अदृश्य रिमोट कंट्रोल बहुत काम की चीज है -डॉ एमपी सिंह

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट ने रोशन नगर स्थित आइडियल पब्लिक स्कूल में आजादी के अमृत महोत्सव के 75 कार्यक्रमों के तहत संस्कार की पाठशाला का आयोजन किया जिसमें देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने समाज के प्रबुद्ध नागरिकों को अदृश्य रिमोट कंट्रोल के बारे में बताया उन्होंने कहा कि अनेक रिमोट कंट्रोल ऐसे हैं जिनसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चलते हैं लेकिन एक ऐसा अदृश्य रिमोट है जिससे मनुष्य चलता है 
कोई जरा सी गलती कर दे तो गुस्सा आ जाता है कोई जरा सा प्यार दिखा दे तो अपना सब कुछ उस पर न्योछावर  कर देते हैं कोई जरा से कान भर दे तो उसे सच मान लेते हैं कोई जरा सा चुगली कर दे तो बदले की भावना से नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं कोई जरा सा मुंह पर प्रशंसा कर दे तो उसे अपना समझ बैठते हैं इसका मतलब है कि आपका रिमोट कंट्रोल किसी और के हाथ में है जिसको आपको अपने हाथ में रखना चाहिए 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जिसको परमपिता परमात्मा ने बुद्धि और विवेक दिया है लेकिन फिर भी वह बुद्धि और विवेक से काम नहीं लेता है और किसी के भी दबाव तथा प्रभाव में आकर गलत फैसले ले लेता है उसे समझना चाहिए कि कौन किस मनषा से कैसी बात कर रहा है  किसी की बातों में आकर किसी का बुरा नहीं करना चाहिए यदि घर में पत्नी या नौकर से किचन में कोई कांच का बर्तन टूट गया है या तेल पानी बिखर गया है तो उस पर चिल्लाना नहीं चाहिए यदि किसी कारण से अपने बच्चे के परीक्षा में अंक कम आ गए हैं तो उसको मारना पीटना नहीं चाहिए यदि किसी कारण से बेटी घर आने में लेट हो गई है तो उस पर अनाप-शनाप लांछन नहीं लगाने चाहिए यदि किसी बहन बेटी को गली में खड़े और किसी व्यक्ति के साथ बात करते या हंसते देख लिया है तो उसे दोषी ठहरा कर मारपीट करके घर से बाहर नहीं निकालना चाहिए 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि गुस्सा करने से अपना ही नुकसान होता है अपना ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है शुगर लेवल बढ़ जाता है कई बार कई लोग गुस्से में अपघात कर लेते हैं या घर छोड़ कर चले जाते हैं कुछ संत महात्मा बन जाते हैं कुछ गलत हाथों में फंस जाते हैं और अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेते हैं इसलिए सोच समझकर फैसला लेना चाहिए 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जहां पर आप रहते हो यदि वहां पर चिल्ला कर बोलते हो अश्लील व असभ्य शब्दों का प्रयोग करते हो तो आसपास के लोग आपकी इज्जत नहीं करते हैं बल्कि आप का मजाक बनाते हैं आपका उपहास करते हैं ऐसा तभी होता है जब आप गुस्से में आपे से बाहर होते हो
 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि बनावटी गुस्सा करना चाहिए ताकि बेहतर परिणाम आ सके उसमें किसी का अहित नहीं होना चाहिए बल्कि सीख होनी चाहिए लेकिन किसी को पता नहीं चलने देना चाहिए 

उक्त कार्यक्रम में विद्यालय के चेयरमैन राकेश भड़ाना ने डॉ एमपी सिंह का गुलदस्ता देकर स्वागत किया तथा धन्यवाद किया और कहा कि अखिल भारतीय मानव कल्याण के द्वारा संचालित संस्कार की पाठशाला अत्यंत लाभदायक और शिक्षाप्रद है इस प्रकार के कार्यक्रमों के बेहद अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम जनहित और राष्ट्रहित होते हैं

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