्या प्राथमिक सहायता देनी चाहिए
1. गीले कपड़े तुरंत निकाल देना चाहिए
2. व्यक्ति के शरीर में भरे हुए पानी को निकालने के लिए उल्टा घुटनों के बल लिटा लेना चाहिए तथा पीठ को दबाकर पानी निकाल देना चाहिए
3. मुंह तथा श्वास नली को खोल देना चाहिए
4. आरामदायक स्थिति में लिटाकर सीपीआर देना चाहिए
5. अति शीघ्र अस्पताल भेज देना चाहिए या क्वालिफाइड डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए
डूबने की स्थितियों में सुधार कैसे लाया जा सकता है
1. खतरनाक घाटों के किनारे बच्चों को नहीं जाने देना चाहिए
2. तेज बहाव वाले पानी में बच्चों को स्नान नहीं करने देना चाहिए
3. छोटे बच्चों को नदी तालाब मैं स्नान नहीं करने देना चाहिए
4. ऊंचे टीले या पुलिया तथा पुल से कूदकर बच्चों को स्नान नहीं करने देना चाहिए
5. जिनको ज्ञान नहीं है उन्हें बरसात के एकत्रित पानी में प्रवेश नहीं करना चाहिए
6. जिनको तैरना नहीं आता है उनको गहरे पानी में नहीं जाना चाहिए
सुनामी से क्या समझते हो
सुनामी या बंदरगाह लहर एक जल निकाय में लहरों की श्रंखला होती है जो बड़ी मात्रा में पानी का विस्थापन करती है जो अत्यंत विनाशकारी होती है
सुनामी आने से पहले क्या करना चाहिए
1. अपने परिवार में सभी से सुनामी संबंधित बातें करनी चाहिए ताकि सभी को सुनामी के दुष्परिणामों का पता चल जाए और बचाव पक्ष में योजना बनानी चाहिए
2. यदि आप कहीं घूमने जाते हैं तो स्थानीय सुनामी निकासी प्रोटोकॉल से खुद को परिचित कराएं
3. यदि आप समुद्र तट के नजदीक रुकते हैं तो जोखिम वाले पानी से अपनी रक्षा सुरक्षा करें अर्थात दूरी बनाएं
4. निकासी मार्गों के बारे में पहले संपूर्ण जानकारी हासिल करें
5. समुदाय की चेतावनी को आत्मसात करें
6. लगातार समाचार सुनते रहे और सतर्क रहें
सुनामी के दौरान क्या करना चाहिए
1. क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा जारी आदेशों की पालना करनी चाहिए
2. तुरंत अपने स्थान को खाली कर देना चाहिए
3. जानवरों को अपने साथ नहीं रखना चाहिए
4. सुनामी को आते हुए देखकर समुद्र तट पर कभी नहीं जाना चाहिए
5. यदि आप समुद्री लहरों को देख रहे हैं तो अपना बचाव करें
6. वहां से तुरंत हट जाएं
सुनामी के बाद क्या करना चाहिए
1. पानी मैं स्थित मलबे से दूर रहे
2. घायल व फंसे हुए व्यक्तियों की सहायता करने से
पहले अपने स्वयं की जांच करें
3. इमारतों के गिरने पर जीव जंतु व जंगली जानवर जहरीले कीट उसमें दब जाते हैं और मर जाते हैं जिससे बदबू फैल जाती है सीवर की पाइपलाइन टूटने व केमिकल और गैस की पाइप लाइन फटने पर जहरीली गैस फैलने की संभावना हो जाती है
4. अगर किसी को बचाना है तो सही उपकरणों का प्रयोग करें और क्वालिफाइड डॉक्टरों को बुलाए
5. यदि आप ऐसी इमारत के मैं हैं जिसके चारों ओर पानी भरा हुआ है तो संबंधित विभाग को सूचना दें
6. साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें
7. लंबी बाजू की कमीज पहने
8. लंबी पेंट पहने पैरों में जूते पहनकर रखें
9. गैस लीक की जांच करें
10. बैटरी से चलने वाली लालटेन और फ्लैश लाइट का उपयोग करें
11. जहरीले कीट व सर्पों से से सावधान रहें
12. कोई भी बहुजन बाढ़ के पानी से तैयार ना करें
13. दूषित पानी का सेवन ना करें
14. जर्जर इमारत से दूर रहे
बिजली गिरने से क्या समझते हो
यह वायुमंडल में विशेष परिस्थिति में बादलों एवं पृथ्वी की सतह के बीच होने वाला विद्युत प्रवाह है इस विद्युत प्रभाव की वजह से वायुमंडल में ऊपर से नीचे तक तेज आवाज के साथ तीव्र प्रकाश होता है इसी को बिजली गिरना कहते हैं
वज्रपात से क्या समझते हैं
बादलों की निचली सतह का चार्ज पृथ्वी की सतह के विपरीत होता है जिसकी वजह से बादलों एवं पृथ्वी की सतह के बीच तीव्र आकर्षण की वजह से चार्ज को संतुलन करने हेतु एक भारी विद्युत प्रभाव होता है जो तेज प्रकाश के रूप में दिखाई पड़ता है इसे वज्रपात कहा जाता है
