बिना काबिलियत के पैसे के आधार पर पदों को हथियाना उचित नहीं है- डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एमपी सिंह का कहना है कि रिश्वत देकर परीक्षा में पास होना नियमित पढ़ाई के बिना डिस्टेंस लर्निंग करना बिना स्कूल और कॉलेज गए डिग्री और डिप्लोमा हासिल करना प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक कराकर मेरिट में स्थान प्राप्त करना रिश्वत देकर नौकरी को प्राप्त करना यह सब कुछ अनुचित है काबिलियत के आधार पर जो शिक्षा और पद प्राप्त किए जाते है उस पर सभी को गर्व होता है और समाज तथा देश को बेहतर प्रदान कर पाते है
डॉ एमपी सिंह ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा हरियाणा कर्मचारी आयोग के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर के पास करोड़ों रुपए विजिलेंस ने प्राप्त किए जिसमें पर्दाफाश हुआ इस प्रकरण में अनेकों आईएएस, आईपीएस ,एचसीएस अधिकारियों ने अपने सगे संबंधियों से पैसे लेकर उच्च पदों पर आसीन कर दिया ऐसे लोग समाज के लोगों को न्याय नहीं दिला सकते और अपनी आत्मा के साथ भी न्याय नहीं करते हैं यदि ऐसे लोग डॉक्टर बन जाते हैं तो हजारों लोगों को मृत्यु के घाट उतार देते हैं
यदि ऐसे लोग सरकारी विभाग में इंजीनियर बन जाते हैं तो ओवर ब्रिज ऐसा बनाते हैं कि साल 2 साल के बाद ही वह सैकड़ों लोगों की जान ले लेता है
गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण भी नहीं कर पाते दूरदर्शिता के आधार पर उनके पास कोई विजन नहीं होता है जिससे समस्या जहां की तहां बनी रहती है
अभी हाल ही में यूपी टेट पेपर लीक हुआ जिसमें परीक्षा नियमावली अधिकारी के सचिव संजय कुमार उपाध्याय गिरफ्तार हुए पूरे देश भर में यह पेपर व्हाट्सएप पर 2 लाख से 200 लाख रुपए में बिका क्या यह उचित है
डॉ एमपी सिंह का कहना है इसमें सरकार दोषी नहीं है इसमें हम सब लोग दोषी हैं क्योंकि हम शॉर्टकट के रास्ते से सफलता को हासिल करना चाहते हैं अपने बच्चों के साथ भी अन्याय कर रहे हैं उनको भी नकलची बना रहे हैं और अपनी पहुंच के साथ में कहते हैं कि बेटा पढ़ने की जरूरत नहीं है मेरी बहुत पहुंच है जहां पर छपता है वहीं से मैं पेपर आपको ला दूंगा या जो पेपर कराते हैं वह सब मेरे मित्र और साथी हैं उनसे मैं पेपर लाकर आपको दे दूंगा उसी को आप करआना उसी से आपका सिलेक्शन हो जाएगा इससे बच्चों की आदत खराब हो रही है यदि उनको सही शिक्षा दी जाए नकल रहित परीक्षा पास करने की हिदायत दी जाए तो भविष्य में अच्छे डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, प्रोफेसर, लेक्चरर, साहित्यकार, खिलाड़ी, अधिकारी मिल जाएंगे
नकल से डिग्री हासिल करने के बाद अध्यापक अपने विद्यार्थियों को क्या पढ़ायगा, कैसी शिक्षा देगा, कैसे विद्यार्थी पैदा होंगे, कैसा देश बनेगा यह सोचने का विषय है
इसलिए कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर काबिलियत मेहनत लगन शिक्षा हुनर सेवा ही काम आती है गलत तरीकों से इन पदों को प्राप्त करने के बाद देश की उन्नति नहीं अवनति ही होगी
इसलिए हम सभी को इस विषय पर गंभीर रूप से विचार करना चाहिए क्या उचित है क्या अनुचित है क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए मेरी नजरों में सरकार इतनी गलत नहीं होती है जितना कि हम स्वयं गलत होते हैं स्वार्थ हित में अंधे हो जाते हैं और किसी भी गलत काम को करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को मजबूर कर देते हैं
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