प्रभावी बोलचाल के तरीकों को अपनाकर प्रशासनिक कार्यों को अति शीघ्र निपटाया जा सकता है -डॉ एमपी सिंह
मोटिवेशनल स्पीकर और लाइफ कोच डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आईएएस और एचसीएस अधिकारी हमेशा बड़े अधिकारी ही रहते हैं उनकी कलम में ताकत होती है इसलिए उन्हें कभी अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए यदि सीनियर अधिकारी अपने जूनियर अधिकारी को निश्चित अवधि देकर कार्य की रिपोर्ट चाहते हैं तो जूनियर अधिकारी समय रहते उस रिपोर्ट को देने के लिए बाध्य होते है अन्यथा उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है एक भ्रष्ट और करप्ट कर्मचारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने पर सभी की आंखें हो जाती हैं और सभी नियमानुसार अपने कार्य को निपटाना शुरू कर देते हैं निम्न स्तर के अधिकतर कर्मचारी पब्लिक को इधर से उधर घूमाते रहते हैं और पब्लिक परेशान होकर उनके अनुसार समझौता कर लेती है जिससे उन कर्मचारियों की आदत खराब हो जाती हैं और वहीं से भ्रष्टाचार शुरू हो जाता है यदि सार्वजनिक स्थान पर एक शिकायत पत्र रख दिया जाए और जिन लोगों को जिस कर्मचारी से परेशानी होती है उसकी शिकायत उस शिकायत पेटिका में डाल दी जाए समय रहते उन शिकायतों पर सुनवाई की जाए तब कुछ ही समय में व्याप्त भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि मोटी मोटी तनखा लेने वाले कर्मचारी और अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाते हैं जिसकी वजह से काम पेंडिंग होता हुआ चला जाता है यदि समय पर सभी फाइल निकलती रहे तो काम पेंडिंग नहीं होगा और सुचारू रूप से कार्य चलता रहेगा
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकारी और कर्मचारी को व्यवहार कुशल होना चाहिए प्रभावी बोलचाल के तरीकों को अपनाना चाहिए समाज का ज्ञान होना चाहिए अदम का पहनावा होना चाहिए ड्यूटी आवर्स में अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से समर्पण भाव के साथ करना चाहिए दया भाव को रखना चाहिए जाति और धर्म के भेदभाव से परे होना चाहिए जितना मदद कर सकते हैं मदद करनी चाहिए जितना मार्गदर्शन कर सकते हैं मार्गदर्शन करना चाहिए यह नहीं सोचना चाहिए कि यह इस ऑफिस का कार्य नहीं है यदि कोई गलत व्यक्ति किसी दूसरे ऑफिस में चला जाता है तो उससे अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए और अभद्र व्यवहार भी नहीं करना चाहिए गलत सोच के कर्मचारियों पर सीनियर अधिकारियों को सख्ताई से पेश आना चाहिए
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