विद्युत प्रवाह की घटना क्यों होती है
यह दो बादलों के पास आने एवं बादल के अंदर भी एक ही प्रकार के विद्युत कणों के पास आने से हो सकती है
बादल का गरजना से क्या समझते हो
बादल और पृथ्वी की सतह के आकर्षण एवं विद्युत प्रभाव की वजह से भारी मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित होती है जिससे पास की वायु की सतह का तापमान करीब 30000 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है इतने तापमान की वजह से पास की वायु की परत में अचानक काफी विस्तार हो जाता है जिससे तेज गर्जना उत्पन्न होती है इसी को बादल का गरजना कहते हैं
वज्रपात से कैसे बचा जा सकता है आम आदमी को बचाव पक्ष में क्या करना चाहिए
1. आम आदमी को अपने पक्के घरों में चला जाना चाहिए
2. अगर आसपास में घर नहीं है खुला मैदान है तो आंखें बंद कर, कानों में उंगली लगाकर, एड़ी सटाकर, पंजे के बल बैठ जाना चाहिए
3. ऐसा करने से आसमानी बिजली एक एड़ी से दूसरी एड़ी के संपर्क में आकर वापस जमीन में समा जाएगी और व्यक्ति के मस्तिष्क और शरीर के अन्य भाग को कम नुकसान पहुंचेगा
4. यदि एक से अधिक मात्रा में लोग हैं तो सभी को सौ सौ फीट की दूरी पर उक्त बताए गए तरीके से बैठ जाना चाहिए अन्यथा एक कट्ठा रहने से उत्पन्न अधिक आवेश बादलों को जल्द आकर्षित करेगा और वह सभी सीधे चपेट में आ जाएंगे
5. वज्रपात गिरने से पहले सूखे कपड़े, सूखे जूते ,सूखी चप्पल पहन लेनी चाहिए, सूखी लकड़ी या प्लास्टिक कोई अन्य कुचालक पैर के नीचे रख लेना चाहिए इससे हम जमीन के संपर्क से फैलने वाले विद्युत स्पर्श से बच सकते हैं
वज्रपात मे बचाव के दृष्टिकोण से हमें क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए
1. यदि आप जंगल में हैं तो घने पेड़ों की शरण में चले जाएं
2. यदि आप खेत खलिहान खदान में काम कर रहे हैं तो किसी सुरक्षित स्थान की शरण ले ले
3. यदि आप यात्रा कर रहे हैं तो वज्रपात के समय अपनी गाड़ी के अंदर रहे लेकिन धातु की बॉडी से टच ना हो
4. यदि आप अपने मकान में हैं तो खिड़की दरवाजे बरामदे व छत से दूर रहे
5. बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा देना चाहिए
6. तलाब व जलाशयों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए
7. यदि तालाब या नदी में स्नान कर रहे हैं तो तुरंत बाहर निकल आना चाहिए
8. लकड़ी के डंडे वाले छाते का ही प्रयोग करना चाहिए 9. स्थानीय रेडियो व अन्य संचार साधनों से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहना चाहिए
बज्रपात के दौरान क्या नहीं करना चाहिए
1. समूह में खड़े नहीं होना चाहिए
2. बज्रपात के दौरान कदापि जमीन पर नहीं लेटना चाहिए
3. ऊंची इमारत वाले क्षेत्रों में शरण नहीं लेनी चाहिए
4. बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे नहीं जाना चाहिए
5. ऊंचे वृक्ष ऊंची इमारत टेलीफोन बिजली के खंभे आसानी से बिजली को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं इसलिए खतरा हो सकता है
6. बज्रपात के समय पानी का नल फ्रिज ग्रिल आदि को नहीं छूना चाहिए
7. बज्रपात के समय मोबाइल का प्रयोग नहीं करना चाहिए
8. बिजली की तार व संबंधित उपकरणों के संपर्क में नहीं आना चाहिए
9. धातु से बने कृषि यंत्र व डंडा आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए
10. खिड़की के पास नहीं बैठना चाहिए
11. धातु की डंडी वाले छाते का उपयोग नहीं करना चाहिए
घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए क्या करना चाहिए बज्रपात की घटनाओं में आंख कान और मस्तिष्क को अधिक आघात पहुंचता है
वैसे तो वज्रपात से प्रभावित लोगों की मृत्यु तुरंत ही हो जाती है
कुछ बिजली से जलकर मर जाते हैं
लेकिन जो बच जाते हैं उनके सास को चेक करना चाहिए
