छठ पर्व आस्था, उपासना और पवित्रता का त्यौहार है- डॉ एमपी सिंह

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने छठ महापर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा की पूर्वांचल साथियों के लिए यह अनुपम और अनूठा लोकपर्व है जिसमें उगते और डूबते सूर्य की पूजा की जाती है यह चार दिवसीय उत्सव है जिसमें दैनिक जीवन की सभी मुश्किलों को भुलाकर सेवा भाव से सामूहिक पूजा अर्चना करते हैं

 डॉ एमपी सिंह ने बताया कि यह सूर्य देव की आराधना का पर्व है इसमें किसी पुजारी की आवश्यकता नहीं पड़ती है इसमें  36 घंटे तक निर्जला व्रत किया जाता है यह पर्व तालाब या नदी के किनारे सामूहिक रूप से एकत्रित होकर मनाया जाता है 

डॉ एमपी सिंह ने बताया कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सौरऊर्जा से निकलने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों का स्तर बहुत कम हो जाता है इसलिए मानव शरीर के लिए यह लाभदायक तथा सुरक्षित है इसके अनुष्ठान के दौरान जल में कई घंटों तक खड़े होने की परंपरा है जिससे  ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है और मन को शांति मिलती है प्रतिरक्षा शक्ति  बढ़ जाती है नकारात्मक भावनाएं खत्म हो जाती हैं क्रोध में भी गिरावट आ जाती है इसलिए यह व्रत स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यंत लाभदायक है

 डॉ एमपी सिंह ने बताया कि छठ महापर्व मैथिल, मगध और भोजपुरी के लोगों का सबसे बड़ा ऐतिहासिक पर्व है यह बिहार की वैदिक आर्य संस्कृति की एक छोटी सी झलक है इस त्यौहार के अनुष्ठान काफी कठोर हैं इसमें काफी लंबे समय तक पानी में खड़े होकर सूर्य भगवान की पूजा अर्चना की जाती है और फिर जल और दूध से सूर्य भगवान को अर्क दिया जाता है यह पूजा किसी कठोर तपस्या से कम नहीं है इस पर्व पर छठ मैया की  पूजा अर्चना करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं जिसमें अधिकतर लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती

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