डबुआ कॉलोनी में संस्कार कार्यशाला का आयोजन किया गया -डॉ एमपी सिंह
6 फरवरी 2023 अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के द्वारा डबुआ कॉलोनी में संस्कार कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने अध्यापकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अध्यापकों को सबसे पहले संस्कार पर कार्य करना चाहिए यदि विद्यार्थी में संस्कार पड़ जाते हैं तो ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं होती है संस्कार विहीन बच्चों को पढ़ाना बहुत मुश्किल हो जाता है इसलिए 3 से 6 साल की उम्र में विद्यार्थियों को पढ़ाना नहीं चाहिए बल्कि उनकी आदतों मैं परिवर्तन करना चाहिए क्योंकि इस उम्र में विद्यार्थी देख कर ही सीखते हैं कुछ बच्चे माता-पिता बनकर खेल खेलते हैं तो कुछ डॉक्टर और मरीज बनकर खेल खेलते हैं कुछ टीचर और विद्यार्थी बनकर खेल खेलते हैं तो कुछ विक्रेता और खरीददार बनकर खेल खेलते है इसलिए इस उम्र की बच्चों के सामने बहुत संयमित रहने की जरूरत है डॉ एमपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा यदि इस उम्र में अध्यापक दो और दो पांच पढ़ाते हैं और घर में पढ़े लिखे लोग दो और दो चार पढ़ाने की कोशिश करते हैं तो बच्चा नहीं मानता है वह कहता है मेरी मैडम जी ठीक है आप गलत है इसलिए इस उम्र के बच्चों को मारना पीटना ठीक नहीं है उनके विचारों और भावनाओं को समझना बहुत जरूरी है उनकी दिनचर्या को ठीक कराने में उनकी मदद करनी चाहिए कपड़ा पहनाने में खाना खिलाने में बैग तैयार करने में उनकी पूरी मदद करनी चाहिए क्योंकि अभी वह अबोधबालक है उनके सामने यदि आप गाली देते हैं तो वह भी आपको गाली दे सकते हैं डॉ एमपी सिंह ने कहा कि जब इस उम्र के बच्चों से कोई किसी चीज को चिंता है तो वह उस चीज को किसी बड़े बच्चे को नहीं देते हैं बल्कि उसको काट खाते हैं या उसको गाली दे देते हैं या पत्थर फेंक कर मार देते हैं इसलिए किसी चीज को जबरदस्ती उनसे नहीं छीनना चाहिए इस उम्र के बच्चों में संस्कार डालना बेहद जरूरी है इसी प्रकार की अनेकों बातों की चर्चा पूरे दिन चली और प्रैक्टिकल करके भी बताया अधिकतर माताओं ने अपने छोटे बच्चों की परेशानियों को भी शेयर किया तथा अपनी समस्याओं का समय पर ही निदान पाया और सभी माताओं ने शपथ ली कि आगे से उक्त सभी बातों का ध्यान रखेंगे और बच्चों का भविष्य संभालने में अपनी अहम जिम्मेदारी निभाएंगे
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