यदि सांस नहीं आ रही है तो सीपीआर तुरंत देना चाहिए
बिजली से बचने के लिए घरेलू क्या उपाय किया जा सकता है
बांस के ऊपरी सिरे में साइकिल का रिम बांध कर दो कॉपर के तार नीचे भूमि में लोहे की रोड से बांध देना चाहिए नीचे की रोड को जमीन में 8 फीट गहरा गड्ढा खोदकर गाड़ देना चाहिए तथा गड्ढे में कोयला और नमक भर देना चाहिए तथा एंटीना को छत से 3 फीट ऊंचा रखना चाहिए
भूस्खलन से क्या समझते हो
यह गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण मिट्टी या चट्टानों का तेजी से नीचे की ओर खिसकना है
भूस्खलन का कारण क्या है
लंबे समय तक होने वाली बारिश भूस्खलन का मुख्य कारण है
भूस्खलन के संकेत क्या है
1. दरवाजे व खिड़कियां चिपक जाती हैं या जाम हो जाती हैं
2. प्लास्टर, टाइल, दीवार तथा नीव में दरारें आ जाती हैं
3. भूस्खलन के दौरान असामान्य तेज आवाज आने लगती है
4. अचानक पेड़ों से पत्ते गिरने लगते हैं
भूस्खलन से पहले क्या करना चाहिए
1. मिट्टी का मूल्यांकन करना चाहिए
2. पेड़ पौधे व अन्य वनस्पतियां अधिक से अधिक लगानी चाहिए
3. जिस क्षेत्र में पहले भूस्खलन होता रहा है उस क्षेत्र में हमेशा सतर्क रहें और अधिक बरसात के समय वहां का रास्ता नहीं अपनाएं
भूस्खलन के दौरान क्या करना चाहिए
1. आप जिस इमारत मैं है उसी में सुरक्षित बने रहे
2. यदि आप बाहर हैं तो भूस्खलन के रास्ते से दूर हो जाए
3. अपना सामान लेने की कोशिश मैं अपनी जान खतरे में ना डालें
4. जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी उस क्षेत्र को छोड़ दें
5. यदि आप गाड़ी चला रहे हैं तो सतर्क होकर चलाएं
6. टूटे हुए फुटपाथ कीचड़ में गिरी हुई चट्टानों से सावधान रहें
7. यदि आप भूस्खलन की वजह से रास्ते में फंस गए हैं तो हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें तथा अति शीघ्र अपने सगे संबंधियों को सूचित कर दें
8. घबराए नहीं जो भी वहां पर दिखाई देता है उससे मदद मांगे जोर जोर से चिल्लाएं
9. सरकार द्वारा निर्धारित नियमों की पालना करें
भूस्खलन के बाद क्या करना चाहिए
1. उस क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए जहां पर अभी-अभी भूस्खलन हुआ है
2. पड़ोसियों बच्चों और बुजुर्गों की सहायता करनी चाहिए
3. टूटी हुई पानी की लाइनों व बिजली की लाइनों से दूर रहना चाहिए
4. संबंधित विभागों को सूचना देनी चाहिए
5. गलत नियत से किसी के सामान को नहीं हड़पना चाहिए
6. आपदा को अवसर नहीं बनाना चाहिए
7. मजबूरी का फायदा नहीं उठाना चाहिए
8. इंसानियत के धर्म को निभाना चाहिए
9. पीड़ित चोटिल घायल की प्राथमिक सहायता करके 10.नजदीकी अस्पताल को पहुंचाना चाहिए
11. गलत अफवाह नहीं फैलानी चाहिए
रेडियोलॉजिकल और परमाणु आपात स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए
1. घर के अंदर रहना चाहिए
2. समाचार सुनने के लिए रेडियो टेलीविजन को चालू रखना चाहिए
3. सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए
4. जनता को सावधानी बरतने के लिए सूचित करना चाहिए
5. विकिरण को कम करने के लिए परमाणु विकिरण सुरक्षा पर चर्चा करनी चाहिए
7. परमाणु विकिरण के खतरे के बारे में आम आदमी को पता होना चाहिए
8. विकिरण के कुप्रभाव से बचाव के लिए घर में रखे फल सब्जी व पानी भोजन सामग्री को ढक कर रखना चाहिए
9. अपने स्थानीय प्राधिकरण से सार्वजनिक सूचनाओं को सुनते हुए देखते रहना चाहिए
10. दरवाजे व खिड़कियां बंद रखनी चाहिए
11. बाहर से आते समय अपने कपड़े बदलने चाहिए
12. बाहर अपनी सुरक्षा के लिए गीला रुमाल तोलिया धोती को शरीर ढकने के लिए प्रयोग करना चाहिए
1. घबराना नहीं चाहिए
2. अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए
3. बार-बार बाहर नहीं जाना चाहिए
4. बाहर का भोजन पानी व दूध दही नहीं लेना चाहिए
5. नागरिक सुरक्षा अधिकारियों के दिशा निर्देश की
