हल्की वर्षा की वजह से हुआ एक्यूआई लेवल कम -डॉ एमपी सिंह

चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब सभी लोग परेशान हो जाते हैं तब प्रकृति साथ देती है और जब प्रकृति को सभी लोग नुकसान पहुंचाते हैं तो प्रकृति अपने विकराल रूप में आ जाती है जिसका प्रकोप अनेकों बार देखने को मिला है इसलिए हमको प्रकृति को जानना और मानना चाहिए प्रकृति के साथ छेड़छाड़ और खिलवाड़ नहीं करनी चाहिए वनों व जंगलों को नहीं उजाड़ना चाहिए जल दोहन भूमि दोहन नहीं करना चाहिए कच्चे पहाड़ों को नहीं काटना चाहिए खनन माफिया भू माफिया और जल माफिया नहीं बनना चाहिए प्रकृति से डरना चाहिए तथा आपस में प्यार से रहना चाहिए एक दूसरे की मदद करनी चाहिए
 डॉ एमपी सिंह ने कहां कि प्रदूषण के अनेकों कारण हैं जिनमें से मुख्य कारण सड़क पर गड्ढे होना है गड्ढों की वजह से वाहन रुक कर धीमे-धीमे चलता है और जाम की स्थिति बनी रहती है जिससे वाहनों का  धूआ ज्यादा निकलता है यदि सड़क के गड्ढों को भर दिया जाए तो प्रदूषण से काफी निजात मिल सकती है 
दूसरा मुख्य कारण है कि स्मार्ट सिटी  के तहत जगह-जगह कार्य चल रहा है जिसकी वजह से संकुचित रास्ता हो जाता है बहन धीमी गति से चलते हैं इसलिए बहुत लंबा जाम लग जाता है 
तीसरा मुख्य कारण है कि ओवरब्रिज और हाईवे का निर्माण कार्य चल रहा है जिसकी वजह से वाहनों के निकलने के लिए छोटे रास्ते कर दिए गए हैं और रास्ते भी उबड़ खाबड़ है जिसमें सभी वाहन बहुत धीमी गति से चलते हैं ऐसी स्थिति में बार-बार क्लच और ब्रेक का प्रयोग किया जाता है जिससे फ्यूल ज्यादा जलता है और प्रदूषण ज्यादा फैलता है 
अनेकों जगह पर लाल बत्ती कार्य नहीं कर रही हैं और चौक चौराहों पर कई वाहन जल्दबाजी के चक्कर में फस जाते हैं पुलिस व्यवस्था ना होने की वजह से घंटों तक लोग जाम में खड़े रहते हैं वाहन स्टार्ट रहते हैं डीजल और पेट्रोल जलता रहता है वाहनों का धुआं वायु मंडल में मिलता रहता है और लोग प्रदूषित वायु लेते रहते हो जिससे कुछ लोग साथ ही साथ बीमार भी पड़ जाते हैं डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जहां पर सड़क  ठीक नहीं है सड़क उबड़ खाबड़ है सड़क में गहरे गड्ढे व अवरुद्ध है जहां रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं जहां सड़क पर लगी ग्रिल को काटा उखाड़ या तोड़ा गया है जहां सड़क पर चिन्ह और प्रतीक नहीं लगे हुए हैं जहां पीली पट्टी सफेद पट्टी ज़ेबरा क्रॉसिंग चिन्हित   नहीं है वहां पर पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों को उस विभाग के खिलाफ पर्चा दर्ज करना चाहिए सत्ताई करने से ही इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है अन्यथा एक दूसरे के ऊपर अपनी जिम्मेदारी को डालते रहते हैं पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को निम्न अधिकारियों से जांच करानी चाहिए और रिपोर्ट तथा सुझाव मांगने चाहिए काफी समस्याओं का समाधान हो जाएगा और लापरवाह अधिकारियों के बारे में पता भी चल जाएगा एनएचएआई एचएसवीपी व नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्र को चिन्हित कर देना चाहिए और अधिकारियों की जिम्मेदारी  फिक्स कर देनी चाहिए किसी भी कार्य को करने के लिए पेपर प्लान तैयार किया जाता है सिर्फ मीटिंग के आयोजनों से कुछ नहीं होता है समस्या से निदान पाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता और गैर सरकारी संस्थान का भी सहयोग लिया जा सकता है डॉ एमपी सिंह ने कहा कि जिन उद्योग धंधों से प्रदूषण फैल रहा है या जो प्रदूषण फैलाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं उनके खिलाफ प्रदूषण बोर्ड को सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए क्योंकि सरकार के नियमों की पालना करना हम सभी का नैतिक दायित्व है दोषारोपण करने से कुछ नहीं होता है या सिर्फ कमी निकालने से कुछ नहीं होता है समाधान के लिए हमें स्वयं से शुरुआत करनी होती है 
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर लोग पुलिस की वर्दी से ही डरते हैं सिविल कर्मचारी और अधिकारियों को कुछ नहीं समझते हैं इसलिए खाकी वर्दी धारकों को समर्पण के साथ ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहिए ताकि सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सके 
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि प्रतिदिन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तथा निगम की गाड़ियां हल्का-फुल्का छिड़काव कर रही थी क्योंकि फरीदाबाद बहुत बड़ा है सभी जगह गाड़ियों का पहुंचना संभव नहीं है लेकिन परमात्मा ने इस आवाज को सुना और सभी जगह छिड़काव कर दिया पेड़ पौधों पर जमी हुई धूल को भी साफ कर दिया जिसकी वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स कम हो गया अब हमें इसे मेंटेन करने की जरूरत है 
हमें शपथ लेनी चाहिए कि विवाह शादियों में हमें बम पटाखे और आतिशबाजी नहीं छोड़नी चाहिए किसी भी उत्सव पर आतिशबाजी नहीं चलानी चाहिए कंस्ट्रक्शन करते समय नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की गाइडलाइन की पालना करनी चाहिए
 प्रदूषण को कम करने में व रोकने में अपनी अहम भूमिका निभानी है 
बढ़िया पहुंच वाले होने का मतलब यह नहीं है की सभी नियमों को ताक पर रखकर अपना घर मकान दुकान फैक्ट्री बना ले
 बिल्डिंग मैटेरियल सप्लायर को भी एनजीटी  के नियमों की पालना करनी चाहिए
 ईट मिट्टी डस्ट रोड़ी क्रेसर आदि को ढोने वाले डंपर व गाड़ियों को भी विशेष एहतियात बरतने चाहिए
 यदि हम सभी भारतीय अपनी छोटी-छोटी जिम्मेदारियों को निर्धारित कर लें तो बड़ी से बड़ी समस्या का निदान बिना सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के भी हो सकता है 
लेकिन हमारी सोच तो यही होती है कि हम टैक्स देते हैं सभी जनप्रतिनिधि तथा सरकारी कर्मचारी और अधिकारी मोटी मोटी तनख्वाह लते हैं इसलिए साफ सफाई व विकास संबंधी सभी समस्याओं से छुटकारा दिलवाना उनका ही कार्य है 
उक्त विचार लेखक डॉ एमपी सिंह अपने स्वतंत्र विचार हैं तथा जनहित और राष्ट्रहित में प्रकाशित कर दिए गए हैं कृपया हौसला अफजाई के लिए अपने कमेंट करें तथा लाइक और शेयर अवश्य करें

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