एकलव्य इंस्टिट्यूट में कैंसर जागरूकता कार्यक्रम संपन्न - डॉ एमपी सिंह

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट की तरफ से एकलव्य इंस्टिट्यूट में कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया  जिसमें देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि गुटका पान तंबाकू कैंसर ही नहीं बल्कि नपुंसकता का भी कारक है इसलिए हमें गुटका पान तंबाकू नहीं खाना चाहिए 

डॉ एमपी सिंह ने कहा कि यह एक धीमा जहर है जो धीरे-धीरे आप के सभी अंगों को नुकसान पहुंचाता है अगर आप इस नशे के शौकीन हैं तो बिल्कुल छोड़ दें क्योंकि पहले इसका प्रयोग घोड़े के पेट में कीड़ों को मारने के लिए किया जाता था लेकिन आज अधिकतर भारतीय लोग अपने गम को कम करने और दूसरों को नीचा दिखाने के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं इसके सेवन से प्रतिवर्ष लगभग एक लाख लोग मारे जा रहे हैं

 डॉ एमपी सिंह ने कहा कि इसके सेवन से मुंह गला कंठ नली खाद्य नली पेनक्रियाज फेफड़ा गुर्दा और मूत्राशय का कैंसर हो जाता है 
सांस लेने में तकलीफ होती है 
पुरुषों में नपुंसकता आ जाती है
 महिलाओं में जनन क्षमता में कमी हो जाती है
 आंखों के पास झुर्रियां पढ़ जाती हैं
 सांस में बदबू आने लगती है
  घर में धूम्रपान करने से बच्चों में निमोनिया और अस्थमा हो जाता है
 एक सिगरेट पीने से 14 मिनट उम्र घट जाती है
 दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है 
सामान्य व्यक्ति की तुलना में 60 फ़ीसदी अधिक बीमारी का खतरा बढ़ जाता है 
ब्रेन हेमरेज हो सकता है
 लकवा मार सकता है
 हृदय आघात हो सकता है 
उक्त रक्तचाप और अल्सर हो सकता है 
हड्डियां कमजोर हो जाती हैं
 रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिसकी वजह से बार-बार संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है

 डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर लोग तंबाकू खाने की वजह से इधर उधर थूकते रहते हैं जबकि सार्वजनिक स्थानों पर थूकना मना होता है और ₹500 से लेकर ₹2000 तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है कई बार बेज्जती को भी सहन करना होता है अधिकतर घरों में इसको पसंद नहीं किया जाता है इसकी वजह से घर में कल है और क्लेश रहता है जिसकी वजह से कुछ लोग इससे छुटकारा भी पाना चाहते हैं 

छुटकारा पाने के लिए डॉ एमपी सिंह ने टिप्स देते हुए कहा कि अजवाइन और सौंफ को तवे पर थोड़ा भून कर सेंधा नमक और काली मिर्च अपने स्वाद के अनुसार मिलाकर बार-बर खाते रहना चाहिए इससे आप का पाचन तंत्र ठीक हो जाता है और शरीर का खून भी साफ हो जाता है 
 मिश्री लॉन्ग दालचीनी आदि के प्रयोग से भी लत छूट जाती है 
इसमें धीरे-धीरे घुट घुट कर क पानी  पीना चाहिए
 योग व मेडिटेशन करना चाहिए
 किसी ऐसे व्यक्ति के पास चला जाना चाहिए जो तंबाकू गुटका का  उपयोग नहीं करते हैं 
विल पावर को स्ट्रांग करना चाहिए

 डॉ एमपी सिंह ने बताया कि भारत में चौंकाने वाले आंकड़े हैं इसमें 50% पुरुष और 20% महिलाएं कैंसर की शिकार हैं जिसमें से 90% मुंह का कैंसर और 90% फेफड़ों का कैंसर धूम्रपान के कारण है
 धूम्रपान करने और तंबाकू खाने की वजह से मसूड़े क्षतिगस्त हो जाते हैं 
 दांत काले होने के साथ-साथ टूटने लगते हैं
 बैक्टीरिया व वायरस मुंह के अंदर जाकर गंभीर रोग पैदा कर देते हैं 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि पान मसाला एवं गुटखा व्यक्ति विशेष के लिए नहीं बल्कि सरकार के लिए भी नुकसानदायक है क्योंकि इन उत्पादों से सरकार को जो आए होती है उससे 3 गुना ज्यादा सरकार का कैंसर रोगियों पर खर्चा  हो जाता है इसलिए सरकार को इसके बारे में सोचना चाहिए

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