6. अवहेलना नहीं करनी चाहिए
जैविक आपदाओं से क्या समझते हो
यह जैविक उत्पत्ति की घटना है
यह जैविक वेक्टर के द्वारा प्रेषित होती है
इससे मानव स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है
इससे अनेकों प्रकार की बीमारियां फैल सकते हैं और महामारी का रूप धारण कर सकती हैं
जैविक आपदा से बचने के लिए पहले क्या करना चाहिए
1. जैविक आपदा बचाव योजना तैयार करनी चाहिए
2. जैविक आपदा निवारक उपाय सुनिश्चित करने चाहिए
3. व्यक्तिगत साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए
4. प्रतिदिन स्नान करना चाहिए
5. लंबे नाखून नहीं रखनी चाहिए
6. साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए
7. खाना खाने से पहले और बाद में साबुन व पानी से हाथ धोने चाहिए
8. स्वास्थ्य वर्धक भोजन खाना चाहिए
9. पौष्टिक व संतुलित भोजन करना चाहिए
10.टीकाकरण कराना चाहिए
11. मकान में उचित वेंटीलेशन होना चाहिए
12. अत्यधिक गर्म व ठंडे मौसम से बचाव करना चाहिए
13. सीपीआर का प्रशिक्षण ले लेना चाहिए
14. प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए
दस्त व डायरिया से बचने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए
1. हाथों को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए
2. सुरक्षित स्त्रोत से पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए
3. कीटाणु रहित या क्लोरीन युक्त पानी पीना चाहिए
4. सामुदायिक कुआं में नियमित अंतराल पर ब्लीचिंग पाउडर डालते रहना चाहिए
5. आपातकालीन स्थितियों में उबला हुआ पानी ही पीना चाहिए
6. सकरे मुंह वाले कंटेनर में पानी का भंडारण करना चाहिए और उसे ढक कर रखना चाहिए
7. अच्छी तरह पका कर भोजन खाना चाहिए
8. समुद्री भोजन को तब तक गर्म करना चाहिए जब तक कि वह भाप में ना बदल जाए
9. डायरिया के दौरान तरल पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए जैसे ओआरएस का घोल
10.डायरिया में केला खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए
11. यदि बच्चा छोटा है तो उसे स्तनपान कराते रहना चाहिए
नहीं करना चाहिए
1. गांव व समुदाय में लगे हैंडपंप का पानी नहीं पीना चाहिए
2. असुरक्षित स्त्रोतों का पानी भी नहीं पीना चाहिए
3. कच्चा खाना नहीं खाना चाहिए
4. पके हुए भोजन को 2 घंटे से अधिक कमरे के तापमान पर नहीं छोड़ना चाहिए
5. विक्रेताओं के पहले से कटे हुए फलों को नहीं खरीदना चाहिए
6. खुले क्षेत्र में शौच नहीं जाना चाहिए
7. घर में चूहे व मक्खियों को नहीं आने देना चाहिए
तपेदिक, इन्फ्लूएंजा, चिकनपॉक्स, मेनिनजाइटिस जैसी भयानक बीमारियों में बचाव पक्ष में क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए
1. बीमार व्यक्ति को घर पर रखना चाहिए जब तक कि उसके लक्षण ठीक ना हो जाए
2. घर में बीमार व्यक्तियों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए
3. खांसते छींकते समय नाक व मुंह को रूमाल व टिशू पेपर से ढक कर रखना चाहिए तथा साफ करने के बाद कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए
4. बार-बार हाथों को साबुन व पानी से धोना चाहिए या सैनिटाइजर से सैनिटाइज करना चाहिए
5. दूषित वस्तुओं और सामग्रियों को संपर्क में नहीं आने देना चाहिए
6. ट्रिपल लेयर का सर्जिकल मास्क पहनना चाहिए
7. भरपूर नींद लेनी चाहिए
8. तरल पदार्थ पीना चाहिए
9. पौष्टिक भोजन करना चाहिए
क्या नहीं करना चाहिए
1. धूम्रपान नहीं करना चाहिए
2. अवसाद से बचने के लिए नशा नहीं करना चाहिए
3. संक्रमण को नहीं फैलाना चाहिए
4. जगह जगह थूका थाकी नहीं करनी चाहिए
मच्छर जनित बीमारियां जैसे मलेरिया डेंगू और चिकनगुनिया से बचने के लिए क्या-क्या करना चाहिए
1. संपूर्ण शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए
2. पानी के कंटेनर को सप्ताह में कम से कम एक बार जरूर खाली करना चाहिए
