प्रशिक्षण के दौरान बेहोश हुई छात्रा की बचाई जान -डॉ एमपी सिंह

14 मार्च 2023 चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह ने बताया कि आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण शिविर के दौरान कोमल अचानक बेहोश हो गई जिसको तुरंत ही खुली हवा में ले जाया गया और आरामदायक स्थिति में बिठा दिया लेकिन उल्टी और चक्कर की वजह से और ज्यादा परेशानी बढ़ गई जिस को मध्य नजर रखते हुए डॉ एमपी सिंह ने जीवन रक्षक घोल बना कर दिया तथा गैस निवारण का उपचार किया हाथ और पैरों की सूखी मालिश की पैरों को हृदय से थोड़ा ऊंचा किया सम्मान सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अंदर के डर को निकाला और 20-25 मिनट में कोमल को आराम आ गया जिससे सभी प्रतिभागियों ने राहत की सांस ली 

इस अवसर पर डॉ एमपी सिंह ने सभी प्रतिभागियों को सचेत करते हुए कहा कि अधिकतर विद्यार्थी उटपटांग चीजों को खा लेते हैं  मिर्च मसाले और तली चीजों का अधिक सेवन करते हैं जिनको घर का बना हुआ खाना रास नहीं आता है उनके  पेट मे तेजाब बनना शुरू हो जाता है जिससे पेट में जलन होती है जी मचलता है उल्टी करने को दिल करता है आंखों में भी जलन शुरू हो जाती है सिर चकराने लगता है खट्टी डकार आने लगती है मुंह से पानी निकलने लगता है
 यदि यह हायपर एसिडिटी हो जाती है तो उससे गैस्टिक अटैक  आ जाता है जिसकी वजह से दिल की नलियां सिकुड़ जाती हैं और हार्टअटैक भी हो सकता है 

उक्त परेशानी से बचने के लिए हमें एक गिलास लौकी का रस खाली पेट पीना चाहिए उसमें 10- 5 पत्ते तुलसी और 10 -5 पत्ते पुदीना के डाल लेने चाहिए तथा काला नमक या सेंधा नमक अपने स्वाद के अनुसार डाल लेना चाहिए ऐसा यदि दो-तीन महीने तक करते9 हैं तो उससे सभी प्रकार की ब्लॉकेज खुल जाती है और 15- 20 दिन में ही आराम दिखाई पड़ने लगता है 
इस अवसर पर डॉ एमपी सिंह ने युवा साथियों से फास्ट फूड, बर्गर, चौमिन, पिज़्ज़ा आदि खाने के लिए मना किया तथा भरपेट  सलाद एक समय खाने की सलाह दी तथा 4 से 5 लीटर प्रतिदिन पानी पीने के लिए कहा

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