शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने में आम आदमी का सहयोग जरूरी है -डॉ एमपी सिंह
दिल्ली स्थित ग्रेटर कैलाश में दीपावली का त्यौहार मनाते हुए देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने कहा कि दिल्ली और दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में एकयूआई का लेबल 350 को पार कर गया है जोकि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है वायुमंडल में जहर घुल चुका है जिसकी वजह से जहरीली प्राणवायु को लेने के लिए आम आदमी मजबूर हो रहा है इससे छुटकारा पाने के लिए हमें अपने आस पड़ोस में कूड़े को नहीं जलाना चाहिए तथा कंस्ट्रक्शन का काम करते समय विशेष एतिहाद बरतनी चाहिए एनजीटी और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की गाइड लाइन ओं की पालना करनी चाहिए अपने वाहनों का प्रदूषण चेक कराना चाहिए प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध होना चाहिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए जंगल और वनों को नहीं काटना चाहिए पराली नहीं जलानी चाहिए धुआ फैलाने वाले कारखाने शहर से बाहर होने चाहिए सरकार का मानना है कि बम पटाखे और आतिशबाजी से जहरीला धुआं वातावरण में घुल जाता है जिससे एक्यूआई लेबल और बढ़ जाता है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि प्रदूषण से फेफड़ों से संबंधित बीमारी हो जाती हैं फेफड़े खराब हो जाते हैं प्रदूषण की वजह से 60 फ़ीसदी लोगों को अस्थमा हो चुका है जो जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं इसलिए शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हमें हर सार्थक कदम उठाना चाहिए और सरकार के दिशा निर्देशों की पालना करनी चाहिए प्रदूषण के लिए अधिकतर हम लोग भी जिम्मेदार हैं
यदि हम ईमानदारी से नियमों की पालना करें और अपने प्रति ईमानदार हो जाए तो हमारा शहर प्रदूषण मुक्त हो जाएगा
यदि हम स्वार्थ हित में अपने कार्य करते रहें और दूसरों को शिक्षा देते रहें तो कभी भी हमारा शहर प्रदूषण मुक्त नहीं हो सकता है
प्रदूषण मुक्त करने के लिए भाषण नहीं बल्कि अपने घर से और अपने आप से शुरुआत करनी पड़ेगी
सरकार और अधिकारियों तथा कर्मचारियों का दोष निकालने या दोषारोपण करने से किसी समस्या का समाधान नहीं होता है
इस अवसर पर फॉर्मर एडीशनल एडवोकेट जनरल तथा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विकास वर्मा ने ग्रेटर कैलाश फर्स्ट में अपने ऑफिस पर आए हुए सभी अतिथियों का गुलदस्ता तथा अंग वस्त्र देकर स्वागत व सम्मान किया इस अवसर पर फॉर्मर एडीशनल एडवोकेट जनरल तथा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विवेक गोयल दिल्ली लोकसभा प्रत्याशी वीरेंद्र बिधूड़ी पूर्व विधायक व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ चाहर पूर्व विधायक ललित नागर पूर्व चेयरमैन संजय कौशिक हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सुमित गौड समाजसेवी रविंद कुमार सोशल एक्टिविस्ट मनीष शर्मा एडवोकेट राजेश खटाना एडवोकेट मनीष वर्मा तथा अन्य समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे और सभी ने एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं आदान प्रदान की
इस अवसर पर अनेकों साथियों ने प्रश्न किए दीपावली पर भी के दिए क्यों जलाए जाते हैं बम पटाखे क्यों जलाए जाते हैं मिठाई आदि क्यों बांटी जाती है उपहार क्यों दिए जाते हैं
उक्त सभी प्रश्नों का जवाब देते हुए डॉ एमपी सिंह ने कहा की मर्यादा पुरुषोत्तम राम 14 वर्ष का वनवास काटकर जब अयोध्या वापस आए थे तब अयोध्या वासियों में खुशी की लहर थी इसीलिए अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाए और बम पटाखे और आतिशबाजी चलाकर खुशी मनाई
उस समय भरपूर मात्रा में पेड़ पौधे वे जंगल हुआ करते थ प्रदूषण नाम की कोई चीज नहीं थी इसलिए बम पटाखे चलाने पर भी कोई रोक नहीं थी
दूसरा श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जीने ग्वालियर के किले से 52 हिंदू राजपूत राजाओं को मुगल बादशाह जहांगीर से रिहा कराया था
इसलिए गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ किला से श्री अकाल तख्त साहिब श्री अमृतसर साहिब तक देसी घी के दीए जलाकर खुशी प्रकट की थी उस समय से ही सिखों में दीपावली का त्यौहार बंदी छोड़ दिवस के रूप में बड़ी ही श्रद्धा भावना से मनाया जाता है
डॉ एमपी सिंह का कहना है की भारतवर्ष के सभी सनातनी त्योहार हम सभी को जीने की कला सिखाते हैं और कुछ ना कुछ संदेश अवश्य देते हैं हमें उन सभी संदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए और उस पर चल कर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए
इसी सोच के साथ में राजा दशरथ मर्यादा पुरुषोत्तम राम हनुमान सुग्रीव जामवंत नल नील अंगद विभीषण कौशल्या कैकेई सुमित्रा मंथरा भीलनी केवट जटायु जनक दुलारी सीता मंदोदरी अहिरावण मेघनाथ कुंभकरण आदि अन्य पात्रों से भी सीख लेनी चाहिए और रावण की तरह अहम और वहम में नहीं रहना चाहिए
महर्षि बाल्मीकि तरह गुरु और संरक्षक बनना चाहिए हनुमान की तरह सेवक होना चाहिए लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न जैसे भाई बनने की कोशिश करनी चाहिए सीता जैसी सतवंती नारी बनने की कोशिश करनी चाहिए
सिर्फ मिठाई खाना मिठाई बांटना उपहार देना उपहार लेना ही दीपावली का त्योहार नहीं है दीपावली अधर्म पर धर्म और अंधकार पर प्रकाश की जीत है यह हम सभी की समझ में आना चाहिए और भावी पीढ़ी को भी समझाना चाहिए
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