3. कूलर के पानी को समय समय पर पूरा निकाल कर सुखाना चाहिए
4. मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए
5. कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करना चाहिए
6. नाली के पानी में मिट्टी का तेल समय-समय पर छिड़कते रहना चाहिए
7. अपने आस पड़ोस में मच्छरों को नहीं पनपते देना चाहिए
8. उक्त बीमारियों के बचाव के लिए स्कूल कॉलेज मैं प्रतियोगिताएं आयोजित कराते रहना चाहिए
मच्छर जनित आपदा में क्या क्या नहीं करना चाहिए
1. अपने आस-पड़ोस में पानी नहीं भरने देना चाहिए
2. आधे अधूरे कपड़े नहीं पहनने चाहिए
3. फटी हुई ट्यूब, नारियल के खोल, टूटा मटका या टूटे-फूटे बर्तनों में पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए
4. जिस पानी में पशु स्नान करते हो उस पानी में स्नान नहीं करना चाहिए
5. खाद्य व पेय पदार्थ को खुला हुआ नहीं छोड़ना चाहिए
6. बाजार में रखे खुले खाद्य व पेय पदार्थ को नहीं खाना पीना चाहिए
रासायनिक आपदाओं से क्या समझते हो
अनेकों ऐसे रसायन हैं जो उद्योग धंधों में निर्माण कार्यों के लिए प्रयोग किए जाते हैं जिनमें कई बार रिसाव आ जाता है और कई बार विस्फोट हो जाता है जिससे चारों तरफ धुआं फैल जाता है जो त्वचा के संपर्क में आने पर त्वचा को जला देते हैं स्वसन क्रिया को बाधित कर देते हैं आंखों की रोशनी छीन लेते हैं और अनेकों प्रकार से अपंग बना देते हैं
केमिकल यदि त्वचा से लग जाता है तो क्या चिन्ह दिखाई पड़ते हैं
खुजली, लालपन ,फफोले
यदि रसायन मानव के अंदर चला जाता है तो क्या प्रतिक्रिया होती है
पेट में दर्द ,उल्टी आना, दस्त लगना, गहरे रंग का काला पानी मूत्र के माध्यम से निकलना, सिर चकराना आदि
यदि केमिकल स्वसन क्रिया में चला जाता है तब क्या चिन्ह और लक्षण दिखाई पड़ते हैं
1. सिर दर्द हो सकता है
2. नाक से पानी आ सकता है
3. खांसी आने लगती है
4. गले में जलन होने लगती है
5. हृदय गति तीव्र हो जाती है
6. सांस तेज तेज आने लगता है
यदि केमिकल आंख के संपर्क में आ जाता है तब क्या संभावनाएं हो सकती हैं
1. आंखों में जलन होने लगती है
2. आंसू आने लगते हैं
3. अंधापन हो जाता है
4. धुंधला दिखाई पड़ता है
5. आंखें लाल हो जाती हैं
यदि केमिकल की वजह से फेफड़े बाधित हो गए हैं तो क्या करना चाहिए
पीड़ित को ताजी हवा में ले जाना चाहिए
प्रभावित क्षेत्र को छोड़ देना चाहिए
यदि केमिकल की वजह से आंखें बाधित हो गई हैं तो क्या करना चाहिए
आंखों को कम से कम 15 मिनट तक ठंडे पानी से धोना चाहिए
यदि केमिकल से त्वचा प्रभावित हो जाती है तो क्या उपाय करना चाहिए
1. त्वचा को पानी की बजाय ब्रश से साफ करना चाहिए 2. ब्रश से साफ करने के बाद प्रभावित त्वचा को कम से कम 15 मिनट ठंडे पानी से धोना चाहिए
3. त्वचा पर पड़ने वाले फफोलो को फोड़ना नहीं चाहिए नहीं चाहिए
4. नंगे हाथों से रसायनों को दूर नहीं करना चाहिए
रासायनिक कार्यक्षेत्र में आम आदमी को क्या सावधानी बरतनी चाहिए
1. ऐसे क्षेत्रों में धूम्रपान नहीं करना चाहिए
2. आग की चिंगारी नहीं जलानी चाहिए
3. संबंधित जोखिमों के बारे में सभी को बताना चाहिए
4. आसपास के लोगों को रसायनों के बारे में जानकारी होनी चाहिए
5. रासायनिक औद्योगिक इकाइयों के द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर लगाते रहना चाहिए
6. अपने कर्मचारियों तथा आस पड़ोस में रहने वाली जनता के लिए स्वास्थ्य जांच शिविरों का भी आयोजन करते रहना चाहिए
7. सुरक्षा के सभी मानकों को पूरा करना चाहिए
8. सुरक्षा संबंधी सभी उपकरण कारखाने में उपलब्ध होने चाहिए
9. दुर्घटनाओं से बचने के लिए आपातकालीन किट तैयार रखनी चाहिए
10. सरकार के दिशा निर्देशों की पालना करनी चाहिए
11. रासायनिक कार्यक्षेत्र को हवादार रखना चाहिए और संभव हो सके तो कर्मचारियों को ताजी हवा देनी चाहिए
