समाज परिवर्तन में बुद्धिजीवियों की अहम भूमिका होती है - डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि समाज परिवर्तन में बुद्धिजीवियों की अहम भूमिका होती है
यदि बुद्धिजीवियों ने अपनी आवाज पर ताला लगा लिया और सच को सच नहीं कहा पुलिस और प्रशासन के डर में नेताओं की भाषा को बोलना शुरु कर दिया तो समाज का परिवर्तन संभव नहीं है
क्योंकि अत्यधिक दार्शनिकों को पढ़ने के बाद सत्य -असत्य, हित- अहित, सही- गलत का बोध होता है
यदि बुद्धिजीवी कलमकार ने अपनी कलम से सही नहीं लिखा तो आने वाला देश का युवा माफ नहीं करेगा
यदि बुद्धिजीवी साहित्यकारों ने सही साहित्य को प्रकाशित नहीं किया तो आने वाला युवा भ्रमित हो जाएगा और आने वाला भारत सशक्त की बजाए कमजोर पड़ जाएगा
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि यदि भारत की एकता अखंडता और समृद्धि को देखना चाहते हो तो अच्छे शिक्षण संस्थानों की नींव रखो टेक्निकल कॉलेज आईटीआई और पॉलिटेक्निक की ज्यादा से ज्यादा स्थापना करो उसमे शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए उच्च कोटि के विद्वान दो
स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए जैविक खेती को अपनाओ तथा अपना काम स्वयं करो
चिकित्सा के क्षेत्र में सरकारी अस्पताल क्षेत्र की सुविधा अनुसार होने चाहिए क्योंकि कोरोना काल में जान बचाने वाले सरकारी अस्पताल ही थे प्राइवेट अस्पतालों और प्राइवेट डॉक्टरों ने तो दूरियां बना रखी थी
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि भारतवर्ष में आज भी अधिकतर लोग गरीबी से जूझ रहे हैं दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही है ऐसी स्थिति में प्राइवेट स्कूल मैं अपने बच्चों को पढ़ाना और प्राइवेट अस्पताल में अपनी बीमारी का इलाज करवाना संभव नहीं है
इसलिए सरकार को सही सोच पर कार्य करना चाहिए ताकि संविधान में दिया गया समानता और स्वतंत्रता का अधिकार सभी को प्राप्त हो सके
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि सही आवाज उठाने वाले का सम्मान करना चाहिए सही सलाह देने वाले की इज्जत करनी चाहिए ना कि सीबीआई और सीआईडी के द्वारा प्रताड़ित करना चाहिए
यदि ऐसा होता रहा तो सही बात को कोई भी नहीं बोल पाएगा और समस्या ज्यों की त्यों बनी रहेगी
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