विद्युत धारा से जलने पर क्या प्राथमिक सहायता करनी चाहिए
1. पहले जले भाग का आकलन व मूल्यांकन करना चाहिए
2. यदि कोई भी वस्तु त्वचा के अंदर घुस गई है तो उसे खींचकर नहीं निकालना है
3. चिपके हुए कपड़ों को नहीं हटाना है
4. जले अंग को साफ पानी से धोया जा सकता है उससे जलन कम हो जाती है
5. जले भाग को साफ-सुथरे कपड़े से ड्रेसिंग कर देनी चाहिए
6. जले हुए व्यक्ति के पैरों को 2 मिनट तक जमीन से एक फुट ऊपर रखना चाहिए
7. बेहोशी का इलाज करना चाहिए
8. सांस नहीं आ रहा हो तो सीपीआर देना चाहिए
9. यदि कुछ समझ नहीं आ रहा है तो कुचालक सामग्री पर रोगी को रखकर डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए लेकिन कोई भी लोशन जले भाग पर नहीं लगाना चाहिए और कोई भी खाद्य व पेय पदार्थ रोगी को नहीं खिलाना और पिलाना चाहिए
10. अस्पताल ले जाते समय जले हुए भाग को हृदय के लेबिल से थोड़ा ऊपर रखना है ताकि रक्त स्त्राव रुक सके
11. जले व्यक्ति को खुली हवा में रखना चाहिए ताकि ऑक्सीजन की मात्रा पूरी मिल सके
12. ठंड के समय मरीज को गरम रखने के लिए कंबल में लपेट कर रखना चाहिए
13. जली हुई उंगलियों में पट्टी अलग-अलग बांधनी चाहिए
बेहोशी दूर करने के लिए क्या करना चाहिए
1. दम घुटने की स्थिति में तुरंत ऑक्सीजन प्रदान करनी चाहिए
2. रोगी को हवादार क्षेत्र में ले जाना चाहिए
3. टाई बेल्ट को खोल देना चाहिए
4. चेहरे पर पानी के छींटे मारने चाहिए
5. गीले रुमाल से मुंह साफ कर देना चाहिए
6. पंखा कॉपी किताब आदि से हवा करनी चाहिए
मूर्छा आने पर पीड़ित को लिटा कर पांव ऊपर कर देना चाहिए
7. 2 मिनट तक ऐसा करने पर वह होश में आ जाएगा
8. यदि ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है तो मुंह से मुंह के द्वारा कृत्रिम स्वास्थ्य देना चाहिए
9. यदि सिर में से खून निकल रहा है तो रक्त स्त्राव को रोकना चाहिए
10. यदि हड्डी टूट गई है तो पट्टी और पट्टी से स्थिर कर देना चाहिए
घायलों का निरीक्षण कैसे किया जाता है
घायलों की नब्ज देखकर
श्वास की गति देखकर
पुतलियों को देखकर
त्वचा का रंग देखकर
1 मिनट में स्वस्थ व्यक्ति की नब्ज कितनी बार चलती है 72 बार
1 मिनट में स्वस्थ व्यक्ति कितनी बार सांस लेता है
16 से 20 बार
पुतलियों की सामान्य प्रक्रिया क्या होती है
1. दिमाग में चोट लगने पर पुतलियों के आकार में परिवर्तन आ जाता है
2. पुतलियां ज्यादा रोशनी में सिकुड़ती हैं और कम रोशनी में फैलती हैं
3. दोनों पुतलियां बराबर आकार की होती हैं
4. चोट लगने पर इनमें परिवर्तन आ जाता है
5. जांच के लिए आंखों में रोशनी डालकर देखा जाता है
6. अत्यधिक ड्रग्स लेने वाले की पुतलियां लगातार सिकुड़ती चली जाती हैं
7. सिर पर जखम या चोट होने की स्थिति में पुतलियां असमान रहती हैं
8. पुतलियों का धीमी गति से हिलने का मतलब है कि मस्तिष्क में ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंच पा रही है
आग से क्या समझते हो
यह एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें ईंधन, गर्मी और ऑक्सीजन होती है
आग बुझाने के क्या सिद्धांत हैं
1. शीतल करके
2. जलती हुई सामग्री को हटाकर
3. ऑक्सीजन की आपूर्ति में कटौती करके
अग्निशमन के उपकरण क्या-क्या है
1. आग बुझाने वाला रसायन
2. फायर फाइटर
3. रेत की बाल्टी
अग्निशामक यंत्र कितने प्रकार के होते हैं
1. जल प्रकार अग्निशामक यंत्र
2. फोम प्रकार अग्निशामक यंत्र
3. कार्बन डाइऑक्साइड अग्निशामक यंत्र
अग्निशामक यंत्र को कैसे चलाएं
1. पहले पेन निकालें
2. आग की लपटों में कम निशाना लगाएं
3. हैंडल को दबाए
4. अगल-बगल स्वीप करें
शीतलहर से क्या समझते हो
दिसंबर जनवरी के महीने में पूर्व दिशा से चलने वाली हवाएं शीतलहर कहलाती है
शीत लहर के दौरान अधिकतर हृदय आघात क्यों होता है
ठंड में लोग कम पानी पीते हैं जिससे रक्त गाढ़ा हो जाता है और प्लेटलेट्स आपस में चिपकने लगते हैं जिसकी वजह से हृदय की नसें सिकुड़ने लगती है और ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है जिससे हार्ट फेल हो जाता है
शीत लहर में अधिकतर बुजुर्गों को लकवा क्यों मार जाता है
क्योंकि शीत लहर में ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से मस्तिष्क आघात अर्थात ब्रेन हेमरेज हो जाता है जिसके कारण लकवा मार जाता है
शीत लहर में निमोनिया क्यों हो जाता है
क्योंकि शीतलहर में तापमान 4 डिग्री सेंटीग्रेड से भी कम हो जाता है जिसके कारण लोहे के पानी के पाइप में भी पानी जमने लगता है ऐसी स्थिति में दमा रोगियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत बढ़ जाती है और चेस्ट इनफेक्शन भी तेजी से होने लगता है जिसकी वजह से बच्चे और बूढ़े निमोनिया की चपेट में आ जाते हैं
हाइपोथर्मिया से क्या समझते हो
शीतलहर के समय शरीर का तापमान काफी नीचे गिर जाता है जिसमें अधिक देर तक ठंड मैं रहने से हाइपोथर्मिया नाम की जानलेवा बीमारी हो जाती है जिसमें जान तक भी चली जाती है
शीत लहर के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए
1. शीत लहर के दौरान अधिकतर हमें अपने घरों के अंदर ही रहना चाहिए
2. सर्दी से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनने चाहिए
3. शरीर को गर्म रखने के लिए नियमित गर्म पानी का सेवन करना चाहिए
4. बार-बार तुलसी अदरक की चाय का सेवन करते रहना चाहिए
5. नींबू संतरा या कीनू अबला का प्रयोग करते रहना चाहिए
6. अदरक पुदीना धनिया आदि का सेवन करने से शीतलहर का असर कम हो जाता है
7. गरम मसाला युक्त तुलसी का काढ़ा बनाकर पीते रहना चाहिए
8. सिर्फ की सुरक्षा के लिए टोपी और गले की सुरक्षा के लिए मफलर का उपयोग करना चाहिए
शीत लहर के दौरान क्या-क्या नहीं करना चाहिए
1. शीत लहर में अधिक जल्दी उठकर काम नहीं करना चाहिए
2. ठंडे पानी से स्नान नहीं करना चाहिए
3. ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए
4. फ्रीज में रखी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए
5. कोयला या हीटर जलाकर कमरा बंद नहीं करना चाहिए
6. ठंड दूर करने के लिए शराब नहीं पीनी चाहिए
7. ठंड के दौरान बच्चों को गली में नहीं खेलने देना चाहिए
8. शीतलहर में बुजुर्गों को भी कार्य करने के लिए नहीं भेजना चाहिए
लू से क्या समझते हो
गर्मी में उत्तर पूरब तथा पश्चिम से पूरब दिशा में चलने वाली प्रचंड शुष्क हवाओं को लू कहते हैं यह हवाएं मई और जून में चलती है
लू लगने के क्या लक्षण हैं
1. अचानक आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है
2. व्यक्ति चक्कर खाकर गिर जाता है
3. मांसपेशियों में ऐठन होने लगती है
4. बेहोशी आ जाती है
5. बेचैनी और घबराहट होने लगती है
6. व्यक्ति पागलों जैसा व्यवहार करने लगता है
7. वह बहुत उत्तेजित और भावुक हो जाता है
8. उसे हल्का व तेज बुखार हो सकता है
9. उसे भयंकर प्यास लग सकती है
10. सिर में तेज दर्द हो सकता है
11. उसके शरीर में बेहद कमजोरी आ सकती है
12. उसे अत्यधिक पसीना आ सकता है
लू से बचाव के लिए क्या घरेलू उपाय करने चाहिए
1. धूप में निकलते समय छाते का इस्तेमाल करना चाहिए
2. सिर ढककर ही धूप में निकलना चाहिए
3. ठंडा पानी ठंडा शरबत बार-बार पीना चाहिए
4. आम का पन्ना बनाकर या शिकंजी बनाकर पीना चाहिए
5. छाछ और लस्सी पीना ज्यादा फायदेमंद है
6. तेज धूप की वजह से यदि ज्यादा पसीना आता है तो फौरन ठंडा पानी पीना चाहिए
7. गर्मी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीना चाहिए इससे लू लगने का खतरा कम हो जाता है
8. सब्जियों का सूप पीने से भी लू लगने से बचा जा सकता है
9. धूप में खाली पेट नहीं जाना चाहिए
10. गर्मी के दिनों में हल्का भोजन करना चाहिए
11. धनिया का पानी चीनी मिलाकर पीने से आराम मिलता है
12. कच्चे आम का शरबत भी लू से बचाता है
13. कड़ी धूप में काम करने से बचना चाहिए
14. प्याज का सेवन ज्यादा से ज्यादा गर्मियों में करना चाहिए
15. गर्मियों में सत्तू खाना बेहद लाभदायक होता है
लू लगने पर क्या प्राथमिक सहायता देनी चाहिए
1. व्यक्ति को ठंडी जगह पर ले जाना चाहिए
2. खुली हवा में पंखे या कूलर तथा एसी के नीचे लेटा देना चाहिए
3. गीले कपड़े से बदन को साफ करना चाहिए
4. नींबू पानी, छाछ या शरबत आदि पिलाना चाहिए
5. अगर व्यक्ति बेहोश हो रहा है तो पीड़ित को लिटा कर पाऊं को 1 फीट ऊपर कर देना चाहिए और दो-तीन मिनट तक रखना चाहिए
6. धूप या गर्मी से आने पर कभी भी ठंडा पानी चेहरे पर नहीं डालना चाहिए इससे ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा हो सकता है
ओआरएस के घोल से क्या समझते हो
एक गिलास पानी मैं एक चम्मच चीनी और एक चुटकी नमक मिलाकर ओआरएस घोल तैयार हो जाता है
पागल कुत्ता के काटने पर क्या करना चाहिए
1. घाव को साबुन व पानी से धोना चाहिए
2. यदि गर्म पानी मिल जाए तो गर्म पानी का प्रयोग करके 5 मिनट तक धोते रहना चाहिए
3. घाव पर जीवाणु रोधी मरहम लगाए और संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद करें
4. सीधा दबाव डालकर सूखे कपड़े से खून को बहने से रोकना चाहिए
5. प्राथमिक सहायता करते समय अपने हाथों में दस्ताने पहन कर रखें तथा प्राथमिक सहायता करने के बाद दस्तानों को उतारकर अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह साफ कर ले
6. व्यक्ति को शांत करें तथा अंदर के डर को निकाले
सांप के काटने पर क्या प्राथमिक सहायता करनी चाहिए 1. सांप के काटने की स्थिति में व्यक्ति को आरामदायक स्थिति में लेटा लेना चाहिए
2. उससे बातें करते रहना चाहिए
3. उसे सोने नहीं देना चाहिए
4. सांप के काटने के स्थान को साबुन व पानी से धो देना चाहिए
5. कटे हुए भाग को सूखे कपड़े से ढक देना चाहिए
6. यदि खून निकल रहा हो तो सीधे दबाव के द्वारा खून को रोक देना चाहिए
7. सांप के काटने पर व्यक्ति को चक्कर आने लगते हैं और वह बेहोश भी हो जाता है इसलिए बेहोशी का इलाज करना चाहिए
8. अति शीघ्र अस्पताल ले जाना चाहिए
सीपीआर से क्या समझते हो
सीपीआर के अंतर्गत हृदय को दबाकर कृत्रिम वायु का संचार किया जाता है इस प्रकार रोगी को पुनर्जीवित करने के लिए रोगी के हृदय और फेफड़ों को यांत्रिकी ढंग से चालू रख कर उसे जैविक मृत्यु से बचाया जाता है
सीपीआर देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए 1. सीपीआर हमेशा हार्ड सरफेस पर दिया जाना चाहिए
2. सीपीआर देते समय बाजू नहीं मुड़नी चाहिए
3. 1 मिनट में 100 से 120 बार चेस्ट को कमप्रेस करना चाहिए
4. सीपीआर दुर्घटना स्थल पर जब तक देना चाहिए जब तक क्वालिफाइड डॉक्टर ना आ जाए या पेट ऊपर नीचे ना होने लगे
मानव शरीर में खून की मात्रा कितनी होती है
मानव शरीर में खून की मात्रा लगभग 5 से 6 लीटर होती है
मानव शरीर में खून कितना होना चाहिए
मानव शरीर में वजन का 12 वां हिस्सा खून होना चाहिए
कितना खून बह जाने पर इंसान बेहोश हो जाता है
दो बटे तीन भाग खून निकल जाने पर इंसान बेहोश हो जाता है
बाहरी रक्त स्त्राव को किस किस विधि से रोका जा सकता है
1. सीधा दबाव डालकर
2. चोट वाले अंग को ऊंचा उठाकर
3. दबाव स्थलों का प्रयोग करके
4. रक्त बंद का प्रयोग करके
5. बर्फ की ठंडी सिकाई करके
दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को उठाकर अस्पताल पहुंचाने के कौन-कौन से तरीके हैं
1. एक व्यक्ति द्वारा उठाकर ले जाना
2. दो व्यक्तियों द्वारा उठाकर ले जाना
3. चार व्यक्तियों द्वारा उठाकर ले जाना
4. कंबल चादर टी-शर्ट डंडा रस्सी साइकिल आदि की मदद से स्ट्रेचर बनाकर ले जाना
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